तीन महीने पहले बनीं भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के हौसले बुलंद हो गए हैं. बागड़ मेवाड़ में शानदार प्रदर्शन करते हुए राजस्थान में 3 नहीं और पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश में 1 सीट जीतने के बाद अब लोकसभा चुनाव 2024 में हाथ आजमाने की सोच रही है.विधानसभा चुनावों में मिले जन समर्थन के बाद पार्टी की नजर अब बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सीटों पर है
गौरतलब है बांसवाड़ा और डुंगरपुर की कुल 8 विधानसभा सीटें आती है, जिसमें एक सीट चौरासी में बीएपी के राजकुमार रोत और आसपुर में जीत हासिल की है, तो वहीं 4 विधानसभा डुंगरपुर, सागवाड़ा, घाटोल और बागीदौरा विधानसभा क्षेत्र में बीएपी दूसरे स्थान पर रही और भाजपा को तीसरे नंबर पर धकेल दिया है.
आंकड़े गवाह हैं कि लोकसभा चुनाव 2019 की तुलना में इन 8 विधानसभा सीटों पर बीजेपी को पड़े वोटों के औसत काफी गिरावट दर्ज हुई है, जबकि कांग्रेस के वोट शेयर में करीब 5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जिसके चलते लोकसभा चुनाव में इन अब 8 विधानसभा सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना है, जिसके लिए BAP ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं.
उल्लेखनीय है इस विधानसभा चुनाव में भारत आदिवासी पार्टी ने कांग्रेस से ज्यादा भाजपा को नुकसान पहुंचाया है. चुनाव से पहले राजनीतिक विश्लेषक भी यह तय नहीं कर पा रहे थे कि बीएपी किस पार्टी का ज्यादा गणित बिगाड़ेगी, लेकिन इस चुनाव में युवा वर्ग के वोटरों ने भाजपा को समर्थन देने की बजाय बीएपी की तरफ रुख किया है.
बांसवाड़ा जिले में बागीदौरा, घाटोल में बीएपी ने भाजपा को तीसरे स्थान पर पहुंचा दिया.इसके अलावा डूंगरपुर जिले में भी बीएपी ने 2 सीट जीती तो डूंगरपुर और चौरासी विधानसभा चुनावों में भाजपा को दूसरे स्थान पर कर दिया, जिससे अब लोकसभा में भाजपा-कांग्रेस दानों के लिए बी ए पी ने खतरे की घंटी इस विधानसभा चुनावों में बजा दी है.
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