Analysis: राजस्थान में भजनलाल शर्मा सरकार के 6 महीने पूरे, इन 5 बड़े फैसलों से CM ने जीता लोगों का दिल, लेकिन कई चुनौतियां अब भी

Rajasthan BJP Govt: राजस्थान में भाजपा की मौजूदा सरकार के 6 महीने पूरे हो गए हैं. लोकसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता के बीच बीते इन 180 दिनों में भजनलाल सरकार ने कई बड़े फैसले लिए. हालांकि मौजूदा सरकार के सामने चुनौतियां अब भी कई हैं. भजनलाल शर्मा सरकार के 6 महीने पूरे होने पर पढ़िए ये विशेष रिपोर्ट.

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राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा.

Rajasthan CM Bhajan lal Sharma: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (CM Bhajan Lal Sharma) के कार्यकाल के 6 महीने पूरे हो गए हैं. विधानसभा चुनाव 2023 (Rajasthan Assembly Election 2023) में जीत के बाद भाजपा ने पहली बार विधायक बने भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाते हुए बड़ा दांव चला था. पार्टी ने कई कद्दावर नेताओं को दरकिनार कर संगठन में लंबे समय तक काम कर चुके भजनलाल शर्मा को सीएम बनाया था. मुख्यमंत्री बनने के बाद भजनलाल शर्मा ने अपने काम से अपने आलोचकों का मुंह बंद कर दिया. शुरुआती 6 महीने के कार्यकाल में भजनलाल शर्मा ने कई बड़े फैसले लिए. हालांकि लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) की आचार संहिता लागू होने के कारण सरकार का कामकाज कुछ दिनों तक ठप्प सा रहा.

लेकिन आम चुनाव की घोषणा से पहले और नतीजे घोषित होने के बाद भजनलाल शर्मा ने कई ऐसे बड़े फैसले लिए जिससे उन्होंने प्रदेश के लोगों का दिल जीत लिया. 

हालांकि भजनलाल शर्मा सरकार के सामने चुनौतियां अब भी हैं. लेकिन सीएम ने जनकल्याण से जुड़े कई ऐसे फैसले लिए जिससे उनके विपक्षी भी कई बार उनकी तारीफ करते नजर आए.

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राजस्थान की मौजूदा सरकार के 6 महीने पूरे हो चुके हैं. ऐसे में यह देखना मौजूं होगा कि आखिर 180 दिन के कार्यकाल में भजनलाल शर्मा सरकार के वो कौन-कौन से बड़े फैसले लिए, जिन्हें सराहा गया है. 

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6 महीने के कार्यकाल में राजस्थान सरकार के 5 बड़े फैसले

1. पेपर लीक पर राजस्थान सरकार का करारा प्रहार

राजस्थान में सरकार बनाने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जो सबसे बड़ा काम किया वो था पेपर लीक पर करारा प्रहार. पेपर लीक और सरकारी नौकरियों में धांधली के लिए राजस्थान पूरे देश में बदनाम था. पिछली सरकार में 17 भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक के आरोप लगे.

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भजनलाल शर्मा सरकार ने पेपर लीक मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर एजेसियों को कार्रवाई की खुली छूट दी. इसका नतीजा यह रहा कि एसआई परीक्षा पेपर लीक केस में कई ट्रेनी एसआई गिरफ्तार किए गए. पेपर लीक मामले में 8 नए केस दर्ज हुए. अभी तक 63 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.

2.  एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स से अपराधियों पर नकेल

प्रदेश में अपराध पर नियंत्रण के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपनी पहली पीसी में एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स के गठन की घोषणा की थी. इसके कुछ ही दिनों बाद AGTF ने अपना काम करना शुरू किया.

प्रदेश में कई कुख्यात बदमाशों को गिरफ्तार किया गया. कई तस्करों के घरों पर बुलडोजर तक चले. कई नामी बदमाश आज जेल में बंद है. इससे लोगों में यह मैसेज गया कि अब प्रदेश में गुंडाराज नहीं चलेगा. अपराधियों में भय का वातावरण बना. लिहाजा क्राइम में कमी देखी गई. 

राजस्थान भजनलाल सरकार के 6 महीने में लिए गए बड़े फैसले.

3. यमुना जल समझौता और ERCP 

पेयजल संकट से जूझने वाले राजस्थान के लिए भजनलाल सरकार ने हरियाणा के साथ यमुना जल समझौता किया. इसके अलावा सालों से लंबित चली आ रही पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना के लिए केंद्र सरकार की पहल पर मध्य प्रदेश सरकार के साथ मिलकर एक एमओयू साइन किया. ईआरसीपी पर काम तेजी से चल रहा है.

30 साल से लंबित इस बहुप्रतीक्षित मांग को सरकार ने न सिर्फ पूरा किया बल्कि इसपर तेजी से काम भी चल रहा है. ईआरसीपी से पूर्वी राजस्थान के 21 जिलों के 2.80 लाख हेक्टेयर में फसल लहलहाएंगी. साथ ही प्रदेश की 40 फीसदी आबादी को पेयजल मिलेगा.

4. पेट्रोल डीज़ल की कीमत में राहत

राजस्थान में पेट्रोल-डीज़ल पूरे देश में सबसे महंगा था. इस कारण प्रदेश के लोगों के साथ-साथ पंप संचालकों ने भी कई बार हड़ताल की थी. भजनलाल सरकार ने अपने पहले 6 महीने के कार्यकाल के भीतर ही पेट्रोल-डीज़ल की कीमत में कमी के लिए वैट में 2 प्रतिशत की  कटौती की. इससे प्रदेश में पेट्रोल-डीजल की कीमत कम हुई. ये होने से परिवहन, माल ढुलाई सहित अन्य सभी चीजों में महंगाई से राहत मिली.  

5. महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण

प्रदेश सरकार के कार्यकाल के 6 महीने पूरे होने से एक दिन पहले ही 14 जून को मुख्यमंत्री ने एक बड़ा ऐलान करते हुए तृतीय श्रेणी की शिक्षक भर्ती में महिलाओं का आरक्षण बढ़ाकर 50 फीसदी कर दिया. पहले इसमें महिलाओं के लिए 30 फीसदी आरक्षण था. अब तृतीय श्रेणी की शिक्षक भर्ती में आधी आबादी को 50 प्रतिशत आरक्षण मिलने से महिलाओं के रोजगार के नए द्वार खुलेंगे. 

राजस्थान में तृतीय श्रेणी के शिक्षकों की भर्ती में महिलाओं का 50 फीसदी आरक्षण.

450 रुपए में सिलेंडर, बुजुर्गों को किराए में छूट सहित और भी कई फैसले

इन 5 बड़े फैसलों के अलावा शुरुआती 6 महीने के कार्यकाल में भजनलाल शर्मा ने गरीब परिवार की महिलाओं को 450 रुपए में रसोई गैस सिलेंडर, किसान सम्मान निधि 6 से बढ़ाकर 8 हजार, रोडवेज किराए में बुजुर्गों को 50 प्रतिशत की छूट, गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना, सभी थानों में महिला डेस्क, अवैध खनन करने वाले माफियाओं पर नकेल सहित कई और भी बड़े काम किए. सरकार के इन कामों ने लोगों का दिल जीता. 

भजनलाल सरकार के सामने चुनौतियां 

बिजली-पानी की समस्या

इन बड़े फैसलों के जरिए राजस्थान की भाजपा सरकार ने अपने काम के इरादे तो स्पष्ट कर दिए. लेकिन मौजूदा सरकार के सामने अब भी कई चुनौतियां बनी हैं. इन्हें लेकर विपक्षी दल अक्सर सरकार को घेरते नजर आते हैं. अभी भीषण गर्मी के बीच प्रदेश के कई जिलों में बिजली कटौती और पेयजल संकट से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. सरकार ने इसे दूर करने की दिशा में कवायद को शुरू की लेकिन अभी जमीन पर यह फलीभूत होता नज़र नहीं आ रहा है. 

रोज़गार का मसला

इसके अलावा पेपर लीक पर सख्त कार्रवाई के बाद भी रोजगार के मसले पर राजस्थान सरकार को कई बार युवाओं के कोप का शिकार होना पड़ा है. लोकसभा चुनाव के नतीजे के बाद मुख्यमंत्री ने सभी विभागों से जल्द से जल्द रिक्त पदों पर भर्ती शुरू करने को कहा है. उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार रोजगार के मसले पर जल्द बड़ी भर्तियां निकालकर युवाओं के गुस्से को शांत करने में सफल रहेगी. 

भाजपा की गुटबाज़ी

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस सहित इंडिया गठबंधन प्रदेश की 11 सीटों पर जीत हासिल की है. इस जीत से विपक्ष जोश में है. हर छोटे-बड़े मौकों पर सरकार को लपेटे में ले रही है. ऐसे में भजनलाल सरकार को विपक्ष के सवालों का समुचित जवाब देते हुए भाजपा में चल रही गुटबाजी को खत्म करना भी एक बड़ी चुनौती है. अपनी ही पार्टी में शामिल वैसे लोग जो मौजूदा सरकार से संतुष्ट नहीं है, वैसे लोगों को शांत करना सरकार की एक बड़ी चुनौती है. 

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