विज्ञापन
Story ProgressBack

तकनीकी कारण से प्रीमियम चेक बाउंस करने पर अब बीमा कंपनी द्वारा अदा किया जाएगा बीमा राशि!

लोक अदालत,जोधपुर ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में यह व्यवस्था दी है कि बीमाधारक के बैंक खाते में पर्याप्त राशि होने पर तकनीकी कारण से प्रीमियम चेक बाउंस होता है, तो बीमा पॉलिसी के तहत बीमा कंपनी दावा राशि अदा करने के वास्ते दाई है.

तकनीकी कारण से प्रीमियम चेक बाउंस करने पर अब बीमा कंपनी द्वारा अदा किया जाएगा बीमा राशि!

Rajasthan News: बीमाधारकों के लिए बड़ी राहत वाली खबर है. कई बार ऐसा होता है कि बीमाधाकर की प्रीमियम राशि तकनीकी कारणों से चेक बाउंस करती है या फिर बैंक खाते में पर्याप्त बैलेंस नहीं होने पर बीमा राशि नहीं जमा हो पाते हैं. ऐसे में स्थाई लोक अदालत,जोधपुर ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में यह व्यवस्था दी है कि बीमाधारक के बैंक खाते में पर्याप्त राशि होने पर तकनीकी कारण से प्रीमियम चेक बाउंस होता है, तो बीमा पॉलिसी के तहत बीमा कंपनी दावा राशि अदा करने के वास्ते दाई है.

अदालत के अध्यक्ष सुकेश कुमार जैन और सदस्य जेठमल पुरोहित तथा माणकलाल चांडक ने ICICI  जनरल इंश्योरेंस कंपनी को निर्देश दिया कि प्रार्थी को 23 लाख 91 हजार 146 रुपए 22 जुलाई 2019 से 8 फीसदी ब्याज और पांच हजार रुपए परिवाद व्यय दो माह में अदा करें. 

चेक बाउंस की वजह से बीमा कंपनी ने रद्द किया पॉलिसी

शारदा बिश्नोई ने अधिवक्ता अनिल भंडारी की ओर से प्रकरण पेश कर कहा कि उनके पति ने 33 हजार 354 रुपए का प्रीमियम चेक देकर कार का एक साल का बीमा नवीकरण करवाया, जिसमें चालक सह मालिक का दुर्घटना बीमा भी 15 लाख रुपए का शामिल था. 9 नवंबर 2018 को हुई दुर्घटना में उनकी बीमित कार डेमेज हो गई और उनके पति का निधन हो गया. बीमा कंपनी के यहां दावा पेश किए जाने पर उन्होंने सर्वे करवाया और प्रार्थी से दस्तावेज प्राप्त किए तथा बीमा पॉलिसी समाप्ति अवधि से एक दिन पहले यह कहकर दावा खारिज कर दिया कि उनके पति का प्रीमियम चेक अनादरित  हो गया है जिससे पॉलिसी रद्द की जाती है. 

अधिवक्ता भंडारी ने बहस करते हुए कहा कि बीमा कंपनी की बैंक ने चेक अनादरित  करते हुए बीमा कंपनी को हिदायत दी थी. कि चेक को पुनः पेश कर दिया जाएं,लेकिन बीमा कंपनी ने इसकी पूर्णयता अनदेखी की. उन्होंने कहा कि तत्समय बीमाधारक के बैंक खाते में पर्याप्त राशि जमा थी सो बीमा कंपनी अपनी लापरवाही के वास्ते प्रार्थी को दोषी नहीं ठहरा सकती है और न ही बीमा पॉलिसी रद्द मानी जा सकती है. बीमा कंपनी की ओर से कहा गया कि प्रीमियम प्रतिफल प्राप्त नहीं होने से बीमा पॉलिसी शून्य हो गई और कोई बीमा संविदा अस्तित्व में नहीं है सो प्रकरण खारिज किया जाएं.

लोक अदालत ने सुनाया फैसला

स्थाई लोक अदालत ने प्रकरण मंजूर करते हुए कहा कि चेक समाशोधन के दिन बीमाधारक के बैंक खाते में पर्याप्त राशि थी और चेक राशि के अभाव में अनादरित  नहीं हुआ, बल्कि तकनीकी कारण से बीमा कंपनी को इस निर्देश के साथ लौटाया गया कि चेक को आगामी दिवस में पुनः प्रस्तुत किया जाएं, लेकिन बीमा कंपनी ने हिदायत की अवहेलना की. उन्होंने कहा कि बीमा कंपनी ने बीमा पॉलिसी भी जारी कर दी थी और यह चेक बीमा कंपनी की लापरवाही से ही अनादरित हुआ है और बीमाधारक की कोई त्रुटि नहीं थी. उन्होंने बीमा कंपनी को निर्देश दिया कि प्रार्थी को कार दावा राशि 9 लाख 24 हजार 500 रुपए,व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा के 15 लाख रुपए प्रीमियम 33 हजार 354 रुपए कटौती कर दावा राशि 23 लाख 91 हजार 146 रुपए मय 22 जुलाई 2019 से 8 फीसदी ब्याज और पांच हजार रुपए परिवाद व्यय  दो माह में अदा करें.

यह भी पढ़ेंः Bank Holidays: मई महीने में पूरे दो सप्ताह बंद रहेंगे बैंक, यहां देखिए लिस्ट

Rajasthan.NDTV.in पर राजस्थान की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार, लाइफ़स्टाइल टिप्स हों, या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें, सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
NEET-UG Result 2024: रिवाइज्ड रिजल्ट में राजस्थान का दबदबा, 17-परफेक्ट स्कोरर्स में राजस्थान के चार
तकनीकी कारण से प्रीमियम चेक बाउंस करने पर अब बीमा कंपनी द्वारा अदा किया जाएगा बीमा राशि!
Village social media influencer Deepa died due to snake bite, the family members did this carelessly before treating her!
Next Article
गांव की सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर दीपा की सांप काटने से मौत, परिजनों ने इलाज से पहले की यह लापरवाही!
Close
;