
Agriculture News: भारत में कृषि क्षेत्र में एक बड़ी डिजिटल क्रांति की शुरुआत हो चुकी है, जिसके तहत 14 राज्यों के 6.1 करोड़ से अधिक किसानों को "आधार जैसी डिजिटल आईडी" मिल चुकी है, जो उनके भूमि रिकॉर्ड से जुड़ी हुई है. इस पहल में राजस्थान के 75 लाख किसान भी शामिल हैं, जिन्हें इस सुविधा का सबसे पहले लाभ मिलने वाला है.
क्या है यह 'डिजिटल आईडी' और कैसे काम करेगी?
'डिजिटल कृषि मिशन' के तहत 'एग्री स्टैक' परियोजना के माध्यम से यह डिजिटल आईडी बनाई जा रही है. यह आईडी एक तरह से किसानों के लिए डिजिटल पहचान पत्र है, जिसमें उनकी भूमि, पशुधन, बोई गई फसलें और अब तक मिले लाभों सहित सभी महत्वपूर्ण जानकारी डिजिटल रूप से दर्ज होती है. राज्य सरकारें/केंद्र शासित प्रदेश इन आईडी का रखरखाव कर रहे हैं.
राजस्थान समेत इन राज्यों के किसानों की बनी डिजिटल आईडी
एगोस्टैट के लिए डिजिल आईडी बनाने का काम शुरू हो चुका है. जिसमें उत्तर प्रदेश (1.3 करोड़) में सबसे अधिक किसान आईडी बनाई गई हैं, इसके बाद महाराष्ट्र (99 लाख), मध्य प्रदेश (83 लाख), आंध्र प्रदेश (45 लाख), गुजरात (44 लाख), राजस्थान (75 लाख) का स्थान है। आंकड़ों के अनुसार, तमिलनाडु, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, ओडिशा, केरल, तेलंगाना और मध्य प्रदेश जैसे अन्य राज्यों भी शामिल है.
राजस्थान के किसानों को क्या मिलेगा फायदा?
राजस्थान, जहां 75 लाख किसानों को यह डिजिटल आईडी मिल चुकी है, इस पहल से सबसे अधिक लाभान्वित होने वाले राज्यों में से एक है. इस आईडी के माध्यम से प्रदेश के किसानों प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN), फसल बीमा, अन्य केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ किसानों तक तेजी से और सीधे पहुंचेगा.जिससे बिचौलियों की भूमिका कम होगी और पारदर्शिता बढ़ेगी.
एग्रीस्टैक प्लेटफॉर्म
यह प्लेटफॉर्म किसानों को इनपुट (जैसे बीज, उर्वरक) और उपज को ऑनलाइन खरीदने और बेचने में सक्षम बनाएगा, जिससे उन्हें डिजिटल अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनने में मदद मिलेगी. किसानों को ऋण और फसल बीमा जैसी वित्तीय सेवाओं तक पहुंच आसान होगी, क्योंकि उनकी सभी जानकारी डिजिटल रूप से उपलब्ध होगी. राज्य सरकारें किसानों के डेटा का उपयोग करके उनकी विशिष्ट जरूरतों के आधार पर कृषि नीतियों और योजनाओं को बेहतर ढंग से तैयार कर पाएंगी.
'डिजिटल कृषि मिशन' की बड़ी तस्वीर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय मंत्रिमंडल समिति ने 2024 में इस 'डिजिटल कृषि मिशन' को मंजूरी दे दी थी, जिसमें 2,817 करोड़ रुपये का पर्याप्त वित्तीय खाका बनाया गया था, इसमें 1,940 करोड़ रुपये का केंद्र सरकार का हिस्सा भी शामिल था. इस मिशन का लक्ष्य तीन सालों में 11 करोड़ किसानों (वित्त वर्ष 2024-25 में 6 करोड़, वित्त वर्ष 2025-26 में 3 करोड़ और वित्त वर्ष 2026-27 में 2 करोड़) के लिए डिजिटल पहचान बनाना है.
इसके अलावा, मिशन का उद्देश्य अगले दो वर्षों में देशव्यापी डिजिटल फसल सर्वेक्षण शुरू करना भी है, जिसमें वित्तीय वर्ष 2024-25 में 400 जिले और वित्तीय वर्ष 2025-26 तक सभी जिलों को कवर किया जाएगा.
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