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This Article is From Jan 31, 2025

गैर RAS अधिकारियों का IAS में प्रमोशन का रास्ता साफ, सुप्रीम कोर्ट ने दी मंजूरी, RAS एसोसिएशन को अब देना होगा 2 लाख का जुर्माना

राजस्थान में अब Non-SCS अधिकारियों की IAS में पदोन्नति का रास्ता साफ कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने पदोन्नति को वैध करार दिया है.

गैर RAS अधिकारियों का IAS में प्रमोशन का रास्ता साफ, सुप्रीम कोर्ट ने दी मंजूरी, RAS एसोसिएशन को अब देना होगा 2 लाख का जुर्माना

Rajasthan Non-SCS IAS Promotion: राजस्थान में बीते तीन सालों से Non-SCS यानी गैर RAS अधिकारी का IAS में प्रमोशन का मामला RAS एसोसिएशन की याचिका की वजह से हाईकोर्ट में अटका था. लेकिन हाईकोर्ट ने बीते 5 दिसंबर 2024 को फैसला सुनाते ही IAS में प्रमोशन का रास्ता साफ हो गया था. साथ ही RAS एसोसिएशन पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. वहीं इसके बाद एसोसिएशन ने सुप्रिम कोर्ट में याचिका दायर की थी. लेकिन अब RAS एसोसिएशन को फिर झटका लगा है. क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज किया है और हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है.

सुप्रीम कोर्ट ने 31 जनवरी को राजस्थान प्रशासनिक सेवा परिषद (RPSP) द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका (SLP) को खारिज कर दिया. जिसमें गैर-राज्य सिविल सेवा (Non-SCS) अधिकारियों को भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में पदोन्नति दिए जाने को चुनौती दी गई थी. हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय ने राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा लगाए गए 5 लाख रुपये के जुर्माने को घटाकर 2 लाख रुपये कर दिया.

RAS एसोसिएशन ने किया था विरोध

यह याचिका राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) अधिकारियों द्वारा दायर की गई थी, जिन्होंने IAS में Non-SCS अधिकारियों की 15 प्रतिश कोटा के तहत पदोन्नति का विरोध किया था. उनका तर्क था कि इस प्रक्रिया से RAS अधिकारियों के करियर की प्रगति में बाधा आ रही है और यह अनुचित है. हालांकि, राजस्थान उच्च न्यायालय ने इस दावे को खारिज कर दिया, यह कहते हुए कि राज्य सरकार ने सभी नियमों का पालन किया है और Non-SCS अधिकारियों को विशेष परिस्थितियों और योग्यता के आधार पर पदोन्नति दी गई है. चूंकि यह याचिका किसी ठोस कानूनी आधार पर नहीं थी और केवल Non-SCS अधिकारियों की पदोन्नति रोकने के लिए दायर की गई थी, इसलिए उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ताओं पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था.

वैध है पदोन्नति

न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ ने राजस्थान उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा कि

राज्य सरकार ने Non-SCS अधिकारियों को पदोन्नति देने की प्रक्रिया में कोई नियम नहीं तोड़ा है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के दावे को निराधार माना और यह स्पष्ट किया कि IAS (भर्ती) नियम, 1954 के तहत यह पदोन्नतियां पूरी तरह से वैध हैं.

इस फैसले के साथ, Non-SCS अधिकारियों की IAS में पदोन्नति को अंतिम स्वीकृति मिल गई है, और राजस्थान उच्च न्यायालय का निर्णय अब अंतिम और बाध्यकारी रहेगा. इसके अलावा, राज्य सरकार को IAS रिक्तियों के निर्धारण में अपनी स्वायत्तता को लेकर भी सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी मिल गई है.

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