Rajasthan News: जयपुर के एक मंत्री और विधायक के बीच अब राजनीतिक घमासान इतना बढ़ चुका है कि मंत्री ने इसकी कमान अपने पुत्र को सौंप दी है. सोमवार देर रात तक मंत्री पुत्र ने गुप्त तरीके से लोगों से मीटिंग की. इसके बाद से ही ऐसी चर्चा है कि आज दिल्ली में होने वाली कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी (Congress Screening Committee Meeting) की बैठक के वक्त, वे कांग्रेस वॉररूम के बाहर प्रदर्शन हो सकता है.
चर्चा है कि विधायक के खिलाफ जयपुर में जब प्रदर्शन किया गया, तब बाहरी लोग बुलाए गए थे. ऐसे में दिल्ली में ऐसी गलती न हो इसके लिए लोगों को कल रात्रिभोज देकर दिल्ली चलने के लिए भी कहा गया था. दरअसल, जयपुर में हुए प्रदर्शन के बाद स्थानीय कांग्रेसी कार्यकर्ता विधायक के समर्थन में आ गए हैं. उनका कहना है कि यदि दिल्ली में विधायक के खिलाफ प्रदर्शन या नारेबाजी कि जाती है तो मंत्री को जयपुर में इसका जवाब देने की तैयारी की जा रही है. जिस विधानसभा से मंत्री विधायक हैं, वहां उनकी बढ़ती नाराजगी के चलते अब सीट बदलने की तैयारी कर रहे हैं. कहा जा रहा है कि पार्टी की ओर से करवाए गए तमाम सर्वे में मौजूदा विधायक की स्थिति अच्छी बताई गई है. ऐसे में टिकट काटने की संभावना है बेहद कम है.
गौरतलब है कि आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस अपनी पहली सूची जारी करने की कश्मकश में जुटी है. ऐसे में कुछ दिन पहले जयपुर में हुई प्रदेश चुनाव समिति की बैठक के दौरान अलग-अलग इलाकों से लोग मौजूदा विधायकों के खिलाफ नारेबाजी और प्रदर्शन करते हुए कांग्रेस वॉररूम के बाहर पहुंच गए. ये सब जयपुर के एक मंत्री के इशारे पर हो रहा था. प्रदर्शनकारियों के हाथों में तख्तियां भी थीं, जिन पर किशनपोल विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक की टिकट बदलने की बात लिखी हुई थी. हालांकि प्रदर्शनकारियों की संख्या बेहद कम थी, लेकिन राजनीतिक गलियारों में यह बात अब चर्चा का विषय बन चुकी थी.
उस वक्त अंदरखाने से छनकर बातें सामने आई थीं कि मंत्री जी ने इस विरोध के लिए जिसे टास्क दिया था, उन्हें स्थानीय लोग प्रदर्शन के लिए नहीं मिले. ऐसे में कुछ बाहरी लोगों को बुलाया गया. वीडियो में पहचाने गए दूसरी विधानसभा से आए लोग बस इसी बात से राजधानी की सियासत गरमा गई और सोशल मीडिया पर माहौल बन गया. जैसे ही बाहरी लोगों ने विधायक के खिलाफ नारेबाजी की तो ऐसे में स्थानीय कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध जताया और कहा ऐसा करने वाले पार्टी के वफादार नहीं हो सकते. अब आमजन और कार्यकर्ताओं ने विधायक के समर्थन में मोर्चा खोल दिया है. अब शहर भर में चर्चा है कि आखिर एक मंत्री को ऐसा क्यों करना पड़ रहा है. ऐसा कहा जा रहा है कि मंत्री को अपनी खुद की विधानसभा सीट से जीत की उम्मीद कम है, ऐसे में यदि सीट बदलना पड़े तो उससे पहले माहौल बनाना जरूरी है.