Nagaur Mayra Ritual: राजस्थान के नागौर जिले में मायरा देने की परंपरा कई सालों से चली आ रही है. हर शादी के सीजन में जिले में एक से बढ़कर एक मायरे (भात) देखने को मिलते हैं. इसमें जिस घर में शादी हो रही होती है, उस घर की लड़की का मामा अपने भांजे के लिए ज्यादा से ज्यादा मायरा देने की कोशिश करता है ताकि उसकी बहन या बेटी को शादी में किसी तरह की कमी न हो. इसी परंपरा को निभाते हुए नागौर में आज भी मायरा देने की होड़ मची रहती है. ऐसा ही एक मायरा 2 करोड़ रुपये का नागौर जिले के मालगांव में भरा गया. यह जिले की संतोष देवी के घर भरा गया.
मामा ने भांजे की शादी में भरा 2 करोड़ का मायरा
दरअसल, जिले के बुरड़ी कस्बे में रहने वाले रिटायर टीचर रामनारायण झाड़वाल ने अपने भांजे की शादी में दो करोड़ से भी ज्यादा का मायरा भरा है. डेह तहसील में स्थित कस्बे में रहने वाले रामनारायण के दो बेटे हैं. एक बेटा डॉक्टर और दूसरा विदेश में बड़ा कारोबारी है. शादी से पहले दो करोड़ से भी ज्यादा का मायरा भरा है. जिसे देखने के लिए भारी भीड़ पहुंची.
बहन के लिए दिल खोलकर भरा मायरा
इस मायरे में बहन के ससुराल में सभी परिवार वालों को 140 चांदी के सिक्के दिए गए. गांव की बेटियों को कपड़े भी दिए गए. डॉक्टर अशोक झरवाल खुद सरकारी अस्पताल में डॉक्टर हैं. उनके एक भाई ऑस्ट्रेलिया में नर्सिंग ऑफिसर हैं. लड़की के नाना रामनारायण झरवाल ने जब अपनी पोती का मायरा दिल से भरने की बात कही तो परिवार ने बहन के लिए इस पल को यादगार बनाने का फैसला किया.
140 चांदी के सिक्के समते 35 लाख का प्लॉट सहित चीजे दी
परिजनों ने बताया कि इन सबके अलावा उन्होंने मायरे की रस्म के दौरान जीजा को बाजरे से भरी ट्रॉली और ट्रैक्टर भी भेंट किया. मायरे में एक करोड़ एक लाख रुपए नकद, नागौर में करीब 35 लाख कीमत का प्लॉट, 25 तोला सोने और 5 किलो चांदी के आभूषण, नए ट्रैक्टर में धान से भरी ट्रॉली, गांव की हर बहन-बेटी के लिए कपड़े और परिवार के सदस्यों के लिए 140 चांदी के सिक्के शामिल थे.
एक बेटा डॉक्टर तो दूसरा विदेश में
रामनारायण के छोटे बेटे अशोक जारवाल नागौर के जेल अस्पताल में फिजीशियन हैं, जबकि बड़े बेटे राम किशोर ऑस्ट्रेलिया में रहते हैं. मायरा की रस्म के लिए दोस्तों और रिश्तेदारों समेत करीब 250 कारों का काफिला मालगांव में ढाकों की ढाणी स्थित मनीराम ढाका के घर पहुंचा.
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