Rajasthan New Excise Policy: राजस्थान सरकार प्रदेश में नई आबकारी नीति को जारी कर दिया है. वहीं 1 अप्रैल 2025 से नई आबकारी नीति पूरे प्रदेश में लागू कर दी जाएगी. नई आबकारी नीति के तहत सरकार ने शराब बेचने के लिए लाइसेंस का प्रावधान आसान बनाने की कोशिश की है. सरकार का कहना है कि इससे अवैध शराब की बिक्री पर रोक लगेगी. हालांकि, नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने भजनलाल सरकार की नई आबकारी नीति का विरोध किया है. उन्होंने कहा है कि नई नीति से राजस्थान में बजरी माफिया के साथ शराब माफिया को भी समानांतर सरकार चलाने का लाइसेंस मिल जाएगा.
हनुमान बेनीवाल ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि शराब माफियाओं के साथ सरकार की साठ-गांठ हो चुकी है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार यह दबाव में कर रही है.
हनुमान बेनीवाल ने आबकारी नीति का किया विरोध
हनुमान बेनीवाल ने अपने एक्स पर एक पोस्ट लिखा है जिसमें उन्होंने नई आबकारी नीति का विरोध किया है. उन्होंने कहा, हम शराबबंदी के पक्षधर है, मगर शराब बंदी करना या नहीं करना राजस्थान की भाजपा सरकार के विवेक पर निर्भर करता है. परंतु राजस्थान सरकार ने जो नई आबकारी नीति की घोषणा की है जिसके अनुसार अलग -अलग दुकानों के स्थान पर समूह में ठेके दिए जाएंगे उससे एकाधिकार की प्रवृति बढ़ेगी और माफिया हावी होंगे, राजस्थान के मुख्यमंत्री से पूछना चाहता हूं कि प्रदेश में पहले से ही कानून व्यवस्था खराब है. ऐसे में ऐसी आबकारी नीति लाकर माफिया राज को पनपाने के लिए आपकी सरकार ने आखिरकार यह निर्णय किसके दबाव में लिया ?
क्या सरकार में बैठे लोगों ने आबकारी की नई नीति बनाने से पहले उन शराब माफियाओं से सांठगांठ कर ली, जिन माफियाओं के आतंक से राजस्थान में कई गंभीर आपराधिक घटनाएं हुई ? पहले जब इस प्रकार की शराब नीति प्रभावी थी तब शराब माफियाओं ने राजस्थान में अनैतिक रूप से समानांतर सरकार चलाई और गांवों, शहरों में रेड पार्टी के नाम पर दहशत का माहौल बनाकर रखते थे.
उत्तरप्रदेश में तत्कालीन मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह ने सामूहिक रूप से शराब के ठेके देने की पद्धति को बंद किया था, और उसके बाद राजस्थान में भी ऐसी नीति प्रभावी हुई. लेकिन अब पुन: भारतीय जनता पार्टी की सरकार शराब माफियाओं का राज स्थापित करने के लिए यह नीति लेकर आई है. जिसका हम पुरजोर विरोध करते है.
मैं प्रधानमंत्री व गृह मंत्री का ध्यान राजस्थान सरकार द्वारा लाई गई नई आबकारी नीति की तरफ आकर्षित करते हुए पूछना चाहता हूं कि आखिरकार भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली राजस्थान की भाजपा सरकार ने शराब माफियाओं के हितों का संरक्षण करने वाली आबकारी नीति लाने का निर्णय किसके दबाव में लिया ?
राजस्थान सरकार ने अपनी नई आबकारी नीति में कहा है कि मदिरा दुकानों के आवंटन की वर्तमान पारदर्शी व्यवस्था को निरंतर रखते हुए सुधारात्मक प्रावधान नई नीति में प्रस्तावित किए है, मगर सामूहिक आवंटन का प्रावधान शब्द इस नई आबकारी नीति में उल्लेखित होते ही यह स्पष्ट हो गया कि राजस्थान की सरकार बजरी माफियाओं के साथ अब प्रदेश में शराब माफियाओं को भी अपने समानांतर सरकार चलाने की अनुज्ञा देने जा रही है.
यह भी पढ़ेंः राजस्थान में अब आसानी से मिलेगा शराब बेचने का लाइसेंस, सरकार लागू करेगी नई आबकारी नीति