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जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में घुसपैठ की कोशिश कर रहे 2 आतंकी ढेर, सुरक्षाबलों को मिला युद्ध जैसा सामान

आतंकवादियों की चालों को नाकाम करने के लिए जम्मू डिवीजन के पहाड़ों की चोटियों और घने जंगलों में 4000 से अधिक पैरा कमांडो और पर्वतीय युद्ध में प्रशिक्षित जवानों को तैनात किया गया था.

जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में घुसपैठ की कोशिश कर रहे 2 आतंकी ढेर, सुरक्षाबलों को मिला युद्ध जैसा सामान
कुपवाड़ा के गुगलधार में दो आतंकवादियों का एनकाउंटर.

Kupwara Encounter: जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में रविवार सुबह सुरक्षाबलों ने घुसपैठ की कोशिश कर रहे दो आतंकवादियों को मार गिराया है. गुगलधार इलाके में हुए इस ऑपरेशन में आतंकवादियों के पास से युद्ध जैसे सामान बरामद हुआ है, जिसे सुरक्षाबलों ने अपने कब्जे में ले लिया है. इस वक्त पूरे इलाके की तलाशी ली जा रही है, और सेना का ऑपरेशन अभी भी जारी है.

अभियान अभी भी जारी

चिनार कॉर्प्स ने एक्स पर लिखा, '4 अक्टूबर 2024 को घुसपैठ की कोशिश के बारे में खुफिया जानकारी मिली थी. इसके आधार पर भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गुगलधार, कुपवाड़ा में एक ज्वाइंट ऑपरेशन शुरू किया था. इस दौरान सैनिकों ने कुछ सस्पाइसियस एक्टिविटी देखी, जिसके बाद उन्होंने बाकी साथियों को सतर्क किया. इसके बाद आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ शुरू हो गई.' पोस्ट में कहा गया कि अभियान अब भी जारी है.

हाई अलर्ट पर हैं सुरक्षाबल

श्रीनगर में 15वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने गुरुवार को कहा था कि कश्मीर में शांति बनाए रखने के लिए एलओसी की सुरक्षा में तैनात सैनिकों और आतंकवाद विरोधी अभियानों में तैनात सैनिकों की संख्या में कोई कमी नहीं होनी चाहिए. कश्मीर घाटी के अलावा, जम्मू डिवीजन में भी सुरक्षाबल हाई अलर्ट पर हैं. पिछले तीन-चार महीनों में जम्मू के डोडा, कठुआ, राजौरी, पुंछ और रियासी जिलों में सेना, स्थानीय पुलिस और नागरिकों पर आतंकवादियों द्वारा किए गए हिट-एंड-रन हमलों के बाद, माना जा रहा है कि ये आतंकवादी कट्टर विदेशी भाड़े के आतंकवादी हैं. पहाड़ी इलाकों में सेना और अन्य लोगों पर घात लगाकर हमला करने के बाद आतंकवादी इन पहाड़ी जिलों के घने जंगलों में भाग जाते थे.

4000 पैरा कमांडो की तैनाती

आतंकवादियों की इन चालों को नाकाम करने के लिए जम्मू डिवीजन के पहाड़ों की चोटियों और घने जंगलों में 4000 से अधिक पैरा कमांडो और पर्वतीय युद्ध में प्रशिक्षित जवानों को तैनात किया गया था. सुरक्षाबलों की रणनीति के बाद, इन जिलों में आतंकवादी हमलों में भारी कमी आई है. इन इलाकों में सुरक्षाबलों की सक्रियता के कारण आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ हुई हैं. विदेशी आतंकवादियों की चुनौती का सामना करने के लिए सुरक्षाबलों ने अपनी रणनीति में बदलाव किया, जिसके कारण अब तक पांच आतंकवादी मारे गए हैं.

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