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This Article is From Nov 14, 2024

Phone Tapping Case: किसी भी वक्त हो सकती है गहलोत के पूर्व OSD लोकेश शर्मा की गिरफ्तारी, हाईकोर्ट से वापस ली गई याचिका

Ashok Gehlot's Former OSD Lokesh Sharma: लोकेश शर्मा का कहना है कि वे पहले से क्राइम ब्रांच के साथ पूछताछ में सहयोग कर रहे हैं.

Phone Tapping Case: किसी भी वक्त हो सकती है गहलोत के पूर्व OSD लोकेश शर्मा की गिरफ्तारी, हाईकोर्ट से वापस ली गई याचिका

Lokesh Sharma: राजस्थान में बहुचर्चित फोन टैपिंग प्रकरण में बड़ी खबर सामने आई है. अशोक गहलोत के पूर्व ओएसडी लोकेश शर्मा ने दिल्ली हाईकोर्ट में गिरफ्तारी पर रोक के लिए लगाई याचिका को वापस ले लिया है. उन्होंने केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत की FIR पर गिरफ्तारी से रोक के लिए याचिका लगाई थी. इस याचिका वापस लेने के लिए हाईकोर्ट ने इजाजत दे दी है. इसके साथ ही लोकेश शर्मा (Lokesh Sharma) की गिरफ्तारी पर लगी रोक हट गई है. दिल्ली क्राइम ब्रांच अब किसी भी वक्त लोकेश शर्मा को गिरफ्तार कर सकती है.  लोकेश शर्मा का कहना है कि वे पहले से क्राइम ब्रांच के साथ पूछताछ में सहयोग कर रहे हैं. इस मामले में आगे जो भी इन्वेस्टिगेशन होगी, उसमें भी आगे सहयोग करेंगे. इसके अलावा इस मामले से जुड़े सबूत भी क्राइम ब्रांच को सौंप चुके हैं. 

FIR खारिज करने की लगाई थी याचिका, अब वापस ली

दरअसल, एफआईआर खारिज करने के लिए लोकेश शर्मा ने साल 2021 में दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसके चलते अब तक लोकेश शर्मा को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत मिली हुई थी. गुरुवार 14 नवंबर को जस्टिस अनीश दयाल की बैंच में प्रकरण की सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान लोकेश शर्मा ने दायर याचिका वापस ली, जिसके चलते अब हाईकोर्ट से गिरफ्तारी पर रोक की अंतरिम राहत बरकरार नहीं रहेगी.

पुलिस को दिया था बयान- गहलोत ने दिए ऑडियो क्लिप्स

इस मामले में हाल ही में लोकेश शर्मा ने दिल्ली पुलिस की पूछताछ में बड़े खुलासे किए थे. उन्होंने पूछताछ के दौरान पुलिस को दिए बयान में कहा था, "फोन टेपिंग में मेरी कोई भूमिका नहीं है. तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुद पेन ड्राइव में मुझे ऑडियो क्लिप्स दिए थे. उन्हीं के निर्देशों पर मीडिया को मैंने ऑडियो क्लिप्स भेजे."

इससे पहले 25 सितंबर को भी लोकेश शर्मा ने 7 पेज का बयान दर्ज कराया था. उन्होंने कहा था कि दिल्ली क्राइम ब्रांच को अशोक गहलोत से पूछताछ करनी चाहिए कि उन्होंने कानूनी रूप से या गैर कानूनी रूप से फोन टैप कैसे करवाए. लोकेश शर्मा के मुताबिक राजस्थान में सियासी संकट के वक्त अशोक गहलोत ने अपने खेमे और सचिन पायलट कैंप के विधायकों के फोन सर्विलांस पर लिए थे. 

जानिए अब तक कोर्ट में क्या-क्या हुआ

मार्च 2021- शेखावत ने दिल्ली क्राइम ब्रांच में अवैध फोन टेपिंग का आरोप लगाते हुए एफआईआर (नं. 50/2021) दर्ज कराई.

जुलाई- अक्टूबर 2021- पिछली सरकार के तहत, राजस्थान ने दिल्ली हाईकोर्ट में स्थिति रिपोर्ट दायर की और मामले में दिल्ली पुलिस की क्षेत्राधिकार को चुनौती दी.

दिसंबर-23 से अगस्त 2024: राजस्थान ने सुप्रीम कोर्ट में एक मूल वाद दायर कर दिल्ली पुलिस की जांच के अधिकार को चुनौती दी, जिसमें केवल राजस्थान को अधिकार देने की मांग की गई. 29 अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान को यह वाद वापस लेने की अनुमति दी.

27 सितंबर 2024: दिल्ली हाईकोर्ट में राजस्थान का प्रतिनिधित्व करते हुए एएजी शिव मंगल शर्मा ने राज्य का बदला हुआ रुख घोषित किया, जिसमें दिल्ली पुलिस की जांच का समर्थन किया गया और राजस्थान की सहायता की पुष्टि की गई. इस महत्वपूर्ण बयान के बाद लोकश शर्मा ने अपनी एफआईआर खारिज करने की याचिका वापस लेने का निर्णय लिया.

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