Rajasthan Women Voters: राजस्थान में महिला मतदाताओं की भारी वृद्धि हुई है. वहीं प्रदेश में लिंगानुपात की बात करें तो इसमें भी बड़ी वृद्धि हुई है. जहां राजस्थान में 4 साल में केवल 5 अंक की वृद्धि हुई थी. वहीं बीते 10 महीने में इसमें 7 अंकों की वृद्धि हुई है. प्रदेश के मतदाताओं में महिला पुरुष का लिंगानुपात पिछले दस महीने में 923 से बढ़कर 930 पहुंच गया है.
राजस्थान में निर्वाचन विभाग ने अभियान के तहत महिला मतदाताओं को जोड़ा है. इसका असर मतदाताओं के लिंगानुपात पर हुआ है.
निर्वाचन विभाग ने महिला पुरुष मतदाताओं के अंतर की पहचान की और इसे दूर करने का अभियान चलाया. उसका परिणाम अब सामने आया है.
कैसे चला अभियान
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने बताया कि विशेष रणनीति के तहत कार्य किया गया. सबसे पहले 5 वर्ष के मतदाता नामांकन के आंकड़ों, रुझानों और मौजूद मतदाता सूचियों का विश्लेषण किया गया. इससे पता चला कि लिंगानुपात में सुधार की गति काफी धीमी है. फिर बाद कारणों की पहचान की गई. निर्वाचन विभाग ने पाया कि अभिभावक अपनी शादी के लायक लड़कियों के नाम मतदाता सूची में जोड़ने में दिलचस्पी नहीं रखते हैं, साथ ही नवविवाहिता के नाम जुड़वाने के लिए दस्तावेज तुरंत उपलब्ध नहीं होते. ऐसे में बड़ी संख्या में महिलाएं मतदान से वंचित रह जाती हैं. कारणों के विश्लेषण के बाद विभाग ने निचले स्तर के अधिकारियों को मुहिम में शामिल किया. उन्हें घर-घर जाकर महिलाओं के नाम जोड़ने के निर्देश दिए गए. विशेष अभियान चलाए गए. उच्च अधिकारियों ने कैंपों का दौरा किया. वे 7 जिले, जहां महिला कलेक्टर हैं, उन्हें विशेष प्रयास कर मतदाताओं को जोड़ने के निर्देश दिए. और इसी का परिणाम मिला.
9 जिलों में लिंगानुपात 950 के पार
9 जिले ऐसे हैं जहां लिंगानुपात 950 के पार है. चित्तौड़गढ़ में सबसे अधिक 994, इसके बाद प्रतापगढ़ में 993 है. करौली जिले में लिंगानुपात में सबसे अधिक 20 अंकों की वृद्धि हुई. वहीं बाड़मेर में 18 और बीकानेर में 14 अंकों की वृद्धि हुई है.
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