राजस्थान के नागौर जिले के जेएलएन अस्पताल में एक महिला की डिलीवरी के दौरान मौत हो गई. महिला के साथ-साथ उसके पेट में पल रहे मासूम की भी मौत हो गई. जच्चा-बच्चा की मौत के बाद परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए धरनाप्रदर्शन शुरू कर दिया और शव लेने से इनकार कर दिया.
मामले में होगी जांच
इस पूरे मामले में चिकित्सा विभाग ने एक्शन लेते हुए जेएलएन अस्पताल के डॉ. शैलेंद्र लोमरोड़ को सस्पेंड कर दिया है तो वहीं, डॉ. अंकित को एपीओ कर दिया गया. मामले में कार्रवाई होने के बाद परिजन शव लेने को तैयार हुए. सीएमएचओ राकेश कुमावत ने कहा कि ज्वाइंट डायरेक्टर और वो खुद इस मामले की जांच करेंगे. आखिर जच्चा-बच्चा की मौत कैसे हुई और इसमें किसने लापरवाही बरती है.
बता दें कि बड़ली क्षेत्र की रहने वाली सरिता रेगर को प्रसव पीड़ा होने पर परिवार के लोग उसे जेएलएन अस्पताल लेकर आए थे, जहां रात को उसे लेबर वार्ड में भर्ती किया गया. इस दौरान प्रसूता के साथ परिवार की एक महिला भी मौजूद थी. रात को अस्पताल स्टाफ ने प्रसूता को इंजेक्शन दिया, उसके कुछ ही देर में सरिता की तबीयत अचानक बिगड़ गई और मौत हो गई. उसके पेट में पल रहे बच्चे की भी जान चली गई.
डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप
घटना के बाद गुस्साए घरवालों ने अस्पताल के डॉक्टरों व नर्सिंग स्टाफ पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया. इस पर विभाग ने एक डॉक्टर को निलंबित करने के साथ ही मामले में एक अन्य चिकित्सक को एपीओ किया है. उधर उसके परिवार वाले खींवसर विधायक हनुमान बेनीवाल से भी मिले और बेनीवाल को ज्ञापन सौंपा, जिसमें दोषी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही गई.
कल देर रात राजकीय जेएलएन जिला चिकित्सालय में प्रसव पीड़ा के दौरान श्रीमती सरिता रैगर का निधन हो गया था, आज नागौर आवास पर नागौर पंचायत समिति से RLP के प्रधान प्रतिनिधि श्री श्रवण मेघवाल , दलित नेता श्री भजन सिंह सहित दलित समाज के जन -प्रतिनिधियों ने ज्ञापन देकर अवगत करवाया कि रात… pic.twitter.com/KOljEd4UEv
— HANUMAN BENIWAL (@hanumanbeniwal) May 11, 2024
वहीं नागौर पंचायत समिति से आर एल पी के प्रधान प्रतिनिधि श्रवण मेघवाल, दलित नेता शभजन सिंह सहित दलित समाज के जन -प्रतिनिधियों ने मामले को लेकर विधायक हनुमान बेनीवाल से मुलाकात कर ज्ञापन दिया और मामले में कार्यवाई की मांग की. इस पर बेनीवाल ने कहा कि उन्हें पीड़ित परिवार ने बताया कि रात को ड्यूटी डॉक्टर्स नहीं थे. सरिता के इलाज में मौके पर मौजूद मेडिकल स्टाफ ने लापरवाही बरती और बार-बार कहने के बावजूद कोई डॉक्टर नहीं आया जो दुर्भाग्यपूर्ण है.
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