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Jhalawar: कलेक्टर के मौखिक निर्देशों की आड़ में पंचायत ने साफ किया कॉलोनाइजर का रास्ता, भड़क उठे लोग

सेक्रेटरी सुरेश जैन की बात सुनने के बाद पूरा खेल खुलकर सामने आ जाता है. यह बात जाहिर हो जाती है कि जिला कलेक्टर के मौखिक आदेशों का हवाला देकर किस तरह से ग्राम पंचायत द्वारा कॉलोनाइजर को फायदा पहुंचाने के लिए सरकारी जमीन पर सरकारी धन से बने हुए शौचालय का नामोनिशान मिटा दिया गया, तथा जनता की सुविधाओं का भी ख्याल नहीं रखा गया. 

Jhalawar: कलेक्टर के मौखिक निर्देशों की आड़ में पंचायत ने साफ किया कॉलोनाइजर का रास्ता, भड़क उठे लोग
सार्वजनिक शौचालय तोड़ने के दौरान की तस्वीर.

Rajasthan News: राजस्थान के झालावाड़ जिले में सुनेल ग्राम पंचायत से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसको लेकर लोगों में रोष तो व्याप्त ही है, साथ ही यह भी सवाल उठने लगा है कि क्या धनबल के बूते यहां सभी काम करवाए जा सकते हैं? ग्राम पंचायत के विकास अधिकारी अभी दो दिन पूर्व ही एसीबी की जांच से गुजर चुके हैं. उनके ऊपर आय से अधिक संपत्ति रखने का मामला दर्ज होने के चलते एसीबी द्वारा उनके ठिकानों पर छापेमारी की गई. वहीं एसीबी टीम ने प्रथम दृष्टया आय से अधिक संपत्ति मिलने की बात भी कही है.

बिना प्रस्ताव लिए तोड़ दिया शौचालय

झालावाड़ जिले के सुनेल कस्बे के महाराणा प्रताप सर्किल पर एक सार्वजनिक शौचालय हुआ करता था, जिसका निर्माण ग्राम पंचायत ने बाकायदा प्रस्ताव लेकर करवाया था. लेकिन विडंबना देखिए कि इसी ग्राम पंचायत द्वारा इस शौचालय को रात के अंधेरे में अवैध तरीके से तोड़ दिया गया. ना तो प्रस्ताव लिए गए, ना प्रक्रिया अपनाई गई. हवाला दिया गया तो जिला कलेक्टर के मौखिक आदेशों का, जो सिर्फ हवाई साबित हो रही है. यह बात सभी जानते हैं कि मौखिक आदेशों के चलते कानूनी कोई भी काम नहीं होता. सरकार और प्रशासन का प्रत्येक आदेश कागजों में होता है, जिस पर अमल किया जाता है. इस शौचालय को अवैध तरीके से तोड़ने के आरोप लग रहे हैं तथा लोगों में रोष भी व्याप्त है. कुछ लोगों ने इस मामले की शिकायत झालावाड़ जिला कलेक्टर से भी की है.

कॉलोनाइजरों को फायदा पहुंचाने का आरोप

मुख्य शिकायतकर्ता शेख मुश्ताक का साफ तौर पर कहना है कि सरकारी भूमि पर बने हुए सार्वजनिक शौचालय को ग्राम पंचायत द्वारा अवैध तरीके से कॉलोनाइजरों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से तोड़ दिया गया और आम जनता परेशान हो रही है. शिकायतकर्ता एवं अन्य लोगों ने पूरे मामले में मिली भगत का आरोप लगाते हुए भ्रष्टाचार की बात कही है. अब सारे मामले को लेकर हमने सुनेल ग्राम पंचायत सरपंच सीमा कुमारी से संपर्क किया. सीमा कुमारी का कहना है कि सेक्रेटरी को पंचायत समिति से लेटर आया था और सेक्रेटरी ने ही शौचालय को तुड़वाया है. सरपंच को इस मामले में जानकारी नहीं है.

नोटिस में कलेक्टर के मौखिक आदेश का जिक्र.

नोटिस में कलेक्टर के मौखिक आदेश का जिक्र.
Photo Credit: NDTV Reporter

कलेक्टर के मौखिक आदेश का हवाला

सेक्रेटरी सुरेश जैन से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि विकास अधिकारी के निर्देश पर उन्होंने शौचालय को तुड़वाया है. पूरा मामले में ग्राम पंचायत में कोई प्रस्ताव नहीं लिया गया. उच्च अधिकारियों के आदेश की पालना में उन्होंने ऐसा किया है. वह यह भी बताते हैं कि विकास अधिकारी से जो पत्र उनको मिला उसमें जिला कलेक्टर के मौखिक आदेशों का हवाला दिया गया है. सेक्रेटरी सुरेश जैन की बात सुनने के बाद पूरा खेल खुलकर सामने आ जाता है. यह बात जाहिर हो जाती है कि जिला कलेक्टर के मौखिक आदेशों का हवाला देकर किस तरह से ग्राम पंचायत द्वारा कॉलोनाइजर को फायदा पहुंचाने के लिए सरकारी जमीन पर सरकारी धन से बने हुए शौचालय का नामोनिशान मिटा दिया गया, तथा जनता की सुविधाओं का भी ख्याल नहीं रखा गया. 

शौचालय के दोबारा बनाने की मांग

अब लोगों में इस पूरे मामले को लेकर आक्रोश है तथा लोग शिकायतें लेकर जिला कलेक्टर तक भी पहुंचे हैं. एनडीटीवी की टीम ने ग्राउंड पर जाकर लोगों से बातचीत की तो सामने आया कि ग्राम पंचायत द्वारा रातों रात कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए इस सरकारी शौचालय को जमींदोज कर दिया गया. यह शौचालय बस स्टैंड के पास था. अब लोग चाहते हैं कि मामले की जांच हो तथा शौचालय को फिर से बनवाया जाए और दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई अमल में लाई जाए. 

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