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Modi Hai To Mumkin Hai: 14 साल बाद गले मिले दो धुर विरोधी नेता महेंद्रजीत सिंह मालवीया और खेमराज गरासिया

Arch rivals Malviya-Garasia hugged on one stage: प्रधानमंत्री मोदी के लिए उपयोग किए जाने वाले जुमले का इसे असर ही कहेंगे कि करीब 14 साल धुर विरोधी रहे दोनों नेताओं का मिलन हुआ. दोनों एकदूसरे के आमने सामने कई चुनाव लड़ चुके हैं और कई बार आरोप-प्रत्यारोप लगा चुके हैं.

Modi Hai To Mumkin Hai: 14 साल बाद गले मिले दो धुर विरोधी नेता महेंद्रजीत सिंह मालवीया और खेमराज गरासिया
एक मंच पर गले मिले धुर विरोधी महेंद्रजीत सिंह मालवीया और खेमराज गरासिया

 Malviya Hugged Garasia: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम के आगे जुमड़ा 'मोदी है तो मुमकिन है' वाकई करिश्माई है, ताजा उदाहरण बांसवाड़ा जिले में तब देखने को मिला जब पूर्व मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीया और भाजपा के दो बार बागीदौरा से प्रत्याशी रहे खेमराज गरासिया बुधवार को नाहरपुरा में सभी गिले-शिकवों को भुलाकर एकदूसरे के गले मिले. 

प्रधानमंत्री मोदी के लिए उपयोग किए जाने वाले जुमले का इसे असर ही कहेंगे कि करीब 14 साल धुर विरोधी रहे दोनों नेताओं का मिलन हुआ. दोनों एकदूसरे के आमने सामने कई चुनाव लड़ चुके हैं और कई बार आरोप-प्रत्यारोप लगा चुके हैं.

गौरतलब है राजनीति में एकदूसरे से खून के प्यासे नेता मतलब के लिए गले मिलने में देर नहीं लगाते है, लेकिन यहां मामला थोड़ा अलग था. दोनों नेताओं का आपसी मनमुटाव दूर करने के लिए बाकायदा भाजपा की ओर से मिलन समारोह का आयोजन किया गया.

पहले दोस्ती, फिर अदावत और फिर मिलन 

साल 2010 से पहले भाजपा की ओर से बागीदौरा विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी रहे खेमराज गरासिया और पूर्व मंत्री मालवीया दोनों की जोड़ी बागीदौरा में खूब लोकप्रिय थी, लेकिन  2010 के बाद से ही दोनों नेता धुरविरोधी हो गए. यानी एक दूसरे के देखना तक पसंद नहीं करते थे, जिसके बाद 2012 में गरासिया ने भाजपा का दामन थाम लिया और बागीदौरा से 2013 और 2018 में मालवीया के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़े. गरासिया ने दोनों ही चुनावों में मालवीया को भी कड़ी टक्कर दी.

एक दूसरे के खिलाफ जमकर मालवीया और गरासिया की बयानबाजी  किसी से छिपी नहीं हैं, लेकिन जब दोस्ती थी, तब गरासिया की पत्नी को आनंदपुरी से 2 बार प्रधान बनाने में भी मालवीया की मदद की थी. 

एक मंच पर धुर विरोधी मालवीया-गरासिया गले मिले

महेंद्रजीत सिंह मालवीया के भाजपा में शामिल होने के बाद कभी दोस्त रहे मालवीया-गरासिया ने आज एक मंच पर एकदूसरे को गले लगाया. इस दौरान दोनों एक दूसरी की तारीफ करते भी नजर आए.

महेंद्रजीत सिंह मालवीया से गले मिलने के बाद खेमराज गरासिया ने कहा कि लंबे समय से एक दूसरे से बिछड़ गए थे, लेकिन पीएम मोदी ने हमें फिर से मिला दिया है.

पूर्व मंत्री मालवीया ने कहा कि दोनों मिलकर इस क्षेत्र के विकास के लिए कदम से कदम मिलाकर काम करेंगे. मिलन समारोह में भाजपा जिला अध्यक्ष लाभचंद पटेल, जिला प्रमुख रेशम मालवीया, गढ़ी विधायक कैलाश मीणा, जिला महामंत्री मुकेश शर्मा, प्र प्रधान हरिशंकर देवतरा, उप प्रधान प्रेम प्रताप मालवीया उपस्थित थे.

मालवीया से दो बार मुकाबला, दोनों में मिली गरासिया को हार

बागीदौरा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की ओर से महेंद्रजीत सिंह मालवीया ने 2013 और 2018 में चुनाव लडा और भाजपा की ओर से खेमराज गरासिया को दोनों ही बार बड़ी जीत से हराया था. वर्ष 2023 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने कृष्णा कटारा को यहां से मौका दिया था लेकिन उनको भी मालवीया से हार का सामना करना पड़ा था.

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