Rajasthan News: विधानसभा चुनाव दहलीज पर होने के चलते राजस्थान का सियासी पारा इस वक्त हाई है. अलग-अलग पार्टी के नेता एक दूसरे की कमियां बतानें और बयानबाजी करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं. इसी बीच राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) का एक बयान सामने आया है, जिसमें वे राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) पर जमकर निशाना साधते हुए नजर आ रहे हैं.
'मैंने राजे को सत्ता में आने से रोका'
बेनीवाल ने कहा, 'प्रदेश में अगर मैडम (वसुंधरा राजे) का राज खत्म हुआ, उसका कारण हनुमान बेनीवाल है. वसुंधरा राजे को सत्ता में आने से मैंने ही रोका है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे के बीच में मिली भगत है. गहलोत खुद कह चुके हैं कि वसुंधरा राजे ने उनकी सरकार गिरने से बचाई है. ऐसे में जनता इस बार आरएलपी को वोट दे, क्योंकि राजस्थान में अगर बीजेपी व कांग्रेस का कोई विकल्प है तो वह एक मात्र राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी है. आरएलपी प्रदेश में 200 विधानसभा क्षेत्र पर अपने प्रतिनिधियों को खड़ा करेगी. अगर पाली की जनता उन्हें जीता कर भेजती है तो पाली की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता रहेगा.'
— HANUMAN BENIWAL (@hanumanbeniwal) October 7, 2023
'इसी से उनकी दुकान चलती है'
आरएलपी सुप्रीमो ने ये बयान शनिवार को पाली में आयोजित एक जनसभा के दौरान दिया. ये मौका सत्ता संकल्प यात्रा के पाली पहुंचने का था. इस दौरान सुमेरपुर में आरएलपी कार्यकर्ताओं ने वाहन रैली निकालकर बेनीवाल का भव्य स्वागत किया, और फिर आम सभा को संबोधित किया. इस दौरान बेनीवाल ने राजस्थान की गहलोत सरकार पर भी जमकर बरसे. उन्होंने कहा, 'पाली की जनता की एक ही समस्या है, वह है पानी और प्रदूषण. यह दोनों समस्याएं आपके नेताजी पूरा नहीं करना चाहते, क्योंकि उसी से उनकी दुकान चलती है. जबकि लोगों को कहते हैं दवा-दारू मेरी सेवा है. अगर इस बार पाली की जनता हमें चुनती हैं तो इन समस्याओं का निपटारा किया जाएगा.'
'जनता को लूट रहे यही ठेकेदार'
बेनीवाल यहीं नहीं रुके. कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने आगे कहा, 'प्रदेश में अपराध, उत्पीड़न, दलितों पर अत्याचार लगातार बढ़ रहा है. प्रदेश का किसान पूर्ण रूप से दुखी है. दोनों ही पार्टियों का आपस में एका है, जो पांच-पांच साल तक प्रदेश में अपना राज चला रही है. बेनीवाल ने कहा कि प्रदेश में टोल माफिया, बजरी माफिया की नेताओं से भागीदारी है. आधे से ज्यादा नेता तो खुद ही टोल, ठेकेदार व बजरी माफिया हैं! इसलिए उन पर कार्यवाही नहीं होती. यह ठेकेदार ही जनता को लूट रहे हैं.'