Rajasthan News: राजस्थान के झालावाड़ जिले में नगर परिषद का अतिक्रमण दस्ता तहसीलदार के आदेश पर साईंनाथ पुरम कॉलोनी में अतिक्रमण तोड़ने गया था. लेकिन दस्ता बिना अतिक्रमण हटाए वापस लौट गया. अतिक्रमण दस्ता पहले भी कई बार इस इलाके में अतिक्रमण हटाने आ चुका है लेकिन हर बार बिना हटाए जाना पड़ता है. जबकि नगर परिषद के पास पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल भी तैनात था. नगर परिषद के अभियंता ने कहा कि तहसीलदार के मौखिक आदेश पर अतिक्रमण तोड़ने आए थे लेकिन बाद में कहने लगे कि- समझाइश करने आए थे.
45 मकान और मंदिर को तोड़ने गया था दस्ता
जानकारी के अनुसार झालावाड़ के हाउसिंग बोर्ड के पीछे साईंनाथ पुरम कॉलोनी है. कॉलोनी में 45 मकान हाई टेंशन लाइनों के नीचे बने हुए हैं और एक नया मंदिर भी बनाया गया है. नगर परिषद को इन स्थानों को अतिक्रमण के तौर पर चिन्हित कर हटाने के आदेश दिए गए थे. नगर परिषद सभी मकानों को अतिक्रमण मानकर कार्रवाई करने के लिए आया था. साथ में भारी पुलिस बल भी लाए थे. वहीं स्थानीय लोगों के विरोध को देखते हुए पूरा अतिक्रमण दस्ता उल्टे पांव वापस लौट गया.
नगर परिषद के उपसभापति ने किया विरोध
नगर परिषद का दस्ता और पुलिस का जाब्ता जब मौके पर पहुंचा तो वहां बने नए मंदिर में महिलाएं भजन कीर्तन कर रही थी. अतिक्रमण दस्ते को देखकर महिलाओं ने और नगर परिषद के उपसभापति ने जमकर विरोध किया गया. कुछ ही देर बाद माहौल गरमाने लग गया और काफी बड़ी तादाद में लोग मौके पर एकत्रित हो गए. इसके बाद नगर परिषद के अधिकारियों और कर्मचारियों ने मौके से भागना उचित समझा और चुपचाप वहां से लौट गए.
अधिकारियों से जब इस पूरी कार्रवाई के विषय में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उच्च अधिकारियों के आदेश पर यह कार्रवाई करने आए थे. नगर परिषद के सहायक अभियंता ने बताया कि झालरापाटन तहसीलदार नरेंद्र कुमार ने यहां अतिक्रमण को तोड़ने के मौखिक आदेश दिए थे. वहीं पुलिस के कर्मचारियों ने भी उच्च अधिकारियों के मौखिक आदेश पर ही मौके पर पहुंचने की बात कही.