दिनभर काम करने के बाद जब आप आए और वहां पहले से कोई खुंखार जानवर छिपकर बैठा हो तो आप पर क्या बीतेगी? निश्चित तौर पर आप चौंक जाएंगे और चीखते-चिल्लाते घर से भागेंगे. यह कोई फिल्मी कहानी नहीं बल्कि हकीकत है. मामला राजस्थान के बांसवाड़ा जिले से सामने आया है. जहां दानपुर थाना क्षेत्र के बारीपाड़ा में एक तेंदुआ सूने घर में आराम फरमाने लगा.
दरअसल गुरुवार शाम बारीपाड़ा गांव में उस समय अचानक हलचल मच गई, जब पता चला कि एक घर में तेंदुआ छिपा बैठा है. पहाड़ पर स्थित यह झोपड़ीनुमा घर रामा पुत्र गौतम का है, जहां पैंथर आराम फरमा रहा था. गौतम और उसके परिवार के अन्य सदस्य खेतों में काम करने गए थे. इस बीच पहाड़ से उतरकर वह तेंदुआ आराम से झोपड़ी में बैठ गया. जब शाम में गौतम अपने घर लौटा तो झोपड़ी में घुसते ही उसकी आंगन में बैठे तेंदुआ पर पड़ी. जिसके बाद गौतम चीखते-चिल्लाते हुए अपने घर से बाहर भाग आया.
शोर-शराबा सुनकर गांव के और लोग जमा हुए. फिर वनकर्मी को झोपड़ी में पैंथर के छिपे होने की जानकारी दी गई. सूचना मिलने के बाद वनकर्मी बारीपाड़ा पहुंचे और फिर पैंथर को ट्रेंकुलाइज कर पिंजरे में डालकर रात करीब सवा नौ बजे बांसवाड़ा लेकर रवाना हुए. इस दिन करीब 4-5 घंटे तक गांववासी दहशत के माहौल परेशान रहे.
वनकर्मियों ने पैंथर को कैसे कब्जे में किया
स्थानीय लोगों ने बताया कि नपुर कस्बे से आगे मध्यप्रदेश की सीमा की ओर जाने वाले घाटी की बायीं ओर बारीपाड़ा में पहाड़ी पर झोंपड़ियां बनी हैं. यहीं गुरुवार शाम करीब पांच बजे एक झोपड़ी में पैंथर छिपकर बैठ गया. करीब छह बजे परिवार का सदस्य छगन घर लौटा तो भीतर जाने पर उसने एक कोने में पैंथर को देखा तो शोर मचाया। इसके बाद आस-पास के ग्रामीण जमा हुए और सूचना पर पुलिस और वनकर्मी पहुंचे। क्षेत्रीय वन अधिकारी गोविंद सिंह खींची ने ग्रामीणों को समझाकर एक तरफ किया. फिर उनकी टीम पैंथरको ट्रेंकुलाइज कर बांसवाड़ा ले गई.