Rajasthan By Elections 2024: राजस्थान की सात विधानसभा दौसा, झुंझुनू, देवली उनियारा, रामगढ़, खींवसर, सलूंबर और चौरासी में कुल 69 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. दौसा और खींवसर में सबसे अधिक 12 -12 प्रत्याशी मैदान में हैं, देवली उनियारा में सबसे कम 8 उम्मीदवार मैदान में हैं. इन सातों सीट पर 19 लाख 36 हजार 533 मतदाता हैं, इनमें 10 लाख 4 हजार 283 पुरुष और 9 लाख 32 हजार 243 महिला मतदाता हैं. देवली उनियारा में सबसे अधिक 3 लाख 2 हजार 721 और दौसा में सबसे कम 2 लाख 46 हजार 12 मतदाता हैं.
सुरक्षा में 9 हजार से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात
1915 बूथ पर वोट डाले जाएंगे, इनमें 1862 मुख्य और 53 सहायक बूथ शामिल हैं. 1 हजार 122 मतदान केंद्रों पर लाइव वेब कास्टिंग हो रही है. 604 मतदान केंद्रों को संवेदनशील माना गया, यहां केंद्रीय सुरक्षा बल के जवान तैनात किए गए हैं. 7 सीटों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. 9 हजार से अधिक सुरक्षाकर्मी सुरक्षा व्यवस्था में तैनात हैं. केंद्रीय पुलिस बल की 43 कंपनियां और आरएसी की 17 कंपनियां तैनात हैं.
53 नाकों पर CCTV से निगरानी की जा रही
प्रत्येक दस बूथ पर एक विशेष पुलिस टीम की तैनाती की गई है. 313 माइक्रो ऑब्जर्वर नियुक्त किए गए हैं. 12 अंतरराज्यीय पुलिस नाके, आबकारी विभाग के 11 नाके और जिलों के अंदर 30 नाके लगाए गए हैं. सभी 53 नाकों पर सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जा रही है.
बीजेपी के लिए सबसे बड़ी परीक्षा
लोकसभा चुनाव 2024 में इंडिया गठबंधन को राजस्थान में 25 लोकसभा सीटों में से 11 सीटों पर सफलता मिली थी. अब विधानसभा उप-चुनाव में कांग्रेस पर लोक सभा चुनाव के परिणाम को दोहराने का दबाव है. क्षेत्रीय दल के तौर पर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी और बीएपी के लिए अपना सियासी वजूद बचाने की लड़ाई है. लेकिन, सबसे बड़ी परीक्षा भाजपा के लिए है. क्योंकि, 10 महीने पुरानी राजस्थान की भजनलाल सरकार के लिए ये उपचुनाव लिटमस टेस्ट की तरह देखा जा रहा है. इसकी वजह बिलकुल साफ़ है. इन सात सीटों में से केवल एक सीट बीजेपी के पास थी. यही कारण रहा कि भाजपा की ओर से टिकट वितरण से लेकर चुनाव प्रचार और रणनीति का पूरा ज़िम्मा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने ख़ुद संभाले रखा था.
पांच विधानसभा सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला
देखा जाये तो इन सभी सात सीटों पर कड़ी टक्कर है. लेकिन, 5 सीटों खींवसर, चौरासी, सलूंबर, झुंझुनू और देवली उनियारा पर त्रिकोणीय मुकाबला नजर आ रहा है. जबकि, दौसा और रामगढ़ विधानसभा सीट पर बीजेपी-कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है.
दौसा सबसे हॉट सीट, जिसकी सबसे अधिक चर्चा
इस उप-चुनाव में हॉट सीट की बात करें तो दौसा सीट की चर्चा सबसे ज़्यादा हो रही है. दौसा विधानसभा सीट किरोड़ी लाल मीणा और सचिन पायलट की वजह से हॉट सीट बन गई है. इस सीट पर इन दोनों दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. बीजेपी से किरोड़ी लाल मीणा के भाई जगन मोहन मीणा मैदान में हैं, तो पायलट परिवार के नजदीकी माने जाने वाले दीनदयाल बैरवा कांग्रेस के उम्मीदवार हैं. खींवसर विधानसभा सीट पर भी सबकी नजरें हैं, यहां आरएलपी के प्रमुख हनुमान बेनीवाल की पत्नी कनिका बेनीवाल चुनावी मैदान में हैं. इस सीट पर मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के साथ त्रिकोणीय हो गया है. इसके अलावा आदिवासी बेल्ट की चौरासी सीट भी चर्चा में है . यहां राजस्थान में तेज़ी से उभरने वाली भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) के सामने भी अपने गढ़ को बचाने की चुनौती है.
पांच सीटों पर है त्रिकोणीय मुक़ाबला
झुंझुनू- राजेंद्र भांबू (बीजेपी)- अमित ओला (कांग्रेस)- राजेंद्र गुढ़ा (निर्दलीय)
खींवसर- रेवंत राम (बीजेपी)- रतन चौधरी (कांग्रेस)- कनिका बेनीवाल (RLP)
चौरासी- कारीलाल ननोमा (बीजेपी)- महेश रोत (कांग्रेस)- अनिल कटारा (BAP)
सलूंबर- शांता देवी (बीजेपी)- रेशमा मीणा (कांग्रेस)- जीतेश कटारा (BAP)
देवली उनियारा- राजेंद्र गुर्जर (बीजेपी)- केसी मीणा (कांग्रेस)- नरेश मीणा (निर्दलीय)
दो सीट पर बीजेपी-कांग्रेस के बीच टक्कर
दौसा- जगमोहन मीणा (बीजेपी)- दीनदयाल बैरवा (कांग्रेस)
रामगढ़- सुखवंत सिंह (बीजेपी)- आर्यन जुबेर खान (कांग्रेस)
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