Rajasthan News: राजस्थान विधानसभा में आज का दिन विधायी और राजनीतिक गहमागहमी से भरपूर रहने वाला है. सदन की कार्यवाही का मुख्य केंद्र 'राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2025' रहेगा, जिसका उद्देश्य राज्य में जबरन या धोखे से होने वाले धर्म परिवर्तन को रोकना है. इस महत्वपूर्ण विधेयक को सदन में चर्चा के लिए पेश किया जाएगा, जिसके बाद इसे पारित करने की प्रक्रिया होगी. इस बिल को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस होने की पूरी संभावना है.
भाजपा विधायक दल की बैठक आज
मामले की गंभीरता को देखते हुए सत्ताधारी दल भाजपा ने अपनी रणनीति तय करने के लिए सुबह 10 बजे विधानसभा की हां पक्ष लॉबी में विधायक दल की बैठक की. सत्र के दौरान हर मंगलवार को होने वाली यह बैठक आज इसलिए भी खास है क्योंकि इसमें धर्मांतरण विरोधी विधेयक पर पार्टी के रुख और सदन में विपक्ष के सवालों का जवाब देने की रणनीति पर मंथन हुआ.
सुबह 11 बजे प्रश्नकाल से साथ कार्यवाही शुरू
विधानसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे प्रश्नकाल के साथ शुरू हो गई है. आज की कार्यसूची में 24 तारांकित और 24 अतारांकित प्रश्न शामिल हैं, जिनके माध्यम से विधायक सरकार से जनता से जुड़े मुद्दों पर जवाब मांगेंगे. आज मुख्यमंत्री से संबंधित विभागों के अलावा, उपमुख्यमंत्री (वित्त), चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, संसदीय कार्य, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, पशुपालन एवं डेयरी और वन विभाग से जुड़े सवालों पर सरकार को जवाब देना होगा. उम्मीद की जा रही है कि स्वास्थ्य सेवाओं, वित्तीय प्रबंधन और नागरिक आपूर्ति जैसे अहम विषयों पर विधायक सरकार को घेरने की कोशिश करेंगे.
पटल पर रखे जाएंगे कई महत्वपूर्ण दस्तावेज
प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद सदन में विधायी कामकाज को आगे बढ़ाया जाएगा. राजस्व मंत्री जोगाराम पटेल राजस्व विभाग से संबंधित 6 अधिसूचनाएं सदन के पटल पर रखेंगे. वहीं, शहरी विकास और आवास (UDH) मंत्री झाबर सिंह खर्रा अपने विभाग से जुड़ी 40 महत्वपूर्ण अधिसूचनाएं सदन के सामने प्रस्तुत करेंगे. ये अधिसूचनाएं राज्य में शहरी विकास की नीतियों और नियमों से संबंधित हैं, जिनका असर आम जनता पर सीधे तौर पर पड़ता है.
समितियों के प्रतिवेदन भी होंगे पेश
विधानसभा की विभिन्न समितियों की रिपोर्ट भी आज सदन के पटल पर रखी जाएगी. जनलेखा समिति के सभापति टीकाराम जूली नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) से संबंधित विभिन्न विभागों के प्रतिवेदन पेश करेंगे. इन रिपोर्टों में सरकारी खर्चों और वित्तीय अनियमितताओं का लेखा-जोखा होता है, जिस पर सदन में चर्चा होती है. इसके अलावा, गृह, स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थाओं से जुड़ी समिति के सभापति जितेंद्र गोठवाल 10 प्रतिवेदन पेश करेंगे. साथ ही, प्रश्न एवं संदर्भ समिति के सभापति संदीप शर्मा भी अपनी समिति के 2 प्रतिवेदन सदन के सामने रखेंगे. ये समितियां विधानसभा के 'मिनी-सदन' की तरह काम करती हैं और सरकारी कामकाज पर पैनी नजर रखती हैं.
विधायक उठाएंगे स्थानीय और सामाजिक मुद्दे
आज सदन में तीन विधायक याचिकाओं के माध्यम से महत्वपूर्ण मुद्दे उठाएंगे.
- उदयलाल भड़ाना: सरकारी भर्तियों में एमबीसी वर्ग को आरक्षण का लाभ दिलाने की मांग करेंगे.
- छगन सिंह राजपूत: आहोर में AEN कार्यालय को यथास्थिति में रखने की मांग उठाएंगे.
- रूपेंद्र सिंह कुन्नर: बजट घोषणा 2021-22 के क्रियान्वयन से जुड़ी याचिका लगाएंगे.
कुल मिलाकर, धर्मांतरण विरोधी विधेयक से लेकर प्रश्नकाल और याचिकाओं तक, आज का दिन राजस्थान विधानसभा में काफी एक्शन से भरपूर रहने की उम्मीद है.
Here Are The Live Update of Rajasthan Assembly Session
धर्मांतरण विरोधी बिल पर बोले सुभाष गर्ग
नए धर्मांतरण विरोधी बिल पर बोलते हुए विधायक सुभाष गर्ग ने कहा कि इससे सिर्फ पुलिसवालों का फायदा होगा. इसे करप्शन बढ़ेगा. पुलिसवाले पैसा कमाएंगे.
क्यों न इसमें कोई ऐसा प्रोविजन कर दिया जाए कि नोटिस लगाने की बजाय उसे अखबार में निकाला जाए.
Rajasthan Assembly LIVE Updates: सदन में 'कैमरे से निगरानी' के मुद्दे पर हंगामा
टीकाराम जूली ने मंगलवार को सदन में कैमरे से निगरानी करने के आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि विधानसभा में कई कैमरे नए लगाए गए हैं, जिनका फोकस सिर्फ विपक्षी दल के विधायकों पर है. ये राजस्थान के सभी विधायकों की निजता का उल्लंघन है.
इसके जवाब में मुख्य सचेतक ने कहा कि ये किसी का चैंबर नहीं है, किसी का बॉथरूम नहीं है, किसी का बेडरूम नहीं है. फिर ये निजता का उल्लंघन कैसे हुआ?
Rajasthan Assembly LIVE Updates: 'आपके पास बहुमत है, हर बिल पास करा लेंगे'
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा, 'आपके पास बहुमत है. आप बिल पास करा सकते हैं. आप सारे बिल पास कराएंगे आपका राज है. लेकिन बिलो पर हमें ना बोलने दिया जाए. कैमरे हमारे ऊपर लगा दिए जाएं. सवाल हमें नहीं पूछने दिया जाए. ये कैमरे किस फंड से लगे हैं? ये सभी सदस्यों की निजता का हनन हैं. हम यहां बैठकर क्या बात करते हैं, क्या इसकी भी आप निगरानी करेंगे?'
जूली ने बताया कि इस मुद्दे पर वे बातचीत करना चाहते थे लेकिन उन्हें रोका गया और केवल पांच लोगों को बुलाने की बात कही गई.
इस पर संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने जवाब देते हुए कहा कि सरकार की कोशिश है कि सदन चले और सभी की गरिमा बनी रहे. राजस्थान विधानसभा की परंपरा रही है और उन परंपराओं को सबको मिलकर निभाना चाहिए. पटेल ने कहा कि कैमरों की जानकारी उन्हें नहीं है लेकिन सरकार नहीं चाहती कि किसी के अधिकारों का हनन हो. उन्होंने विपक्ष से अपील की कि विधानसभा की परंपराओं को निभाते हुए सार्थक बहस करें और सरकार को रचनात्मक सुझाव दें.
राजस्थान विधानसभा में पेश हुआ जबरन धर्मांतरण विधेयक
राजस्थान विधानसभा में जबरन धर्मांतरण विधेयक 2025 पेश हो गया है. कुछ ही देर में इस पर चर्चा शुरू होने वाली है.
सदन की कार्यवाही फिर शुरू होने के 3 मिनट बाद नारेबाजी शुरू
ब्रेक के बाद 2:19 बजे सदन की कार्यवाही फिर शुरू हो गई है. हालांकि 3 मिनट बाद ही नारेबाजी फिर शुरू हो गई. स्पीकर सभी सदस्यों से अपनी-अपनी सीटों पर बैठने का आग्रह कर रहे हैं. मगर नारेबाजी जारी है.
ब्रेक के बाद फिर शुरू हुई सदन की कार्यवाही, कांग्रेस नेता कर रहे नारेबाजी
'विपक्ष को न्याय दो' और 'तानाशाही नहीं चलेगी' जैसे नारे इस वक्त राजस्थान विधानसभा में गूंज रहे हैं. 2 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही यही नजारा सदन की बैठक में देखने को मिला. इसके बाद सदन की कार्यवाही तीसरी बार 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई.
Rajasthan Assembly LIVE Updates: सदन की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित
राजस्थान विधानसभा में जारी भारी हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही को स्पीकर वासुदेव देवनानी ने 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया है.
तानाशाही नहीं चलेगी के नारे, वेल में उतरे कांग्रेस MLA, डायस के बाद मार्शल का घेरा
जब राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही 12 बजे वापस शुरू हुई तो कांग्रेस विधायक वेल में आकर नारेबाजी करने लगे. इसके बाद मार्शल स्पीकर डायस के सामने घेरा बनाकर खड़े हो गए. हालांकि कांग्रेस नेता 'तानाशाही नहीं चलेगी' के नारे लगाते रहे.
Rajasthan Assembly LIVE Updates: खानपुर से जुड़ा मामला क्या था? स्पीकर और जूली के बीच बहस क्यों हुई? पढ़ें पूरी कहानी
विधायक सुरेश गुर्जर ने सदन में पूरक प्रश्न पूछते हुए कहा, 'मेरी विधानसभा क्षेत्र में 7 थाने आते हैं. पिछले 1 साल में यहां चोरी, नकबजनी, लूट और डकैती के 112 मुकदमें दर्ज हुए हैं. इनमें से 29 मामलों में गिरफ्तारी हुई है. 35 मामलों में माल बरामदगी हुई है. पिछले 2 सालों में 126 मामलों को फाइनल रिपोर्ट (FR) लगाकर बंद कर दिया गया है. पुलिस उनका खुलासा नहीं कर पाई है. क्या मंत्रीजी बताएंगे कि इतने कम मामलों के खुलासे के क्या कारण रहे? क्या ये पुलिसतंत्र की विफलता नहीं है? पेंडिंग मुकदमों में कब तक गिरफ्तारी होगी?'
इसका जवाब देते हुए राज्य गृह मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने कहा, 'प्रकरण दर्ज होने के बाद हमारी पुलिस ने हर संभव प्रयास किए. लेकिन काफी तलाश के बाद भी जब उन मामलों का पता नहीं चल सका तो FR लगाई गई. हमारी जिला पुलिस ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के सुपरविजन में एक SIT का गठन किया गया है. इसमें डिप्टी से लेकर संबंधित SHO को शामिल किया गया है. अगस्त में इस टीम का गठन कर दिया गया है. हमारी पुलिस कोशिश है कि जल्द से जल्द इसका खुलासा हो.'
इसके बाद खानपुर विधायक ने दूसरा पूरक प्रश्न पूछा. उन्होंने कहा, 'एक केस से जुड़े सवाल के जवाब में मंत्री ने एक भी मुल्जिम की गिरफ्तारी नहीं बताई और 5 लाख रुपये की बरामदगी दिखाई. ठीक ऐसे ही, दूसरे केस से जुड़े सवाल के जवाब में 20 हजार रुपये की बरामदगी तो दर्शायी गई. मैं ये पूछना चाहता हूं कि बिना गिरफ्तारी के ये बरामदगी कैसे हुई?'
जवाब में मंत्री बेढम ने कहा, 'जब कोई घटना होती है या चोरी हो जाती है तो कई बार पुलिस के दबाव के कारण अपराध करने वाला व्यक्ति माल को छोड़कर भाग जाता है. जब पुलिस को वो माल बरामद होता है तो उसकी कीमत अंकित की जाती है. विधायक द्वारा जिक्र किए गए प्रकरणों में ही निश्चित रूप से चोरी हुई, FIR दर्ज हुई, पुलिस ने पीछा किया, ट्रक-बाइक छोड़कर भागे. मुल्जिम की तलाश जारी है.'
इसके बाद विधायक ने कहा कि चोरों से मिलीभगत के चलते पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया.
इसके बाद टीकाराम जूली इस मुद्दे पर बोलने की कोशिश करने लगे तो स्पीकर ने उन्हें टोंक दिया और कहा कि ये खानपुर का मुद्दा है, जब प्रदेश स्तर का कोई मुद्दा आएगा तो आप बोलिएगा.
यह सुनकर विपक्षी दल के नेता नाराज हो गए और अपनी-अपनी सीट से खड़े होकर हंगामा करते हुए वेल में आ गए और फिर नारेबाजी शुरू कर दी. इसके बाद सदन की बैठक को 12 बजे तक स्थगित कर दिया गया.
वेल में आकर कांग्रेस विधायकों की नारेबाजी
स्पीकर से बहस के बाद कांग्रेस के विधायकों ने नाराजगी जताई और विधायक वेल में आकर नारेबाजी करने लगे. इस बीच स्पीकर वासुदेव देवनानी ने सदन की बैठक 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
Rajasthan Assembly LIVE Updates: हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित
राजस्थान विधानसभा में खानपुर से सवाल पर हंगामा हो गया. देखते ही देखते नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और स्वीकर वासुदेव देवानानी के बीच बहस बढ़ने लगी. विपक्ष के नेता हंगामा करने लगे. ये देखकर स्पीकर ने जूली से कहा कि ये आपके क्षेत्र का मामला नहीं है. खानपुर से जुड़ा हुआ है. अगर प्रदेश स्तर का मामला हो तो आप जरूर बोलिएगा. लेकिन हंगामा होता रहा, जिसके चलते स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी.
प्रश्नकाल में नवलगढ़ कोर्ट का मुद्दा
विधायक विक्रम जाखल ने नवलगढ़ में अपर जिला न्यायाधीश की स्थापना को लेकर सवाल किया. उन्होंने कहा कि उनके क्षेत्र नवलगढ़ से झुंझुनू का कोर्ट 100 किलोमीटर दूर है, जिससे लोगों को काफी परेशानी होती है. उन्होंने मांग की कि नवलगढ़ में जल्द से जल्द एक अतिरिक्त जिला न्यायाधीश न्यायालय खोला जाए.
जवाब में संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने प्रदेश में 1 जनवरी 2023 के बाद खोले गए न्यायालयों के आंकड़े गिनाना शुरू कर दिया. उन्होंने बताया कि इस अवधि में 8 जिला न्यायालय और 9 अतिरिक्त मुख्य न्यायाधीश न्यायालय खोले गए हैं.
इस पर स्पीकर देवनानी ने मंत्री को टोकते हुए कहा, "आंकड़े संलग्न हैं, आप सीधे प्रश्न का जवाब दें."
मंत्री पटेल ने इसके बाद कहा कि किसी भी नए न्यायालय की स्थापना तभी की जाएगी जब वित्तीय संसाधन उपलब्ध हों, मुकदमों की संख्या 1200 से अधिक हो और हाईकोर्ट की सिफारिश हो.
इस जवाब से असंतुष्ट, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सरकार पर तीखा तंज कसा. उन्होंने कहा, "हर बार इसी प्रकार का जवाब दिया जाता है. पिछले पौने दो साल से एक भी कोर्ट नहीं खोला, एक तो खोल दो."
विपक्ष के हमलों पर जवाब देते हुए, मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा, "मुख्यमंत्री घोषणा करते हैं और कोर्ट भी वही खोलते हैं." यह बयान सरकार और विपक्ष के बीच चल रही बहस को और तीखा कर गया.
प्रश्नकाल में यह मुद्दा बताता है कि प्रदेश के सुदूर इलाकों में न्यायालयों की कमी एक गंभीर समस्या है, जिस पर सरकार और विपक्ष दोनों का ध्यान है.
जबरन धर्मांतरण विधेयक पर शांति धारीवाल का बयान
कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री शांति धारीवाल ने जबरन धर्मांतरण विधयेक पर बयान देते हुए कहा- 'यह बिल गलत तरीके और गलत मंशा से लाया जा रहा. यह बिल ना तार्किक रूप से सही है, ना सामाजिक रूप से सही माना जा सकता है. इससे सांप्रदायिकता बढ़ेगी. यह बिल समाज को जोड़ने की बजाय बांटने का काम करेगा.'
Rajasthan Assembly News LIVE: नगर पालिका में कमिशन के खेल की जांच कराएंगी डिप्टी सीएम दिया कुमारी
विधायक बहादुर खैर ने विधानसभा में कहा, 'प्रताप किले के चारों तरफ नहर है. उसका अभी तक टेक्निकल सेंक्शन (TS) जारी नहीं हुआ है. ये मंत्री खर्रा के अंडर में आता है. यहां के चीफ इंजीनियर ने TS को रोक रखा है. नगर पालिका कहता है कि 5 प्रतिशत कमिशन दो तो मैं TS जारी करूंगा. मैं जानना चाहता हूं कि उस पर कार्रवाई होगी या नहीं और ये TS कब तक जारी होगा?'
इसके जवाब में डिप्टी सीएम दिया कुमारी ने कहा कि हम इसकी जांच कराएंगे और उसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.
राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही शुरू
राजस्थान विधानसभा में आज की कार्यवाही शुरू हो गई है. आप इस लाइव ब्लॉग में सदन के अंदर चल रही हर हलचल का अपडेट पढ़ सकेंगे. विधानसभा की पूरी कार्यवाही लाइव देखने के लिए आप नीचे लिंक के जरिए देख सकते हैं.
Rajasthan Assembly LIVE Updates: 45 मिनट चली बीजेपी विधायक दल की बैठक
विधानसभा सत्र के दौरान आज मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने विधायक दल की बैठक ली. यह बैठक करीब 45 मिनट चली जिसमें अहम मुद्दों पर चर्चा हुई. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शुरुआत में सभी विधायकों को बधाई दी और कहा कि सदन में उनकी उपस्थिति शानदार रही है.
बैठक में अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों और राहत कार्यों पर मंत्रियों और सचिवों की रिपोर्ट पर विस्तार से चर्चा हुई. मुख्यमंत्री ने विधायकों से कहा कि वे अपने-अपने क्षेत्र में फसल खराबे, जनहानि और पशुहानि की पूरी जानकारी लेकर प्रभारी मंत्री को लिखकर भेजें और सुनिश्चित करें कि किसानों और पीड़ितों को तुरंत राहत मिले.
उन्होंने बताया कि 15 सितंबर से शहरी सेवा शिविर और 17 सितंबर से ग्रामीण सेवा शिविर का आयोजन किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने सभी विधायकों से इन शिविरों में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने और जनता को अधिक से अधिक लाभ दिलाने का आह्वान किया.
बैठक में धर्मांतरण विरोधी बिल पर भी चर्चा हुई.
Rajasthan Assembly News LIVE: कांग्रेस नेताओं की सुरक्षाकर्मियों से बहस
राजस्थान विधानसभा के बाहर कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है. इस दौरान नेताओ और सुरक्षाकर्मियों के बीच बहस भी देखने को मिली है.
आज भी प्रदर्शन करेंगे कांग्रेस नेता
राजस्थान विधानसभा के मौजूदा सत्र में रोजाना अलग-अलग तरीके से कांग्रेस सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है. आज फिर टीकाराम जूली की अगुवाई में कांग्रेस नेता प्रदर्शन करने वाले हैं. ये कुछ ही देर में शुरू होगा. इस दौरान कांग्रेस विधायकों का दल नगरीय निकाय और पंचायती राज चुनाव की मांग को लेकर अपनी मांगें रहेगा.
Rajasthan News LIVE: भाजपा विधायक दल की बैठक जारी
राजस्थान विधानसभा की हां पक्ष लॉबी में सुबह 10 बजे से भाजपा विधायक दल की बैठक चल रही है, जो 11 बजे से पहले खत्म हो जाएगी. इस बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा कर रहे हैं.
राजस्थान विधानसभा में पेश होने वाले धर्मांतरण विरोधी बिल 2025 की मुख्य बातें:
यह बिल फरवरी 2025 में लाए गए पुराने बिल से कहीं ज्यादा सख्त है, जिसमें सजा और जुर्माने को काफी बढ़ाया गया है.
सामान्य धर्मांतरण: जबरन, धोखे या लालच से धर्मांतरण कराने पर 7 से 14 साल की कैद और ₹5 लाख का जुर्माना.
विशेष मामलों में: नाबालिग, दिव्यांग, महिला, SC/ST का धर्मांतरण कराने पर 10 से 20 साल की सजा और ₹10 लाख का जुर्माना.
सामूहिक धर्मांतरण: 20 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा और न्यूनतम ₹25 लाख का जुर्माना.
विदेशी फंड: विदेशी या अवैध संस्थानों से फंड लेकर धर्मांतरण कराने पर 10 से 20 साल की कैद और ₹20 लाख का जुर्माना.
दोहराने पर: बार-बार अपराध करने पर आजीवन कारावास और ₹50 लाख तक का जुर्माना.
शादी और धर्मांतरण: धर्म परिवर्तन के मकसद से की गई शादी को कानूनी रूप से शून्य (अवैध) घोषित किया जाएगा.
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कुछ जरूरी बातें
- धर्म परिवर्तन से 90 दिन पहले कलेक्टर/एडीएम को सूचना देना अनिवार्य है.
- धर्मांतरण कराने वाले धर्माचार्य को भी दो महीने पहले नोटिस देना होगा.
- बिल के तहत सभी अपराध 'संज्ञेय' (पुलिस बिना वारंट गिरफ्तार कर सकती है) और 'गैर-जमानती' (Bail नहीं मिलेगी) माने जाएंगे.
- बिल में यह स्पष्ट किया गया है कि 'घर वापसी' (अपने मूल धर्म में लौटना) को धर्मांतरण नहीं माना जाएगा.
- पहली बार, इस बिल में धर्मांतरण कराने वाली संस्थाओं पर बुलडोजर एक्शन का प्रावधान भी शामिल किया गया है.
क्या है 'धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2025'?
आज विधानसभा का मुख्य आकर्षण 'राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2025' है. इस विधेयक का उद्देश्य बल, धोखाधड़ी, लालच या विवाह का झांसा देकर होने वाले धर्म परिवर्तन को अपराध की श्रेणी में लाना है. अगर यह विधेयक पारित होता है तो जबरन धर्मांतरण कराने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई का प्रावधान होगा. सदन में इस पर बहस होने की पूरी उम्मीद है.