![Rajasthan Diwas: राजपूताना से राजस्थान बनने की कहानी, जैसलमेर के आर्टिस्ट ने अपनी पेंटिंग में बताई Rajasthan Diwas: राजपूताना से राजस्थान बनने की कहानी, जैसलमेर के आर्टिस्ट ने अपनी पेंटिंग में बताई](https://c.ndtvimg.com/2024-03/9v2jr01g_jaisalmer-artist-painting-on-rajasthan-diwas_625x300_30_March_24.jpg?im=FaceCrop,algorithm=dnn,width=773,height=435)
Rajasthan News: आज राजस्थान अपना 75 वां जन्मदिन बना रहा है और हर कोई आज के दिन को अपने अपने ढंग से सेलिब्रेट कर रहा है. इसी कड़ी नें प्रदेशभर में विभिन्न आयोजन हो रहे हैं. लेकिन आज राजस्थान दिवस (Rajasthan Diwas) के मौके पर जैसलमेर के एक आर्टिस्ट शिव कुमार ने अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए 75 साल पहले राजस्थान बनने की गाथा में जैसलमेर व यहां के महारावल गिरधर सिंह के साहसी फैसलों व योगदान को दर्शाती एक पेंटिंग बनाई है.
इस पेंटिंग में आर्टिस्ट शिव ने राजस्थान के नक्से में जैसलमेर के तत्कालीन महारावल गिरधर सिंह (Maharaj Girdhar Singh) का पोर्टट बनाया है. इतना ही नहीं, पश्चिमी सरहद पर बसी जैसलमेर रियासत के वक्त के कृष्ण छत्र वाले पीले केसरिया फ्लेग को भी स्थान दिया है. वहीं राजस्थान की पहचान साफा व रोबिलो मूछों को वास्तुकला की अनूठी मिसाल वाले झरोखो के साथ प्रदर्शित किया है. राजस्थान दिवस के मौक़े पर हमारे संवाददाता श्रीकांत व्यास ने आर्टिस्ट शिव कुमार से इस विशेष पेंटिग को लेकर बातचीत की व राजस्थान के गौरवशाली इतिहास को केनवास पर उतरने की कला के बारे में भी जानकारी ली.
![Jaisalmer Artist Painting on Rajasthan Diwas 2024 Jaisalmer Artist Painting on Rajasthan Diwas 2024](https://c.ndtvimg.com/2024-03/geap3fcg_jaisalmer-painting_625x300_30_March_24.jpg?im=FaceCrop,algorithm=dnn,width=632,height=421)
Photo Credit: NDTV Reporter
आजादी के बाद वर्ष 1948 में पाक के प्रधानमंत्री जिन्ना ने अपने मंत्री हासम सिलावटा को स्पेशल वायुयान से जैसलमेर भेजा और जैसलमेर के तत्कालीन राजा के राजा पर पाकिस्तान में विलय के लिए राजी करने को कहा. हासम ने यहां के लोगों को उकाया भी, लेकिन जिस माटी के कण-कण में देशभक्ति समाई हुई थी, वहां से हासम को खाली हाथ लौटना पड़ा. पाक में जैसलमेर के विलय का पहला प्रयास विफल रहा.
पहला प्रयास विफल होने के बाद दिल्ली में 16 फरवरी, 1948-49 को हुई मीटिंग में पाक के तत्कालीन प्रधानमंत्री जिन्ना ने तत्कालीन जैसलमेर के महा रावल गिरधर सिंह को खाली कागज थमाकर उनकी हर शर्त मंजूर करने का प्रलोभन दिया. महारावल गिरधर सिंह ने कहा यदि पाकिस्तान और भारत में युद्ध हुआ तो वे भारत का साथ देंगे. इसके बाद जिन्ना भी खाली हाथ लौट गए. जैसलमेर के राजाओं के इसी फैसले के कारण जोधपुर व बीकानेर का भी विलय भारत में हुआ. पूर्व महारावल गिरधर सिंह की बदौलत आज सम्पूर्ण राजस्थान भारत का अंग है.
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