Rajasthan Cabinet Expansion: राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर काफी चर्चा हो रही है. हाल ही में ऐसी जानकारी सामने आई कि अंता विधानसभा चुनाव के बाद कैबिनेट विस्तार पर काम किया जाएगा. अंता विधानसभा चुनाव को सीएम भजनलाल शर्मा के लिटमस टेस्ट के रूप में भी देखा जा रहा है. अटकलें यह भी है कि राजस्थान में भी गुजरात मॉडल इस्तेमाल किया जा सकता है. जिसमें सभी मंत्रियों से इस्तीफा लेकर चुनिंदा चेहरों को नई जिम्मेदारी दी जा सकती है. सीएम भजनलाल गुरुवार (13 नवंबर) को दिल्ली पहुंचे थे. जिसके बाद मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा और बढ़ गई.
वहीं मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर और मंत्रियों के इस्तीफे की बात पर कैबिनेट मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इसे सिरे से खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि अभी तक इस तरह की कोई बात नहीं है.
आलाकमान कहेंगे तो तुरंत दे देंगे इस्तीफा
झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि मंत्रिमंडल को लेकर अभी तक इस तरह की कोई चर्चा नहीं है. हालांकि उन्होंने तुरंत कहा कि अगर आलाकमान या मुख्यमंत्री जिस चाहेंगे उस दिन हम तुरंत इस्तीफा प्रस्तुत कर देंगे. उन्होंने कहा यह पार्टी शीर्ष नेतृत्व और मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है. वह जब चाहें, मुख्यमंत्री से चर्चा करके मंत्री परिषद का विस्तार कर सकते हैं.
मंत्रिमंडल की कुल सीमा 30
बता दें, राज्य मंत्रिमंडल में अभी 24 मंत्री काम कर रहे हैं. कुल सीमा 30 की है यानी छह जगहें खाली पड़ी हैं. ऐसा माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री दिसंबर में सरकार के दो साल पूरे होने से पहले टीम को मजबूत बनाना चाहते हैं. ये विस्तार जातीय और क्षेत्रीय संतुलन को ध्यान में रखकर होगा. गुजरात में हाल ही में पूरी कैबिनेट को इस्तीफा देकर नए सिरे से गठन किया गया है. ऐसे में भाजपा गुजरात मॉडल अपनाने पर विचार कर सकती है.
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