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बेटी की शादी के लिए सरकार से मिलेगी 1 लाख रुपये तक की धनराशि, जानें इस योजना के बारे में सबकुछ

योजना के तहत हम्मालों एवं पल्लेदार को 18 से 60 वर्ष की आयु होने तथा राज्य का मूल निवासी होने पर सहायता दी जाती है. साथ ही उनका राजस्थान कृषि उपज मंडी समिति अधिनियम 1961 के अधीन अनुज्ञप्तिधारी होना तथा राज्य की कृषि मंडियों में निर्धारित कार्य करना आवश्यक शर्त है. इन्हें किसी अन्य स्रोत से वेतन प्राप्त नहीं होने पर ही सहायता देय है.

बेटी की शादी के लिए सरकार से मिलेगी 1 लाख रुपये तक की धनराशि, जानें इस योजना के बारे में सबकुछ
प्रतीकात्मक तस्वीर.

Rajasthan News: महात्मा ज्योतिबा फुले मंडी श्रमिक कल्याण योजना (MJPMSKY) के माध्यम से राजस्थान की भजनलाल सरकार (Bhajanlal Government) कृषि मंडियों में काम करने वाले हम्माल, तुलारा एवं पल्लेदारों को बच्चों के लिए आर्थिक सहायता दे रही है. बच्चों के पैदा से लेकर उनकी पढ़ाई, शादी और इलाज तक इस योजना में कवर होता है.

7 महीने में 265 लाख का भुगतान

कृषि विपणन विभाग के निदेशक राजेश कुमार चौहान ने बताया कि इस साल जनवरी से लेकर जुलाई महीने तक मंडी समितियों के माध्यम से 672 हम्माल, तुलारा एवं पल्लेदारों को 265 लाख 33 हजार 537 रुपये की आर्थिक सहायता का भुगतान किया गया है. उन्होंने बताया कि योजना के माध्यम से लाइसेंसधारी महिला हम्माल एवं पल्लेदारों को प्रसूति सहायता, पुरुष को पितृत्व सहायता, महिला के विवाह और पुरुष एवं महिला हम्माल और पल्लेदारों की दो पुत्रों की सीमा तक 50 हजार रुपये प्रति विवाह सहायता दी जाती है. इसी प्रकार मेधावी छात्रों को कक्षा 10 से स्नातकोत्तर तक 2 हजार से 6 हजार तक की छात्रवृत्ति और 20 हजार रुपये तक की चिकित्सा सहायता मुहैया करवाई जाती है.

मंडी समितियां जमा करवा रहीं अंशदान

कुमार ने बताया कि प्रदेश की कृषि उपज मंडी समितियों द्वारा हम्माल, तुलारा एवं पल्लेदारो का अंशदान जमा कराना अनिवार्य है. इसके लिए मंडी समितियां को चार श्रेणियां में विभाजित किया गया है. विशिष्ठ एवं A श्रेणी की मंडिया द्वारा प्रति श्रमिक 1000 रुपये, B श्रेणी की मंडियां द्वारा 500 रुपये, C श्रेणी की मंडियां द्वारा 300 रुपये और D श्रेणी की मंडियां द्वारा 200 रुपए प्रति श्रमिक अंशदान जमा करवाया जाता है.

लाडली के विवाह पर 50 हजार की सहायता

योजना के तहत अधिकतम दो बेटियों के विवाह के लिए प्रति बेटी के विवाह पर 50 हजार रुपये की सहायता राशि दी प्रदान की जाती है. साथ ही लाइसेंसधारी महिला के विवाह पर भी 50 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाती है. सहायता के लिए आवेदक को विवाह से 90 दिन में आवेदन प्रस्तुत करना आवश्यक है.

श्रमिकों को 20 हजार रुपये की चिकित्सा सहायता

अनुज्ञप्तिधारी हमाल एवं पल्लेदारों को कैंसर, हार्ट अटैक, लीवर, किडनी जैसी गंभीर बीमारियों से ग्रसित होने पर सरकारी अस्पताल, स्वास्थ्य केंद्र, राज्य सरकार द्वारा सरकारी कर्मचारियों के लिए अधिकृत अस्पताल में भर्ती होने पर चिकित्सा सहायता के लिए अधिकतम 20 हजार रुपए की सहायता प्रदान की जाती है.

महिलाओं को 45 दिवस की प्रसूति सहायता और पुरुषों को 15 दिवस का पितृत्व संबल

योजना के तहत महिला हम्मालों एवं पल्लेदारों को अधिकतम दो प्रसूतियों पर 45 दिन की मजदूरी के समतुल्य राशि का भुगतान करके सहायता प्रदान की जाती है. इसी प्रकार पुरुष हम्माल को पितृत्व अवकाश के रूप में निर्धारित प्रचलित मजदूरी दर के अनुसार 15 दिन की मजदूरी का भुगतान किया जाता है. इसके लिए आवेदक को 3 माह के भीतर आवेदन प्रस्तुत करना होता है.

मेधावी विद्यार्थियों को कक्षा 10 से ग्रेजुएशन तक छात्रवृत्ति

योजना के तहत जिनके अभिभावक मंडी में लाइसेंसधारी हम्माल या पल्लेदार हैं, उनके प्रत्येक बेटे-बेटियों (अधिकतम दो बच्चों की सीमा तक)  को छात्रवृत्ति प्रदान करके शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित किया जाता है. जिसमें कक्षा 10वीं में 80 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्र को 3 हजार, छात्रा को 3 हजार 500 रुपए, 70 से 80 प्रतिशत अंक वाले छात्र को 2 हजार, छात्रा को 2 हजार 500 रुपए की छात्रवृत्ति एकमुश्त प्रदान की जाती है. इसी प्रकार कक्षा 12वीं में 90 प्रतिशत से अधिक अंक वाले छात्र को 5 हजार, छात्रा को 6 हजार, 80 से 90 प्रतिशत अंक वाले छात्र को 4 हजार, छात्रा को 5 हजार, 70 से 80 प्रतिशत अंक वाले छात्र को 3 हजार, छात्रा को 4 हजार रुपये की छात्रवृत्ति दी जाती है. स्नातक में अध्यनरत विद्यार्थियों को 60 प्रतिशत से अधिक अंक आने पर छात्र को 4 हजार, छात्रा को 5 हजार, स्नातकोत्तर में 60 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले छात्र को 5 हजार, छात्रा को 6 हजार रुपए की छात्रवृत्ति एकमुश्त देखकर आर्थिक संबल प्रदान किया जाता है.

योजना के लिए पात्रता

योजना के तहत हम्मालों एवं पल्लेदार को 18 से 60 वर्ष की आयु होने तथा राज्य का मूल निवासी होने पर सहायता दी जाती है. साथ ही उनका राजस्थान कृषि उपज मंडी समिति अधिनियम 1961 के अधीन अनुज्ञप्तिधारी होना तथा राज्य की कृषि मंडियों में निर्धारित कार्य करना आवश्यक शर्त है. इन्हें किसी अन्य स्रोत से वेतन प्राप्त नहीं होने पर ही सहायता देय है.

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(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a press release)

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