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This Article is From Jul 21, 2024

Ajab Gajab: राजस्थान के इस कस्बे को लगी चोरों की बुरी नजर! महीने भर में ही 372 घरों को मलबे में बदल दिया

Theft News: राजस्थान के झालावाड़ जिले के अकलेरा कस्बे में हाउसिंग बोर्ड के जरिए बनाए गए 372 मकान अचानक गायब हो गए हैं, जिसके बाद वहां सिर्फ मलबा पड़ा है.

Ajab Gajab: राजस्थान के इस कस्बे को लगी चोरों की बुरी नजर! महीने भर में ही 372 घरों को मलबे में बदल दिया
Jhalawar News

Jhalawar News: राजस्थान के झालावाड़ जिले के अकलेरा कस्बे में एक अजीबोगरीब घटना देखने को मिली है. यहां हाउसिंग बोर्ड के जरिए बनाए गए 372 मकानों की पूरी कॉलोनी ही चोरी हो गई है. चोर इस कॉलोनी के घरों के दरवाजे और खिड़कियां ही नहीं बल्कि ईंट, पत्थर और लोहे की छड़ें भी चुरा ले गए हैं. कुछ ही महीनों में यह कॉलोनी पूरी तरह से गायब हो गई है और अब इसकी जगह पर सिर्फ थोड़ा सा मलबा पड़ा हुआ दिखाई देता है। जिन लोगों ने यहां मकान खरीदे थे, वे अब अपने मकान ढूंढ रहे हैं लेकिन कोई दिखाई नहीं दे रहा है.

50% कीमत में दिए थे घर

अकलेरा कस्बे में 372 मकानों की यह कॉलोनी हाउसिंग बोर्ड ने साल 2013 में बनाई थी, लेकिन उस समय इन मकानों को बेचने का प्रयास किया गया था. लेकिन ये नहीं बिके, इसलिए 2019 में इन मकानों की कीमत 50% कम कर दी गई थी, जिससे सभी मकान तुरंत बिक गए. यह कॉलोनी अकलीरा कस्बे से थोड़ा बाहर थी, इसलिए कब्जा लेने वाले सभी लोगों ने इसे बंद कर दिया और कोई भी यहां रहने नहीं आया. बाद में जब यहां से बाईपास बनाने की घोषणा हुई, तो जमीन प्राइम लोकेशन पर आ गई.

अचानक गायब होने लगे घर

बाईपास बनाने की घोषणा होते ही यहां से मकान गायब होने लगे. साढ़े तीन बीघा से अधिक क्षेत्रफल में बनी इस कॉलोनी के मकान अचानक गिरने लगे और कुछ ही महीनों में पूरी कॉलोनी खत्म हो गई. अब यहां सिर्फ मैदान ही बचा है, जिसमें थोड़ा मालबा इधर-उधर पड़ा देखा जा सकता है. कॉलोनी बनाने के लिए यहां बिजली और पानी की लाइन भी बिछाई गई थी, जिसके टुकड़े भी यहां देखे जा सकते हैं, लेकिन दो-चार मकानों को छोड़कर पूरी कॉलोनी गायब हो गई है. जो दो-चार मकान बचे हैं, उनमें भी लोगों ने पशुओं के लिए भूसा भर जनवरों को बांध दिया हैं.

शिकायत नहीं तो पुलिस जांच कैसे होगी

यहां मकान खरीदने वाले लोगों का कहना है कि वर्ष 2023 की शुरुआत में यहां सबकुछ ठीक था, लेकिन कुछ महीनों बाद सभी मकान अचानक गायब नजर आए, अब यहां सिर्फ थोड़ा सा मलबा पड़ा है. यहां की हालत देखकर कोई यह कभी नहीं भी समझ सकता कि इस स्थान पर कौन सा प्लॉट किसका है. पीड़ितों का कहना है कि अब हाउसिंग बोर्ड से जुड़ी हर गतिविधि के लिए कोटा जाना पड़ता है. वही अधिकारियों का कहना है कि कॉलोनी के मकानों का कब्जा उनके मालिकों को सौंप दिया गया था, जिसके बाद मकानों के रखरखाव की जिम्मेदारी मकान मालिकों की है. इस बारें में पुलिस का कहना है कि पूरे मामले में अभी तक कोई शिकायत लेकर नहीं आया है, इसलिए मामला पुलिस के संज्ञान में नहीं है।

भू- माफिया के हस्तक्षेप की संभावना

कस्बे में पूछताछ करने पर कुछ लोगों ने बताया कि  बाईपास की घोषणा के बाद यह कॉलोनी प्राइम लोकेशन पर आ जाएगी, ऐसी चर्चा शुरू होने पर उस दौरान कुछ बड़े भूमाफिया ने यहां अवैध तरीके से कई मकान खरीद लिए थे. उन्होंने ये मकान अपने परिवार और परिचितों के नाम पर खरीदे थे. और पूरे ब्लॉक अपने लिए आरक्षित कर लिए. लोगों का कहना है कि उनके जरिए मकान तोड़ दिए गए हैं और कुछ दिनों बाद यहां हाउसिंग बोर्ड के नियमों के विरुद्ध व्यवसायिक निर्माण देखे जा सकते हैं। क्योंकि यहां बाईपास का काम शुरू हो गया है.

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