
Rajasthan News: राजस्थान के चूरू के पास बुधवार को भारतीय वायु सेना का जगुआर लड़ाकू विमान नियमित उड़ान के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस हादसे में दो बहादुर पायलटों फ्लाइट लेफ्टिनेंट ऋषि राज सिंह और स्क्वाड्रन लीडर लोकेंद्र सिंह शहीद हो गए. 23 वर्षीय ऋषि राज सिंह हरियाणा के रोहतक के खेरी साध गांव के रहने वाले थे. उनकी शहादत ने पूरे देश को झकझोर दिया है.
सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई
बृहस्पतिवार शाम को ऋषि राज सिंह के पार्थिव शरीर का उनके पैतृक गांव राजस्थान के पाली जिले के खिवांदी में पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. उनके शव को सूरतगढ़ से जोधपुर वायुसेना स्टेशन लाया गया. वहां केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. इसके बाद हेलीकॉप्टर से सिरोही और फिर सड़क मार्ग से उनके गांव ले जाया गया.
परिवार का गौरव थे ऋषि
ऋषि के परिवार में उनके पिता जसवंत सिंह जो एक होटल व्यवसायी हैं, मां भंवर कंवर और छोटे भाई युवराज सिंह हैं. परिवार के सदस्य प्रताप सिंह ने बताया कि ऋषि पढ़ाई में बहुत होशियार थे. जोधपुर से स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने एनडीए की परीक्षा पास की और पुणे में प्रशिक्षण लेकर वायु सेना में पायलट बने. उनका सपना था देश की सेवा करना.
ग्रामीणों में शोक की लहर
ऋषि की शहादत की खबर फैलते ही रिश्तेदार और ग्रामीण उनके घर पर इकट्ठा होने लगे. उनके चाचा हितपाल सिंह ने कहा कि ऋषि परिवार का गौरव थे. परिवार उनकी शादी की तैयारी कर रहा था, लेकिन यह हादसा सब कुछ छीन ले गया.
पुराने विमानों पर सवाल
हितपाल सिंह ने इस हादसे के लिए पुराने लड़ाकू विमानों को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसी पुरानी मशीनों को क्यों चलाया जा रहा है, जो हमारे बहादुर पायलटों की जान ले रही हैं. यह नुकसान सिर्फ परिवार का नहीं, बल्कि पूरे देश का है.
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