
Rajasthan News: राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी मंगलवार को कोटा प्रवास पर आए. सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत के दौरान कोटा में कोचिंग स्टूडेंट के सुसाइड को उन्होंने दुखद बताया. साथ ही विधानसभा और लोकसभा में सदस्यों के द्वारा आसन के प्रति सम्मान और विश्वास रखने की बात कही. वक्फ बोर्ड बिल को लेकर देवनानी ने कहा कि सवाल सीधा सरकार से जुड़ा हुआ है. फिर भी सदन इस पर बहस करेगा. उम्मीद है कि उचित कदम भी उठाएगा.
'सुसाइड पीड़ा दायक है'
कोटा में स्टूडेंट लगातार सुसाइड पर विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने कहा कि सुसाइड होना बहुत पीड़ा दायक है. समाज और सरकार की दृष्टि से इस बारे में प्रयास होने चाहिए. विधानसभा में सरकार बिल लाई और चर्चा भी हुई. इस दौरान कई विधायकों के सुझाव आए कि इसमें सुधार भी होना चाहिए. ऐसे में सरकार ने इसे प्रवर समिति को सौंपा है. समिति में यह नियम है कि आने वाले सत्र शुरू होने पर 42 दिन के अंदर उस बिल को पास पारित करवाना होता है.
देवनानी ने उम्मीद जताई कि सत्र के बाद इस पर गंभीरता से चर्चा होगी, विचार विमर्श होगा. तब लगता है सरकार रूख के अनुसार पालन करेगी. सदन में अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल सांसद-विधायक कर रहे हैं. देवनानी ने कहा कि लोकसभा और विधानसभा लोकतंत्र की रीड की हड्डी है. सोशल मीडिया यूट्यूब के जरिए लाइव सदन की कार्रवाई जनता देखती है.
सदन में मर्यादा की जरूरत
ऐसे में सदन के अंदर नियम, मर्यादा, अनुशासन और कायदों का पालन होना जरूरी है. सभी दलों को पहल करना चाहिए कि भाषा पर नियंत्रण हो, आसन के प्रति सम्मान हो. सदन के प्रति विश्वास हो. इसको बनाए रखने की आवश्यकता होती है. अध्यक्ष सभापति भी अपने स्तर पर अनुशासन बनाए रखने का प्रयास करते हैं. कभी कभार एक्शन भी लेने के लिए मजबूर होना पड़ता है.
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