भीलवाड़ा जिले के गांवों को जोड़कर बनाए गए नए जिले शाहपुरा को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. मांडलगढ़ क्षेत्र को शाहपुरा में शामिल करने से शुरू हुआ विरोध अब बनेड़ा कस्बे तक जा पहुंचा है. विरोध का स्तर यह है कि गुरूवार सुबह से बनेड़ा कस्बे के बाजार पूरी तरह से बंद रहे और असर नहीं होता देख ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन धरने की शुरुआत कर दी. यही नहीं, दोपहर बाद ग्रामीणों ने काली पट्टी बांध कस्बे से उपखंड कार्यालय तक जुलूस निकालते हुए प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
रिपोर्ट के मुताबिक नवगठित शाहपुरा जिले में बनेड़ा उपखंण्ड क्षेत्र को शामिल करने का पहले दिन से ही विरोध किया जा रहा था. उपखंण्ड क्षेत्र की सात पंचायतों को अन्य तहसीलों में जोड़ने के विरोध में सभी दलों के नेताओं के साथ मिलकर संघर्ष समिति का गठन किया.
बनेड़ा तहसील बचाओ संघर्ष समिति के आह्वान पर गुरूवार को उपखण्ड मुख्यालय के बाजार पूर्णरूप से बंद रखे गए. विरोध में शामिल प्रदर्शनकारी मौन जुलूस निकाल कर के उपखंण्ड कार्यालय पहुंचे, जहां अपनी मांगों को लेकर उपखंण्ड कार्यालय के बाहर वे अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए. ग्रामीणों का दावा है कि जब मांग पूरी नहीं होगी तब तक धरने से नहीं उठेंगे.
गौरतलब है मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गत 4 अगस्त को हुई कैबिनेट मीटिंग राजस्थान में कुल 19 नए जिले और 3 प्रभाग को मंजूरी देते हुए नोटिफिकेशन जारी किया था. इनमें भीलवाड़ा के गांवों को जोड़कर शाहपुरा नामक एक नए जिले का गठन किया था, जिसके बाद राजस्थान में जिलों की संख्या 33 से बढ़कर 50 हो गईं और प्रभागों की संख्या 7 से 10 हो गईं.