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नेताओं, अधिकारियों के लिए पंडाल, बच्चों को खुले आसमान में बिठाया... जश्न-ए-आजादी में भींगने से बच्ची की तबीयत बिगड़ी

राजस्थान के झालावाड़ जिले में स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम के दौरान एक बालिका की तबीयत अचानक बिगड़ गई, जिसको तुरंत एंबुलेंस से अस्पताल भेजा गया.

नेताओं, अधिकारियों के लिए पंडाल, बच्चों को खुले आसमान में बिठाया... जश्न-ए-आजादी में भींगने से बच्ची की तबीयत बिगड़ी
बालिका को तबीयत खराब होने पर अस्पताल ले जाया गया.

Independence Day Celebration: आज पूरा देश जश्न-ए-आजादी मना रहा है. 78वें स्वतंत्रता दिवस पर पूरे देश में तिरंगा फहराने के साथ-साथ कई तरह के सांस्कृतिक आयोजन हुए. लेकिन कई जगहों पर बारिश के कारण आयोजन फीका भी रहा. बात राजस्थान की करें तो प्रदेश के कई जिलों में बीते कई दिनों से बारिश का दौर है. बारिश के बीच ही गुरुवार को स्वतंत्रता दिवस समारोह मनाया गया. लेकिन इस समारोह के दौरान झालावाड़ से एक बड़ी लापरवाही सामने आई. यहां बारिश के बीच हो रहे स्वतंत्रता दिवस समारोह में अधिकारियों-नेताओं के लिए तो वाटर प्रूफ पंडाल बनाए गए थे, लेकिन बच्चों को खुले आसमान में बैठा दिया गया. इसी दौरान भींगने से एक बच्ची की तबीयत बिगड़ गई. 

दरअसल झालावाड़ जिले में स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम के दौरान एक बालिका की तबीयत अचानक बिगड़ गई जिसको तुरंत एंबुलेंस से अस्पताल भेजा गया. बालिका झालावाड़ के मोटर गेराज क्षेत्र की रहने वाली है. खेल संकुल में प्रशासन के अधिकारियों और नेताओं के लिए वाटरप्रूफ पंडाल बनाए गए थे, लेकिन कार्यक्रम को देखने आई आम जनता और कार्यक्रम में प्रस्तुति देने वाली स्कूली बालिकाओं के लिए पानी से बचने से बचने की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी. बालिका और आम जनता लगातार रिमझिम बारिश की बूंदों से भीगते रहे. 

झालावाड़ में स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल अधिकारियों के लिए बनाए गए वॉटर प्रूफ पंडाल.

झालावाड़ में स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल अधिकारियों के लिए बनाए गए वॉटर प्रूफ पंडाल.

लोगों के सिर छुपाने का कोई इंतजाम नहीं

झालावाड़ प्रशासन ने इस बार स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम का आयोजन मेहमी स्टेडियम के बदले खेल संकुल में किया, जहां क्रिकेट मैदान में कार्यक्रम आयोजित हुआ. प्रशासन ने अधिकारियों और नेताओं के बैठने के लिए वॉटरप्रूफ पंडाल  लगवाए और कार्यक्रम में भाग लेने आए स्कूली बच्चे खुले आसमान के नीचे खड़े रहे.

बच्चों को जहां खड़ा किया गया था, उसके पीछे बच्चों के लिए भी टेंट की व्यवस्था की गई थी, पर आयोजकों ने बच्चों की तरफ ध्यान ही नहीं दिया और बच्चे खुले आसमान के नीचे भीगते रहे. प्रशासन ने आम जनता के बैठने के लिए मेटिंग तो बिछाई थी पर सर छुपाने का कोई इंतजाम नहीं किया था. ऐसे में कार्यक्रम को देखने पहुंची आम जनता भी लगातार पानी में भीगती रही. 

स्कूली बच्चे और आम लोग खुले आसामान के नीचे बारिश से भींगते रहे.

स्कूली बच्चे और आम लोग खुले आसामान के नीचे बारिश से भींगते रहे.

आम जनता के लिए भी होना चाहिए वाटरप्रूफ टेंट 

कार्यक्रम गए लोगों ने एनडीटीवी को बताया कि प्रशासन के अधिकारी और नेता वाटरप्रूफ टेंट में बैठे हैं. प्रशासन ने कार्यक्रम में भाग लेने पहुंची आम जनता के लिए पानी से बचाव की कोई व्यवस्था नहीं की हैं. प्रशासन ने इस बात का जरा भी ध्यान नहीं रखा की बारिश का मौसम चल रहा है. जब प्रशासनिक अधिकारियों और नेताओं के सर छुपाने के लिए टेंट लगाए जा सकते हैं तो आम जनता के लिए भी लगाए जाने चाहिए. 

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