Govind Dev Ji Temple: राधारानी के अभिषेक के दौरान ठाकुरजी पर्दे में थे. राधारानी के अभिषेक के दौरान ठाकुर जी के दर्शन नहीं हुए. राधाजी की महाआरती के बाद भक्तों को मंचामृत बांटा गया. इसके बाद झांकी खोली गई, और ठाकुर जी को पोशाक और विशेष श्रृंगार किया गया. पंजीरी, मावा और लड्डू का भोग लगाया गया.
राधाष्टमी तक राधा की 8 सखियों का भी प्राकट्य भी हुआ था
जयपुर में गोविंदेव मंदिर के अलावा राधा रानी के दोनों प्रमुख मंदिर पानों का दरीबा के सरस निकुंज और रामगंज बाजार के लाड़लीजी मंदिर में मुख्य उत्सव होगा. भाद्रपद शुक्ल पक्ष प्रतिपद से लेकर राधाष्टमी तक उनकी 8 सखियों का प्राकट्य भी हुआ था. ललिताजी, विशाखा, चित्रलेखा, चंपकलता, तुंगविद्या, इंदूलेखा, रंगदूवीजू, सुदेवी और राधा जी सबसे आखिरी में अष्टमी के दिन प्रकट्य हुईं.
शाम 6 से 10 बजे तक छठी उत्सव हुआ
पीठ पानों का दरीबा के सरस निकुंज में राधाष्टमी का उत्सव बुधवार (11 सितंबर) को हुआ. श्री राधा सरस बिहारी की नित्य सेवा के बाद सुबह साढ़े 8 बजे किशोरीजी का पंचामृत अभिषेक हुआ. अब शाम 6 से रात 10 बजे तक छठी उत्सव और राधाष्टमी की बधाइयों के पदों का गायन होगा. आटे और हल्दी से चौक पुरवाई कर जुगल सरकार के चित्रपट के सामने पंचमेवा और श्रीफल से गोद भराई की रस्म की जाएगी। इसके बाद राधाष्टमी पर किशोरी जी के प्राकट्य उत्सव में बधाई के पदों का गबन होगा.
बरसाना में 5 घंटे ज्यादा समय तक दर्शन देंगी राधारानी
बरसाना में श्रद्धालुओं के दर्शन में किसी भी तरह की असुविधा न होने पाए, इसलिए जलाभिषेक, मंगला आरती और दर्शन करने के समय को 5 घंटे बढ़ा दिया गया है. राधा रानी पांच घंटे से ज्यादा समय तक भक्तों को दर्शन देंगी. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मेला क्षेत्र को 7 जोन और 18 सेक्टर में बांटा गया है. राधारानी के दर्शन के लिए रोपवे की सुविधा चालू रहेगी. बरसाना में 86 जगह गेट बनाया गया है. एंबुलेंस के साथ डॉक्टरों की भी ड्यूटी लगाई गई है. रोडवेज बस के अलावा मथुरा नगर निगम की बसें लगाई गई हैं.
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