
Rajasthan Election 2023: राजस्थान के मुख्यमंत्री सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने सोमवार को जोधपुर की सरदारपुरा विधानसभा सीट से छठी बार नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है. इसके तुरंत बाद सीएम जोधपुर के राजकीय उम्मेद स्टेडियम (Maharaja Umaid Singh Stadium) में चुनावी रैली में शामिल होने के लिए रवाना हो गए हैं. इस रैली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ ही जोधपुर की 10 विधानसभा सीटों के प्रत्याशी भी शामिल होने वाले हैं, जिसमें कार्यकर्ताओं को कोई बड़ा संदेश दिए जाने के कयास लगाए जा रहे हैं.
जिला निर्वाचन कार्यालय से बाहर आने के बाद सीएम गहलोत ने कहा, 'पहले राजस्थान को पिछड़े राज्य के रूप में जाना जाता था, लेकिन अब यह बदल गया है. आज, राजस्थान में एम्स, आईआईटी, आईआईएम और अन्य विश्वविद्यालय हैं. जब मैं पहली बार सीएम बना, तो केवल 6 विश्वविद्यालय थे और अब 100 से ज्यादा कॉलेज हैं. राज्य की जनता राजस्थान में सरकार दोहराने के मूड में है.'
#WATCH | Rajasthan CM Ashok Gehlot says "Earlier Rajasthan was known as a backwards state but now it has changed. Today, Rajasthan has AIIMS, IITs, IIMs and other universities. When I became the CM for the first time, there were only 6 universities and now there are over 100… pic.twitter.com/0tAqlOxeXv
— ANI (@ANI) November 6, 2023
राजस्थान की राजनीति के 'जादूगर'
सीएम अशोक गहलोत राजस्थान में राजनीति के 'जादूगर' कहे जाते हैं. गहलोत 1998, 2008 और 2018 में तीन बार सीएम बने गहलोत ने 1977 में जोधपुर के सरदारपुरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़कर अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की. इस पहले चुनाव में गहलोत हार गए थे, लेकिन 1980 के मध्यावधि चुनाव में गहलोत को जोधपुर से लोकसभा प्रत्याशी घोषित किया गया. वे यहां से सांसद बनकर पहली बार सीधे राष्ट्रीय राजनीति में पहुंच गए. अशोक गहलोत इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और पीवी नरसिम्हा राव की केंद्र सरकार में पर्यटन, खेल और नागरिक उड्डयन मामलों के राज्य मंत्री रहे हैं. अशोक गहलोत को हालांकि 1989 के लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. भाजपा नेता जसवंत सिंह ने गहलोत को तब हराया था, लेकिन इसके बाद लगातार 3 बार गहलोत जोधपुर के सांसद चुने गए.
देवड़ा ने खाली की थी सरदारपुरा सीट
कांग्रेस हाईकमान के निर्देश पर 1998 में गहलोत पहली बार राजस्थान के मुख्यमंत्री बने. लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि तब गहलोत विधायक नहीं थे, तो उनके लिए सरदारपुरा सीट से जीते मानसिंह देवड़ा ने इस्तीफा दे दिया था. फिर गहलोत ने उपचुनाव में जीत हासिल की और सीएम की कुर्सी पक्की कर ली. इसके बाद से वे सरदारपुर विधानसभा से चुनाव लड़ रहे हैं. यहां से वे लगातार 5 बार विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं. बड़ी बात यह है कि 2013 के चुनाव से पहले कांग्रेस सत्ता में थी, वह जब ऐतिहासिक हार के साथ केवल 21 सीटों पर सिमट गई, तब भी अशोक गहलोत सरदारपुरा से विधायकी का चुनाव जीत गए थे. तब गहलोत मंत्रिमंडल में मंत्री रहे ज्यादातर सभी नेता चुनाव हार गए थे.
सरदारपुरा से 5 बार विधायक के रूप में जीत
सरदारपुरा विधानसभा सीट से 1999 में गहलोत 49 हजार वोटों से जीते थे. 2003 विधानसभा चुनाव में गहलोत ने बीजेपी के महेंद्र झाबक को 24 हजार वोटों से हराया. 2008 के विधानसभा चुनाव में अशोक गहलोत ने बीजेपी के राजेंद्र गहलोत को 16 हजार वोट से हराया और दूसरी बार सीएम बने. फिर साल 2013 में गहलोत ने बीजेपी के शंभू सिंह खेतासर को 18 हजार वोटों से हराया, लेकिन प्रदेश में बीजेपी सरकार बनी. 2018 में अशोक गहलोत ने बीजेपी के शंभू सिंह खेतासर को 48 हजार वोटों से चुनाव हराया और तीसरी बार राजस्थान के सीएम बने.
5 बार लोकसभा चुनाव भी जोधपुर से जीते
अशोक गहलोत ने जोधपुर संसदीय क्षेत्र से 5 बार लोकसभा चुनाव भी जीता. गहलोत ने 1980, 1985, 1991, 1996 और 1998 के मध्यावर्ती चुनाव में लोकसभा सीट जीती. गहलोत 1990 में जसवंत सिंह से चुनाव हारे थे.