राजस्थान में बिपरजॉय तूफान के कारण अच्छी बारिश हुई है, लेकिन खरीफ की फसलों के लिए अगस्त माह में बारिश की आवश्यकता होती है. राजस्थान में बरसात नहीं होने के चलते किसान चिंतित हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को मुख्यमंत्री निवास पर राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक बुलाई.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसी भी प्रकार की आपदा में न्यूनतम हानि तथा अधिकतम राहत देने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आपदा से प्रभावित प्रत्येक किसान के लिए मानवीय दृष्टिकोण के साथ राहत उपलब्ध करवाने का कार्य कर रही है.
सीएम की मांग पर केन्द्र सरकार द्वारा एसडीआरएफ नॉर्म्स में किया गया संशोधन
सीएम ने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों के फलस्वरूप केन्द्र सरकार ने एसडीआरएफ नॉर्म्स में बदलाव किया है. उल्लेखनीय हो कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पत्र लिखकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कृषि आदान-अनुदान को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत कृषि बीमा दावे के विरूद्ध समायोजित करने के प्रावधान को समाप्त करने की मांग की थी. मुख्यमंत्री की इस मांग के बाद केन्द्र सरकार द्वारा एसडीआरएफ नॉर्म्स में संशोधन किया गया है. अब प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत कृषि बीमा में समायोजन किए बिना सीधे ही प्रभावित किसानों को अलग से इनपुट सब्सिडी की पूरी राशि भी दी जा रही है. इससे किसानों को इनपुट सब्सिडी का तत्काल भुगतान होगा तथा फसल बीमा राशि का भी अलग से भुगतान हो सकेगा.
15 सितम्बर तक मिल सब्सिडी
सीएम गहलोत ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के पुराने तथा नये क्लेमों का भुगतान शीघ्र करने एवं अधिकारियों को 2022-23 की सभी इनपुट सब्सिडी भी 15 सितम्बर, 2023 तक वितरित किए जाने का निर्देश दिया है. बैठक में बताया गया कि वर्ष 2020-21 से वर्ष 2022-23 के दौरान लगभग 30.15 लाख किसानों को 2595.57 करोड़ रुपए की इनपुट सब्सिडी दी गई है, जिसमें वर्ष 2022-23 में 6.82 लाख कृषकों को 800 करोड़ रूपये की इनपुट सब्सिडी भी शामिल है.
सुव्यवस्था से बाढ़ के कारण हुए हादसों में नहीं हुई जनहानि
बैठक में विभिन्न आपदाओं के दौरान पूर्व में दी गई तत्काल सहायता एवं स्वीकृतियों का कार्योत्तर मंजूरी दी है. इनमें कोविड-19 से मृत्यु होने पर मृतकों के परिवार वालों को एसडीआरएफ से अनुग्रहिक सहायता (प्रति मृतक 50000 रूपये) के भुगतान हेतु सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को वर्ष 2021-22 में 137.56 करोड़ एवं वर्ष 2022-23 में 53 करोड़ रूपये का बजट आवंटन एवं मानसून वर्ष 2022 में अतिवृष्टि/बाढ़ से क्षतिग्रस्त सार्वजनिक संपत्ति जैसे सड़कों, बांधों, नहरों, भवनों आदि के 208.54 करोड़ रुपए के 8599 राहत कार्य शामिल हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सजगता से की गई तैयारियों तथा राहत कार्यों के परिणामस्वरूप मानसून के प्रारंभिक महीनों में अधिक वर्षा होने पर भी बाढ़ के कारण हुए हादसों में जनहानि जीरो हुई है, आपदा प्रबन्धन व्यवस्था को सुदृढ करने हेतु एसडीआरएफ, नागरिक सुरक्षा एवं अन्य विभागों को आपदा प्रबंधन एवं राहत कार्यों से संबंधित विभिन्न उपकरण उपलब्ध करवाए गए हैं.
राजस्थान योजना लागू करने में हो रहा अव्वल
शासन सचिव कृषि एवं उद्यानिकी डॉ. पृथ्वीराज ने बताया कि फसल बीमा योजना के तहत वर्ष 2022-23 में लगभग 3 हजार करोड़ रूपए के बीमा क्लेम की राशि 31.54 लाख बीमाधारकों को वितरित की जा चुकी है. शेष राशि लगभग 700 करोड़ रुपए का माह सितंबर के मध्य तक भुगतान कर दिया जाएगा. राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल का राजस्व रिकॉर्ड (ई-धरती) के साथ इंटीग्रेशन करने वाला राजस्थान तीसरा राज्य बन गया है. डिजीक्लेम के माध्यम से बीमा क्लेम वितरण करने में राजस्थान अग्रणी राज्यों में गिना जाता है तथा योजना को लागू करने में राजस्थान का दूसरा स्थान है. शत-प्रतिशत फसल कटाई प्रयोग ऑनलाइन करने पर धौलपुर जिले को भारत सरकार द्वारा हाल ही में सम्मानित किया गया है.
बैठक में मौजूद रहे जिम्मेदार नेता और अधिकारी
इस बैठक के दौरान कृषि एवं पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया, आपदा प्रबंधन एवं सहायता मंत्री गोविन्द राम मेघवाल, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण सलाहकार समिति सदस्य मुकेश कुमार वाल्मिकी, अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज अभय कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अखिल अरोडा, प्रमुख शासन सचिव गृह आनंद कुमार, प्रमुख शासन सचिव यूडीएच टी. रविकांत, प्रमुख शासन सचिव श्रम विकास सीताराम भाले, शासन सचिव कृषि डॉ. पृथ्वीराज, शासन सचिव आपदा प्रबंधन पी सी किशन, शासन सचिव एलएसजी कैलाश चन्द मीणा, कृषि आयुक्त गौरव अग्रवाल सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.