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राजस्थान में कब सुलझेगी पेयजल समस्या? सदन में हंगामे के बीच सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच चलता रहा आरोप-प्रत्यारोप

राजस्थान में पेयजल समस्या पर लगातार बीजेपी और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप लगता रहा है. सदन में शुक्रवार को भी कुछ ऐसा ही नजारा दिखा.

राजस्थान में कब सुलझेगी पेयजल समस्या? सदन में हंगामे के बीच सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच चलता रहा आरोप-प्रत्यारोप
Rajasthan Drinking Water

Rajasthan News: राजस्थान में पेयजल पर समाधान निकालने के बजाए पक्ष और विपक्ष दोनों ही आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति करते दिख रहे हैं. विधानसभा में प्रदेश की पेयजल व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा हो रही थी. इस दौरान जहां विपक्ष ने सरकार के सामने पेयजल समस्या की ओर ध्यान आकर्षित किया. इसके साथ ही आरोप भी लगाए गए. वहीं सत्ता पक्ष की ओर से इस पर हंगामा किया गया और तीखा जवाब भी दिया गया. वहीं जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने भी पेयजल को लेकर जवाब भी दिया. हालांकि उन्होंने भी पेयजल को लेकर पूर्ववर्ती सरकार पर निशाना साधा.

पेयजल पर चर्चा करते हुए कोटा के बीजेपी विधायक संदीप शर्मा ने राजस्थान में पेयजल की समस्या पर कहा कि प्रदेश पानी की कमी से जूझ रहा है. उन्होंने कहा कि पानी की कमी के वजह से मारवाड़ और शेखावटी के लोगों ने प्रदेश से पलायन किया. यहां 40 लाख से अधिक लोग फ्लोराइड युक्त पानी पीने को मजबूर है. इसके बाद उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली सरकार में जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार हुआ.

एक तरफ आपके नेता मोहब्बत की दुकान चला रहे थे दूसरी तरफ अपने यहां भ्रष्टाचार की दुकान खोली थी. जितने भी टेंडर हुए सभी टेंडर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हुए. आपने भ्रष्टाचार छिपाने की कोशिश की लेकिन ईडी ने आकर सारे काले कारनामे खोल दिए. प्रशासनिक अधिकारियों के घर पर पैसे मिल रहे हैं सोने की ईट मिल रही हैं. - संदीप शर्मा, कोटा विधायक

नेता प्रतिपक्ष ने दिया जवाब

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूल ने सदन में कहा कि दिल्ली में जब कांग्रस की सरकार थी उस समय पानी के लिए जो पैसा दिल्ली से आता था उसमें 90 प्रतिशत भारत सरकार देती थी और 10 प्रतिशत पैसा राजस्थान सरकार देती थी. लेकिन घर-घर नल पहुंचाऊंगा का दावा करने वाले प्रधानमंत्री पिछली बार 25 के 25 राजस्थान के सांसद और प्रदेश से केंद्रीय जल शक्ति मंत्री होने के बावजूद जो पैसा पहले 90 प्रतिशत मिलता था वह पैसा आज 45 प्रतिशत हो गया है. यह आपके घर-घर नल के मिशन की सच्चाई है.

अलवर में पहली बार ऐसा हुआ है कि एक बुजुर्ग एडवोकेट ने पानी नहीं मिलने की वजह से सुसाइड कर लिया. यह हमारे लिए शर्म की बात है. गंदा पानी आने की वजह से अलवर में पीलिया फैल गया और यह पूरे प्रदेश का हाल है.- टीकाराम जूली, नेता प्रतिपक्ष

जलदाय मंत्री ने सदन में दिया जवाब

सदन में पेयजल संकट पर चर्चा के बाद जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने जवाब देते हुए सीधा आरोप कांग्रेस पर लगाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पानी की व्यवस्था नहीं की. साल 2017-18 में हमारी सरकार ने ERCP की योजना बनाई. 16 करोड़ रुपये से डीपीआर बनाई जिसे केंद्र सरकार भेजी गई. साथ ही मध्य प्रदेश सरकार को NOC के लिए पत्र लिखा गया. लेकिन उनके जवाब से पहले राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बन गई. कांग्रेस केवल यही कहती रही कि प्रधानमंत्री 90 प्रतिशत पैसा दे तो हम काम करें. जबकि केंद्रीय जल मंत्री बार-बार बोल रहे थे कि संशोधन करके लेटर भेज दो. जिसमें नदी जोड़ने की योजना को शामिल करने को कहा गया और केंद्र 90 प्रतिशत पैसा देगी. लेकिन कांग्रेस केवल सरकार को बदनाम करती रही. लेकिन जिसने भी इसमें भ्रष्टाचार किया वह जेल जाएगा.

बहरहाल, राजस्थान में पेयजल की समस्या अब चरम पर पहुंच चुकी है. गर्मियों में प्रदेश के लगभग जिलों में हाल काफी बेहाल है. बीते गुरुवार को वित्त आयोग के प्रतिनिधियों की बैठक में भी सीएम भजनलाल शर्मा ने केंद्र से पेयजल समस्या को लेकर वित्तिय सहायता और स्पेशल पैकेज देने की मांग की है. अब देखना यह है कि बीजेपी की सरकार वापसी के बाद राजस्थान में पानी की समस्या का कितना निदान होता है.

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