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पर्यावरणीय नियमों के उल्लंघन से बने होटल पर गिरी गाज, हाईकोर्ट के आदेश पर यूआईटी ने किया सील 

राजस्थान में अलवर जिले के देसी ठाठ होटल को हाईकोर्ट के फैसले के बाद यूआईटी ने दोबारा सील कर दिया। पर्यावरण नियमों के उल्लंघन के चलते यह कार्रवाई हुई, जिसमें पुलिस की मदद शामिल रही. 

पर्यावरणीय नियमों के उल्लंघन से बने होटल पर गिरी गाज, हाईकोर्ट के आदेश पर यूआईटी ने किया सील 
देसी ठाठ होटल को किया सील.

Rajasthan News: राजस्थान में अलवर जिले के सिलीसेढ़ झील इलाके में देसी ठाठ होटल का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है. शनिवार को शहरी सुधार न्यास यानी यूआईटी की टीम ने हाईकोर्ट के ताजा फैसले के बाद होटल को दोबारा सील कर दिया. यह कार्रवाई नियम तोड़ने के पुराने विवादों के चलते हुई जो लंबे समय से चल रहे थे. अधिकारियों ने कानूनी सलाह लेने के बाद यह कदम उठाया ताकि पर्यावरणीय नियमों की रक्षा हो सके.

पहले क्या हुआ था 

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर 4 दिसंबर को देसी ठाठ समेत दस होटलों को सील किया गया था. वजह थी सिलीसेढ़ झील क्षेत्र में नियमों का उल्लंघन जैसे अनधिकृत निर्माण और पर्यावरण को नुकसान.

हालांकि बाद में अदालत ने शादी जैसे आयोजनों के लिए अस्थायी रूप से सील हटाने की इजाजत दी थी. लेकिन यह छूट ज्यादा दिन नहीं चली. हाईकोर्ट ने इस आदेश को रद्द कर दिया और सख्ती से पालन की हिदायत दी. यूआईटी ने फौरन एक्शन लिया और शनिवार को टीम भेजी. अधिकारियों ने कहा कि जब हाईकोर्ट ने सील खोलने का फैसला पलट दिया तो होटल को खुला रखने का कोई आधार नहीं बचता.

कार्रवाई के दौरान हंगामा

सीलिंग की प्रक्रिया शुरू होते ही होटल के कर्मचारियों और स्टाफ ने जोरदार विरोध जताया. वे नाराज होकर रुकावट डालने लगे लेकिन यूआईटी की टीम नहीं मानी. हालात बिगड़ते देख मौके पर पुलिस बल बुलाया गया. पुलिस की मदद से शांति बनाए रखते हुए होटल को पूरी तरह सील कर दिया गया.

इस दौरान कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ लेकिन माहौल तनावपूर्ण रहा. कर्मचारियों की नाराजगी साफ नजर आ रही थी जो अपनी नौकरी और कारोबार को लेकर चिंतित थे.

होटल मालिकों का आरोप

कुछ होटल संचालकों ने प्रशासन की इस कार्रवाई पर सवाल उठाए. उनका कहना है कि सिलीसेढ़ इलाके में कई होटल नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं लेकिन कार्रवाई सिर्फ चुनिंदा जगहों पर हो रही है. उन्होंने मांग की कि नियम सभी के लिए एक समान होने चाहिए और प्रशासन को निष्पक्षता दिखानी चाहिए. अगर एक होटल पर सख्ती तो बाकी पर भी वैसी ही हो. यह आरोप इलाके के पर्यटन कारोबार को प्रभावित कर सकता है जहां कई लोग रोजगार पर निर्भर हैं.

यूआईटी का पक्ष

यूआईटी अधिकारियों ने साफ किया कि पूरी कार्रवाई अदालत के आदेशों और कानूनी नियमों के मुताबिक है. वे बोले कि सिलीसेढ़ झील पर्यावरण की दृष्टि से बेहद संवेदनशील जगह है जहां नियम तोड़ना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. भविष्य में भी जो होटल नियमों का उल्लंघन करेंगे उन पर सख्त कदम उठाए जाएंगे. यह कार्रवाई प्रशासन की गंभीरता दिखाती है कि वे अदालत के निर्देशों को पूरी तरह लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

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