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Rajasthan: 300 KG का चेहरा, 40 फ़ीट की जूतियां, 50 Feet की तलवार...कोटा में बन रहा दुनिया का सबसे बड़ा 'रावण' 

पुतले की विशालकाय लंबाई को देखते हुए इस बार मेला प्रशासन ने रावण दहन स्थल को विजयश्री रंगमंच से बदलकर मैदान के पूर्व दिशा में कर दिया. जहां कच्ची जमीन को देखते हुए दहन स्थल पर 26 गुणा 24 का आरसीसी का सॉलिड फाउंडेशन तैयार किया गया था. इसमें आठ स्टील की जैक वाली रोड लगाईं गई थी.

Rajasthan: 300 KG का चेहरा, 40 फ़ीट की जूतियां, 50 Feet की तलवार...कोटा में बन रहा दुनिया का सबसे बड़ा 'रावण' 
कोटा में बना दुनिया का सबसे बड़ा रावण.

World's Tallest Ravana: कोटा के 132वां राष्ट्रीय मेला दशहरा 2025 इतिहास में दर्ज होने के लिए तैयार है. गत चार महीने से रावण के पुतले को बनाने में जुटे कारीगरों ने ही क्रेन की सहायता से पुतले को सोमवार को खड़ा किया. इससे पहले मेला समिति अध्यक्ष विवेक राजवंशी तथा मेला अधिकारी अशोक कुमार त्यागी द्वारा दहन स्थल पर बनाए गए सीमेंटेड फाउंडेशन पर भूमि पूजन किया गया. इस दौरान वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ देवताओं का आह्वान किया गया. पुतले को क्रेन की सहायता से उठाकर फाउंडेशन की ओर ले जाया गया. इसके बाद पुतले को खड़ा किया गया.

मेला परिसर में सीना ताने खड़ा 221 फीट का रावण दूर से ही नजर आ रहा हैं ऐसे में,सड़क पर चलते राहगीर भी रुककर दूर से ही रावण को देखने लगे. कई लोग रावण के साथ सेल्फी लेते रहे. रावण का पुतला दशहरा मैदान में आकर खड़ा हुआ है शहर वासियों के पहुंचने का सिलसिला भी शुरू हो गया है. 

देखने में स्लिम और चेहरे से रौबदार लग रहा

रावण का पुतला पहले की अपेक्षा लंबा होने के कारण एकदम स्लिम लग रहा है. चेहरे पर बड़ी-बड़ी मूछें रौबदार नजर आ रही हैं. चेहरा फाइबर ग्लास से बना है. जो 25 फीट और तीन क्विंटल वजनी है. इसके 60 फीट के मुकुट में कलर्ड एलईडी लाइट लगाई गई है. मुकुट के साथ ही, ढाल में लगी एलईडी भी दमकती नजर आ रही है.

चेहरा फाइबर ग्लास से बना है. जो 25 फीट और तीन क्विंटल वजनी है.

चेहरा फाइबर ग्लास से बना है. जो 25 फीट और तीन क्विंटल वजनी है.

पुतले को लाल, हरे और नीले रंग के कपड़ों से कवर किया गया है. जो बहुत ही आकर्षक नजर आ रहे हैं. रावण को इस बार भी दशानन स्वरूप में ही बनाया गया है. इसकी तलवार 50 फीट की है. 40 फीट की जूतियां पहनाई गई हैं. पुतले में रिमोट कंट्रोल के 25 पॉइंट फिट किए गए हैं.

बदल गया दहन स्थल, सीमेंट के फाउंडेशन पर हुआ खड़ा

पुतले की विशालकाय लंबाई को देखते हुए इस बार मेला प्रशासन ने रावण दहन स्थल को विजयश्री रंगमंच से बदलकर मैदान के पूर्व दिशा में कर दिया. जहां कच्ची जमीन को देखते हुए दहन स्थल पर 26 गुणा 24 का आरसीसी का सॉलिड फाउंडेशन तैयार किया गया था. इसमें आठ स्टील की जैक वाली रोड लगाईं गई थी.

40 फीट की जूतियां

40 फीट की जूतियां

साथ ही,आठ लोहे के रस्से से रावण को सपोर्ट दिया गया है. पेडस्टल पर फिश प्लेट को जॉइंट किया गया. इन पर 8 नट की चूड़ियों के द्वारा रावण का पुतला खड़ा किया गया. पुतले को खड़ा करने में 220 टन एवं 100 टन की हाइड्रोलिक क्रेन काम में ली गई.

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