राजस्थान में 200 विधानसभा सीटों के लिए 23 नवंबर को होने वाले मतदान में सवा पांच करोड़ से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करके प्रदेश की अगली सरकार चुनेंगे. निर्वाचन आयोग ने सोमवार को राजस्थान समेत कुल पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा की. चुनाव आयोग की घोषणा के अनुसार राजस्थान की सभी 200 विधानसभा सीटों के लिए 23 नवंबर को मतदान होगा जबकि वोटों की गिनती तीन दिसंबर को होगी.
गौरतलब है निर्वाचन विभाग के चार अक्टूबर को जारी आंकड़ों के अनुसार मतदाता सूचियों के अन्तिम प्रकाशन तक राज्य में कुल 5 करोड़ 26 लाख 80,545 मतदाता हैं. इनमें से 2 करोड़ 73 लाख 58 हजार 627 पुरूष एवं 2 करोड़ 51 लाख 79 हजार 422 महिला मतदाता शामिल हैं.
राज्य की अद्यतन मतदाता सूची में 80 वर्ष से अधिक उम्र के कुल 11.78 लाख मतदाता, 100 वर्ष से अधिक उम्र के कुल 17,241 मतदाता पंजीकृत हैं। इसी प्रकार कुल 5.61 लाख विशेष योग्य जन मतदाता के रूप में पंजीकृत हैं. वहीं, राज्य में 601 मतदान केन्द्रों का नवसृजन एवं 32 मतदान केन्द्रों का समायोजन किया गया. इसके चलते राज्य में 569 मतदान केन्द्र बढ़े हैं. यानी पुनर्गठन के बाद राज्य में मतदान केन्द्रों की संख्या 51 हजार 187 से बढ़कर 51 हजार 756 हो गई है.
उल्लेखनीय है राज्य का पिछला विधानसभा चुनाव 2018 में हुआ था. निर्वाचन आयोग ने 6 अक्टूबर 2018 को विधानसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की थी. राज्य की 200 विधानसभा सीटों के लिए कुल 2294 उम्मीदवार अंतत: मैदान में थे,जिनमें 2105 पुरुष व 189 महिलाओं ने चुनाव लड़ा. 200 में से 199 सीटों के लिए 7 दिसंबर को कुल 74.21 फीसदी मतदान हुआ था.
वोटों की गिनती 11 दिसंबर 2018 को हुई. इसमें कांग्रेस को 99 व भाजपा को 73 सीटें मिलीं. अलवर जिले की रामगढ़ विधानसभा सीट पर बसपा प्रत्याशी के निधन के बाद चुनाव स्थगित कर दिया गया, जो 28 जनवरी को हुआ।.इसमें भी कांग्रेस ने बाजी मारी. प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर अशोक गहलोत ने 17 दिसंबर 2018 को तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.
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