राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने अपनी तैयारी तेज कर दी है। इसी कड़ी में गुरुवार 17 अगस्त को भाजपा ने दो महत्वपूर्ण समितियों का गठन किया है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के निर्देश पर 'प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति' और 'प्रदेश संकल्प पत्र समिति' की घोषणा की गई है। प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति में 21 लोग शामिल है। जबकि 'प्रदेश संकल्प पत्र समिति' में भाजपा के 25 नेता शामिल है। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को संकल्प पत्र समिति तो पूर्व सांसद नारायण पंचारिया को चुनाव प्रबंधन समिति का संयोजक बनाया गया है।
केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल को प्रदेश संकल्प पत्र समिति का संयोजक बनाया गया है। इसका मतलब यह है कि राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के घोषणा पत्र की जिम्मेवारी मेघवाल संभालेंगे। इस काम में सह-संयोजक की भूमिका में राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवारी, किरोड़ीलाल मीणा, राष्ट्रीय मंत्री व पूर्व विधायक अल्का सिंह गुर्जर, पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष राव राजेंद्र सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष मेहरिया, प्रभुलाल सैनी और राखी राठौड़ शामिल है। इसके अलावा सदस्य के रूप में भी कई भाजपा नेताओं का नाम शामिल है।
इन दोनों कमेटी में राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का नाम शामिल नहीं है। साथ ही उनके खेमें के नेताओं को भी प्रमुखता से नहीं रखा गया है। इस बारे में पूछे जाने पर राजस्थान प्रभारी अरुण सिंह ने कहा कि वसुंधरा राजे चुनावी कैंपेन का अहम हिस्सा रहेंगी। ये हमारी वरिष्ठ नेता है।
भारतीय जनता पार्टी के माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री @JPNadda जी के निर्देशानुसार 'प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति' की निम्नवत घोषणा की जाती है। pic.twitter.com/PvjpsUcKPt
— BJP Rajasthan (@BJP4Rajasthan) August 17, 2023
भारतीय जनता पार्टी के माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री @JPNadda जी के निर्देशानुसार 'प्रदेश संकल्प पत्र समिति' की निम्नवत घोषणा की जाती है। pic.twitter.com/rioU3AP5Fz
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भाजपा की संकल्प समिति में कौन-कौन?
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि प्रदेश संकल्प समिति की घोषणा आज की गई है। संकल्प पत्र कमेटी में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल को संयोजक बनाया गया है। सांसद घनश्याम तिवाड़ी, किरोडी लाल मीणा, राष्ट्रीय मंत्री अल्का गुर्जर, प्रभु लाल सैनी, राखी राठौड़ को भी शामिल किया गया है। सह संयोजक, सदस्य के रूप में सुशील कटारा, हिमांशु शर्मा, रतन गाडरी, रामगोपाल सुधार, प्रभु बडालिया, जसवंत विश्नोई, अशोक वर्मा, सीएल मीणा, ममता शर्मा, प्रकाश माली, श्याम सिंह चौहान, मानक चतुर्वेदी, सरदार जसवीर सिंह, डॉ एस एस अग्रवाल को जगह मिली है।
भाजपा के लिए क्या है सबसे बड़ी चुनौती ?
भाजपा ने फ़िलहाल गहलोत सरकार को घेरने के लिए कई अभियान चलाए हैं। महिला मोर्चा ने बढ़ते पराध को चुनावी मुद्दा बनाया है, तो नहीं सहेगा राजस्थान के तहत भ्रष्टाचार , पेपर लीक , किसानों से जुड़े मुद्दे को लेकर कांग्रेस को टारगेट किया है। लेकिन भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती है गहलोत सरकार की समाज कल्याणकारी योजनाओं का जवाब ढूंढना। जिससे गहलोत सरकार को उम्मीद है की सरकार वो दुबारा रिपीट कर पाएंगे।