Indian Railway Vendor: भारतीय रेलवे द्वारा नियमों में लगातार सुधार की कवायद की जा रही है. हालांकि जमीन पर यह कितनी खड़ी साबित होती है, इसे लेकर संशय होता है. रेलवे में वेंडर को लेकर काफी शिकायत होती है. वहीं ट्रेन और रेलवे प्लेटफॉर्म पर वेंडर का खेल भी काफी चलता है. जहां बिना रजिस्ट्रर्ड वेंडर भी काम करते दिखते हैं. ऐसे में खाने की गुणवत्ता और सुरक्षा को लेकर सवाल उठते हैं. इसी अवैध वेंडरों पर अंकुश लगाने के लिए भारतीय रेलवे ने नई पहल की है.
हाल ही जबलपुर जोन में 99 प्लेटफॉर्म पर इसे लागू किया गया था. जिसमें जितने प्लेटफार्म होंगे, उतने ही रंग के वेंडर्स की यूनिफॉर्म होगी. इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू किया गया. वहीं अब कोटा मंडल में भी इसे लागू किया गया है.
यात्री आसानी से पहचान पाएंगे वैध वेंडर
कोटा मंडल के रेलवे स्टेशनों पर अवैध वेंडरों पर अंकुश लगाने के लिए सकारात्मक कदम उठाया गया है. स्टेशनों पर वाणिज्य अधिकारियों एवं खान पान निरीक्षक द्वारा नियमित अन्तराल पर औचक निरीक्षण किया जाता है. खाद्य सामग्री के गुणवत्ता युक्त न होने की शिकायतों पर शीघ्र कार्रवाई एवं अवैध वेंडरों पर लगाम लगाने के लिए प्रत्येक प्लेटफार्म पर वेंडरों को एक निर्धारित कलर का ड्रेस पहनना अनिवार्य किया गया है. वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक रोहित मालवीय ने बताया कि प्लेटफ़ॉर्म संख्या 1 पर काली कलर की टी-शर्ट, प्लेटफ़ॉर्म संख्या 2/3 पर आरेन्ज कलर की ड्रेस टी-शर्ट एवं प्लेटफ़ॉर्म संख्या 4 पर नीली कलर की टी-शर्ट और सभी के साथ काली कलर की पैन्ट की ड्रेस कोड निर्धारित की गई है. इस व्यवस्था से यात्री आसानी से वैध एवं अवैध वेंडरों की पहचान कर सकता है. इस निर्धारित ड्रेस पर पीठ पर तथा टी-शर्ट की जेब पर लाईसेंसधारक का नाम, यूनिट आईडी एवं पीएफ नम्बर मुद्रित किया गया है.
अलग शिफ्ट के वेंडर के पास होगा अलग कलर का पहचान पत्र
इसके अतिरिक्त सभी वेंडरों के गले में निर्धारित शिफ्ट के अनुसार कलर कोड का पहचान प्रत्र होगा. सुबह की शिफ्ट के लिए लाल, शाम की शिफ्ट में हरा एवं रात की शिफ्ट में नीला कलर का पहचान पत्र उपलब्ध कराया गया है. वर्तमान में मंडल में विभिन्न प्रमुख स्टेशनों कुल 66 लाईसेन्सी खानपान स्टाल संचालित किए जा रहे है. रेल प्रसाशन द्वारा उठाये गए इस कदम का यात्रियों द्वारा सराहना की जा रही है. साथ ही रेलवे स्टाफ जैसे रेल सुरक्षा बल के जवानों को भी अवैध वेंडरों की पहचान करने करने में सहूलियत होगी.
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