Utility News: अपनी आधी जिंदगी तक नौकरी करने के बाद इंसान आराम करने की सोचता है. वह चाहता है कि उसका आगे का जीवन बिना किसी आर्थिक परेशानी के सुचारु रूप से चले. इसके लिए भारत सरकार सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद पुरानी पेंशन योजना (OPS) देती थी. जिसे साल 2024 में खत्म कर दिया गया और एनपीएस यानी न्यू पेंशन स्कीम (NPS) लागू कर दी गई है. जिससे लोगों में काफी दुविधा है. यह समस्या राजस्थान के सरकारी कर्मचारियों में भी बनी हुई है, जिसका समाधान करना राज्य सरकार के लिए मुश्किल हो गया है. 4 अक्टूबर को वित्त विभाग की ओर से जारी सूचना में इस बात के संकेत दिए गए हैं कि वह राज्य में ओपीएस को लागू रहने दे सकती है. इसके साथ ही एक बार फिर राज्य में ओपीएस (Old Pension Scheme) और एनपीएस (New Pension Scheme) को लेकर चर्चा तेज हो गई है कि दोनों में से कौन बेहतर है और इनमें क्या अंतर है.
पुरानी पेंशन योजना (OPS)
पुरानी पेंशन योजना (OPS) के तहत कर्मचारियों को एक तय फॉर्मूले के तहत एक ठोस रकम मिलती थी. जो रिटायरमेंट के बाद हर महीने एक तय आय में दी जाती थी. रिटायरमेंट के बाद इस योजना के तहत कर्मचारी को ग्रेच्युटी, महंगाई भत्ता और महंगाई राहत जैसे अन्य लाभ भी मिलते थे. जिसमें सरकार बिना किसी कटौती के पूरी पेंशन राशि कवर करती थी.
वहीं, केंद्र सरकार ने 1 जनवरी 2024 को ओपीएस को खत्म कर एनपीएस की शुरुआत की, जिसके लागू होने के बाद लोग काफी नाखुश थे. क्योंकि जो सुविधाएं ओपीएस में थीं, वो कहीं न कहीं एनपीएस से गायब थीं.
नई पेंशन योजना (NPS)
एनपीएस (NPS) का पूरा नाम नेशनल पेंशन स्कीम है. इसका उद्देश्य भारत के सभी नागरिकों को सेवानिवृत्ति लाभ प्रदान करना है. एनपीएस का उद्देश्य नागरिकों में सेवानिवृत्ति के लिए बचत करने की आदत डालना है.एनपीएस के तहत, व्यक्तिगत बचत को पेंशन फंड में जमा किया जाता है, जिसे पीएफआरडीए-विनियमित पेशेवर फंड मैनेजरों के माध्यम से सरकारी बॉन्ड, बिल, कॉर्पोरेट डिबेंचर और शेयरों सहित विविध पोर्टफोलियो में निवेश किया जाता है.
पुरानी और नई पेंशन योजना के फायदे और नुकसान
पुरानी पेंशन योजना का भुगतान सरकारी खजाने से किया जाता है. नई पेंशन योजना शेयर बाजार पर आधारित है, जिसमें आपके जरिए एनपीएस में लगाया गया पैसा शेयर बाजार में निवेश किया जाता है.
पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारी को एक तय फॉर्मूले के अनुसार गारंटीड इनकम दी जाती है. जबकि नई पेंशन योजना में कर्मचारी पेंशन फंड मैनेजर के माध्यम से कम जोखिम से लेकर उच्च जोखिम तक की विभिन्न निवेश योजनाओं में से चुन सकता है.इसमें सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, वित्तीय संस्थान और निजी कंपनियां शामिल हैं.
ओपीएस के तहत, सेवानिवृत्त लोगों को उनके अंतिम वेतन के 50% के बराबर पेंशन मिलती है. यह निश्चित प्रतिशत सेवानिवृत्ति के बाद अनुमानित आय प्रदान करता है. एनपीएस एक निश्चित पेंशन राशि की गारंटी नहीं देता है. पेंशन कुल संचित कोष और निवेश पर रिटर्न पर निर्भर करती है.
सेवानिवृत्त व्यक्ति की मृत्यु होने पर उसके परिवार को पारिवारिक पेंशन के रूप में वही पेंशन राशि मिलती रहती है. एनपीएस में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है.
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