चूरू जिले के एक सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल पर कथित तौर पर 12वीं कक्षा के छात्रों को बोर्ड परीक्षा में अच्छे अंक दिलाने और उन्हें वेतन देने के बहाने अपने फार्म हाउस में काम कराने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है. यह घटना तब सामने आई जब छात्रों के एक समूह ने प्रिंसिपल को हटाने की मांग को लेकर सोमवार को स्कूल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. छात्रों का आरोप है कि प्रिंसिपल जगदीश प्रसाद शर्मा ने उनसे बाजरे की फसल काटने के लिए अपने फार्म हाउस में दो दिन तक काम करवाया था. उन्होंने कहा कि शर्मा ने उन्हें बोर्ड परीक्षा में अच्छे अंक दिलाने और वेतन देने का वादा किया था, लेकिन उन्होंने अपना वादा पूरा नहीं किया.
छात्रों ने यह भी आरोप लगाया कि शर्मा बिना अनुमति के स्कूल के पुराने फर्नीचर और अन्य सामान बेच रहे थे. उन्होंने कहा कि शर्मा की गड़बड़ियों के बारे में उन्होंने कई बार शिक्षा विभाग से शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
छात्रों को प्रतिशोध का डर है
स्कूल के छात्र शर्मा के प्रतिशोध से डरे हुए हैं. उन्होंने कहा कि उसने उन्हें उसके खिलाफ बोलने पर बोर्ड परीक्षा में खराब अंक देने की धमकी दी थी. एक छात्र ने कहा, ''हम उसके खिलाफ बोलने से डरते हैं.'' "वह एक शक्तिशाली व्यक्ति है और वह हमारा करियर बर्बाद कर सकता है."
इस घटना का स्कूल के छात्रों पर बुरा असर पड़ा है. वे अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं और प्रिंसिपल से प्रतिशोध का डर है. एक छात्र ने कहा, "हम अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रहे हैं." "हम शर्मा की धमकियों से लगातार चिंतित हैं."
शिक्षा विभाग ने शुरू की जांच
छात्रों के विरोध के बाद शिक्षा विभाग ने मामले की जांच शुरू कर दी है. जांच पूरी होने तक शर्मा को स्कूल से हटाकर मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में अटैच कर दिया गया है. अधिकारियों की एक टीम ने स्कूल का दौरा किया और छात्रों, शिक्षकों और ग्रामीणों से बयान एकत्र किए. शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने कहा, ''हम मामले को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं.'' "हम पूरी जांच करेंगे और दोषी पाए जाने पर प्रिंसिपल के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे."
सख्त कार्रवाई की मांग
घटना से अभिभावकों और ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया है. उन्होंने शर्मा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और उनके भ्रष्टाचार को दूर करने की मांग की है. एक अभिभावक ने कहा, "हम चाहते हैं कि उसे तुरंत स्कूल से निकाला जाए." "वह प्रिंसिपल बनने लायक नहीं हैं."
एक प्रिंसिपल के फार्म हाउस में छात्रों से जबरन काम कराने की घटना गंभीर मामला है. यह बाल श्रम कानूनों का उल्लंघन है और इसका छात्रों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है. शिक्षा विभाग को प्रिंसिपल के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी है और स्कूल प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों.
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