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This Article is From Apr 20, 2024

Mid Day Meal Rajasthan: राजस्थान में मिड डे मील का एक्सपायरी दूध पीकर कई बच्चे बीमार, गुस्साए परिजन पहुंचे स्कूल

ग्रामीणों ने बताया कि दूध की थैलियों पर पैकिंग की तारीख की जांच की, तो वे चौंक गए, क्योंकि दूध की थैलियों पर पैकिंग की अवधि समाप्त हो चुकी थी. उन्होंने आरोप लगाया कि जब उन्होंने स्कूल स्टाफ से शिकायत की तो उन्होंने पल्ला झाड़ लिया और पोषाहार बनाने वाली महिला को ही दोषी ठहरा दिया. जबकि इस मामले में लापरवाही स्कूल स्टाफ की है

Mid Day Meal Rajasthan: राजस्थान में मिड डे मील का एक्सपायरी दूध पीकर कई बच्चे बीमार, गुस्साए परिजन पहुंचे स्कूल
बच्चों की तबीयत खराब बढ़ गया

Didwana News: सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए और उन्हें संपूर्ण पोषण देने के लिए केंद्र सरकार ने मिड डे मील योजना शुरू की थी, लेकिन आए दिन को पोषाहार में गड़बड़ियों की शिकायतें मिलती रहती है. कई बार स्कूलों में बच्चों को पूरा पोषाहार नहीं दिया जाता, तो कई बार घटिया क्वालिटी के पोषाहार का ही वितरण कर दिया जाता है. ऐसा ही एक मामला डीडवाना जिले के अमरपुरा में सामने आया है, जहां आज बच्चों को एक्सपायरी डेट का ही दूध पिला दिया गया. मामले का खुलासा उस समय हुआ, जब कुछ बच्चों को फूड प्वाइजनिंग जैसी शिकायत हुई और ग्रामीण शिकायत लेकर स्कूल पहुंचे, तब एक्सपायरी डेट के दूध के वितरण की बात सामने आई.

बच्चों को पेट में दर्द 

इस मामले को लेकर आज परिजन और ग्रामीण आक्रोशित हो गए और स्कूल पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान ग्रामीणों ने स्कूल स्टाफ पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया. साथ ही उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. ग्रामीणों का आरोप है कि कुछ दिनों से इस स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को पेट से संबंधित कई शिकायत हो रही थी. कई बच्चों के पेट में दर्द हो रहा था, तो कई बच्चों को उल्टियां हो रही थी. इसी बीच आज जब कुछ परिजन अचानक स्कूल पहुंचे तो वहां बच्चों को एक्सपायरी डेट का दूध वितरण किया जा रहा था.

खराब दूध के साथ बच्चों के परिजन

खराब दूध के साथ बच्चों के परिजन

एक्सपायरी डेट का दूध पिलाया जा रहा था 

ग्रामीण मोहम्मद मुंशी खान मोहम्मद फारूक ने बताया कि उन्होंने जब दूध की थैलियों पर पैकिंग की तारीख की जांच की, तो वे चौंक गए, क्योंकि दूध की थैलियों पर पैकिंग की अवधि समाप्त हो चुकी थी. इसके बावजूद बच्चों को यह दूध पिलाया जा रहा था. उन्होंने आरोप लगाया कि जब उन्होंने स्कूल स्टाफ से शिकायत की तो उन्होंने पल्ला झाड़ लिया और उन्होंने पोषाहार बनाने वाली महिला को ही दोषी ठहरा दिया. जबकि इस मामले में लापरवाही स्कूल स्टाफ की है, क्योंकि वही पोषाहार बनाने वाली महिला को पोषाहार का सामान देते हैं, तब महिला पोषाहार बनाती है और दूध का वितरण करती है. ग्रामीणों की मांग है कि लापरवाही बरतने वाले स्कूल स्टाफ पर कार्रवाई की जाए और स्टाफ को बदल जाए.

बच्चों के परिजनों ने जताया विरोध 

इस बीच सूचना मिलने पर भारी संख्या में ग्रामीण स्कूल पहुंच गए और स्टाफ के समक्ष विरोध जताया. सूचना मिलने पर डीडवाना के सीबीईओ अर्जुनराम भी स्कूल पहुंचे और स्टाफ से पूछताछ की. सीबीईओ ने बताया कि प्रथम दृष्टया बच्चों को एक्सपायरी डेट का दूध पिलाने की बात सामने आई है. हालांकि एक्सपायरी डेट का दूध और नए स्टॉक का दूध चुनाव के कारण एक साथ ही रख दिया गया था. इसी कारण जल्दबाजी में एक्सपायरी दूध का वितरण कर दिया गया. उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जा रही है और जो कोई दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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