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गहलोत सरकार का एक और नियम बदला, राजस्थान में जमीन का पट्टा हुआ 8 गुना महंगा, 500 रुपये वाली स्कीम खत्म

अशोक गहलोत की सरकार ने लोगों को रियायत दर पर उनके जमीन के मालिक आना हक के लिए 500 रुपये में पट्टा देने की स्कीम चलाई थी. जिसे अब 8 गुना बढ़ा दिया गया है.

गहलोत सरकार का एक और नियम बदला, राजस्थान में जमीन का पट्टा हुआ 8 गुना महंगा, 500 रुपये वाली स्कीम खत्म

Rajasthan News: राजस्थान में अब जमीन खरीदने वालों के पसीने छूटने वाले हैं. प्रदेश में सरकार बदलने के साथ ही पूर्ववती सरकार के कई नियम बदलते जा रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कई बार अपनी पीड़ा जाहिर कर चुके हैं कि प्रदेश की जनता के लिए जो उनकी सरकार ने योजना शुरू की थी. वह वर्तमान सरकार बंद कर रही है. अब स्वायत्त शासन विभाग द्वारा निकाली गई  अधिसूचना के बाद में जिन लोगों को पहले 500 रुपये में पट्टा मिल जाया करता था वह अब नहीं मिलेगा.  

अशोक गहलोत की सरकार ने लोगों को रियायत दर पर उनके जमीन के मालिक आना हक के लिए 500 रुपये में पट्टा देने की स्कीम चलाई थी. हालांकि उसमें कई फर्जी पट्टे भी जारी हो गए थे. लेकिन अब सरकार बदलने के साथ ही स्वायत्त शासन विभाग ने एक नया आदेश निकाला है. जिसके चलते अब लोगों को पट्टा लेने के लिए 8 गुना ज्यादा राशि चुकानी पड़ेगी.

25 रुपये से बढ़ कर हुआ 200 रुपये वर्ग मीटर शुल्क

वर्तमान सरकार ने पुरानी आबादी की भूमि का पट्टा लेने के लिए अब भूमि धारक को आठ गुना ज्यादा राशि देनी पड़ेगी. वही फ्री होल्ड पट्टे के लिए 200 रुपये प्रति वर्ग मीटर शुल्क तय किया गया है. जबकि पहले ₹25 प्रति वर्ग मीटर की दर पर ही लोगों को पैसा जमा कराना पड़ता था. पिछली कांग्रेस सरकार के द्वारा प्रशासन शहरों के शिविर लगाकर लोगों को 501 रुपये में पट्टा दिया गया था. लेकिन अब यह छूट खत्म हो चुकी है और सरकार ने भी इस पर रोक लगा दी है.

1500 वर्ग मीटर से ज्यादा जमीन का पट्टा सरकार तय करेगी

वहीं सरकार ने नगर निगम और निकायों के अधिकारों में भी काफी कटौती कर दी है. पहले तो जिला स्तर पर ही लोगों को पट्टे मिल जाए करते थे. लेकिन नई अधिसूचना के बाद अधिकारियों के अधिकारों में भी कटौती की गई है. पहले अधिकारी 500 वर्ग  मीटर तक की जमीन का पट्टा अपने स्तर पर जारी कर सकते थे और 501 से लेकर 5000 वर्ग मीटर तक की जमीन का पट्टा देने का निर्णय बोर्ड की मीटिंग में डिस्कशन के बाद जारी किया जाता था. जबकि 5000 वर्ग मीटर से ज्यादा जमीन का पट्टा जारी करने के लिए सरकार के पास फाइल भेजी जाती थी. लेकिन अब नए आदेश के बाद में अधिकारियों के स्तर पर केवल 300 वर्ग मीटर, नगर निकाय और निगम को बोर्ड स्तर पर 301 से 1500 वर्ग मीटर तक पट्टा देने का अधिकार दिया गया है. 1500 वर्ग मीटर से ज्यादा जमीन के पट्टों के लिए फाइल अब सरकार के पास जाएगी.

वर्तमान सरकार के इस आदेश के बाद अब लोगों को अपनी जमीन के पट्टे लेने के लिए 8 गुना ज्यादा रकम चुकानी पड़ेगी वही बड़ी जमीन के लिए जयपुर के चक्कर लगाने पड़ेंगे.

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