
पूर्वी राजस्थान की पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) को लेकर कांग्रेस पार्टी के जनजागरण अभियान का आगाज बारां जिले से होगा. सोमवार 16 अक्टूबर को बारां में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सीएम अशोक गहलोत सहित प्रदेश के कई नेताओं का संबोधन होगा. इसी के साथ कांग्रेस पार्टी राजस्थान में चुनावी समर की शुरुआत यहीं से करेगी. कार्यक्रम को लेकर जलसंसाधन मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय, मंत्री प्रमोद जैन भाया एवं विधायक पानाचंद मेघवाल ने सभा स्थल पर व्यवस्थाओं का जायजा लिया.
भाजपा के सांसदों को घेरा
ईआरसीपी को लेकर राजस्थान के जल संसाधन मंत्री महेन्द्रजीत सिंह मालवीय ने बारां में केन्द्र सरकार व राजस्थान के 25 सांसदों पर निशाना साधते हुए कहा कि केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री की अनदेखी के चलते यह परियोजना राजस्थान में शुरू नहीं हो सकी. अगर केंद्रीय मंत्री और 25 भाजपा सांसद चाहते तो योजना का लाभ राजस्थान की जनता को मिल सकता था. ईआरसीपी पूर्वी राजस्थान की नहर परियोजना है. केन्द्र सरकार एवं 25 सांसदों ने कोई सहयोग नहीं किया.
90% बजट देक केंद्र सरकार
मालवीय ने कहा कि एमपी में डेम बना लिया गया. हमने बजट में 37 हजार करोड़ रुपये की घोषणा कर दी. टेंडर भी आचार संहिता की वजह से आगे नहीं बढ़े. हमारी केन्द्र सरकार से मांग है कि इस ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करे व केन्द्र सरकार 90 प्रतिशत बजट देकर इसमें सहयोग करे.
13 जिलों को मिलेगा फायदा
इससे कम खर्चे व कम समय में सभी जिलों में पानी पहुंचाया जा सकता है, जिसके चलते कोटा के नोनेरा से पानी लिफ्ट करके बूंदी, टोंक, जयपुर, अजमेर जिले की दूदू, सावर, केकड़ी आदि तहसीलों ऊंचाई वाले बांधों में पानी पहुंचाना. इसके अलावा ERCP के तहत चंबल से करौली जिले में मण्डरायल के पास से पानी लिफ्ट करके पांचना बांध में पानी डालना और उससे जिला करौली सम्पूर्ण, भरतपुर जिला सम्पूर्ण, दौसा जिले की सिकराय, महवा, मण्डावर तहसील, अलवर जिले की कठूमर, लक्ष्मण गढ़, रैणी आदि तहसीलों तक पानी पहुंचाना. चंबल से ही सवाईमाधोपुर जिले के लिए भी झरेल या पाली घाट से लिफ्ट करना, जिससे लालसोट, निवाई व दत्तवास आदि इलाकों तक पानी पहुंचाना. कोटा बैराज से पहले यानि रावतभाटा के आसपास से चंबल से पानी लिफ्ट करके भीलवाड़ा व अजमेर जिले की तहसीलों को बांधों में पानी पहुंचाया जाने की योजना है.
एक्सपर्ट के अनुसार
वहीं सिंचाई विभाग इस मामले में एक्सपर्ट राय के मुताबिक परिवर्तन कर सकता है. चंबल व इसकी सहायक नदियां बरसाती नदियां है, इसलिए मानसून के मौसम में ही नदियों से पानी को लिफ्ट करके बांधों/तालाबों में भरा जाएगा. जिनसे रबी के मौसम में सिंचाई हो सकेगी और जमीनी पानी बढ़ेगा. आमजन कि भी मांग है कि केंद्र सरकार इसे जल्दी ही राष्ट्रीय परियोजना घोषित करे व राजस्थान व मध्यप्रदेश सरकार से सहयोग लेकर इसकी क्रियान्विती की जाए.
इस योजना की मांग को लेकर उतरेगी कांग्रेस
अब इसको लेकर राजस्थान सरकार के जल संसाधन मंत्री महेन्द्रजीत सिंह मालवीय दो दिन से बारां में पड़ाव डाले हुए हैं व कांग्रेस इस योजना की मांग को लेकर 16 अक्टूबर से राजस्थान के बारां से चुनावी बिगुल भी बजायेगी व इस योजना को राष्ट्रीय योजना घोषित करने की मांग करेगी. जिसके चलते कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सीएम गहलोत, पीसीसी अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा और सचिन पायलट समेत कांग्रेस के तमाम नेता 16 अक्टूबर को बारां पहुंचेंगे. बारां से ही प्रदेश की जीवनदायिनी परियोजना ईआरसीपी को लेकर कांग्रेस का जनजागरण अभियान शुरू होगा. बारां में डोल मेला तालाब के समीप कांग्रेस की जनसभा होगी.
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