Rajasthan News: राजस्थान में पेयजल पर समाधान निकालने के बजाए पक्ष और विपक्ष दोनों ही आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति करते दिख रहे हैं. विधानसभा में प्रदेश की पेयजल व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा हो रही थी. इस दौरान जहां विपक्ष ने सरकार के सामने पेयजल समस्या की ओर ध्यान आकर्षित किया. इसके साथ ही आरोप भी लगाए गए. वहीं सत्ता पक्ष की ओर से इस पर हंगामा किया गया और तीखा जवाब भी दिया गया. वहीं जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने भी पेयजल को लेकर जवाब भी दिया. हालांकि उन्होंने भी पेयजल को लेकर पूर्ववर्ती सरकार पर निशाना साधा.
पेयजल पर चर्चा करते हुए कोटा के बीजेपी विधायक संदीप शर्मा ने राजस्थान में पेयजल की समस्या पर कहा कि प्रदेश पानी की कमी से जूझ रहा है. उन्होंने कहा कि पानी की कमी के वजह से मारवाड़ और शेखावटी के लोगों ने प्रदेश से पलायन किया. यहां 40 लाख से अधिक लोग फ्लोराइड युक्त पानी पीने को मजबूर है. इसके बाद उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली सरकार में जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार हुआ.
नेता प्रतिपक्ष ने दिया जवाब
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूल ने सदन में कहा कि दिल्ली में जब कांग्रस की सरकार थी उस समय पानी के लिए जो पैसा दिल्ली से आता था उसमें 90 प्रतिशत भारत सरकार देती थी और 10 प्रतिशत पैसा राजस्थान सरकार देती थी. लेकिन घर-घर नल पहुंचाऊंगा का दावा करने वाले प्रधानमंत्री पिछली बार 25 के 25 राजस्थान के सांसद और प्रदेश से केंद्रीय जल शक्ति मंत्री होने के बावजूद जो पैसा पहले 90 प्रतिशत मिलता था वह पैसा आज 45 प्रतिशत हो गया है. यह आपके घर-घर नल के मिशन की सच्चाई है.
जलदाय मंत्री ने सदन में दिया जवाब
सदन में पेयजल संकट पर चर्चा के बाद जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने जवाब देते हुए सीधा आरोप कांग्रेस पर लगाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पानी की व्यवस्था नहीं की. साल 2017-18 में हमारी सरकार ने ERCP की योजना बनाई. 16 करोड़ रुपये से डीपीआर बनाई जिसे केंद्र सरकार भेजी गई. साथ ही मध्य प्रदेश सरकार को NOC के लिए पत्र लिखा गया. लेकिन उनके जवाब से पहले राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बन गई. कांग्रेस केवल यही कहती रही कि प्रधानमंत्री 90 प्रतिशत पैसा दे तो हम काम करें. जबकि केंद्रीय जल मंत्री बार-बार बोल रहे थे कि संशोधन करके लेटर भेज दो. जिसमें नदी जोड़ने की योजना को शामिल करने को कहा गया और केंद्र 90 प्रतिशत पैसा देगी. लेकिन कांग्रेस केवल सरकार को बदनाम करती रही. लेकिन जिसने भी इसमें भ्रष्टाचार किया वह जेल जाएगा.
बहरहाल, राजस्थान में पेयजल की समस्या अब चरम पर पहुंच चुकी है. गर्मियों में प्रदेश के लगभग जिलों में हाल काफी बेहाल है. बीते गुरुवार को वित्त आयोग के प्रतिनिधियों की बैठक में भी सीएम भजनलाल शर्मा ने केंद्र से पेयजल समस्या को लेकर वित्तिय सहायता और स्पेशल पैकेज देने की मांग की है. अब देखना यह है कि बीजेपी की सरकार वापसी के बाद राजस्थान में पानी की समस्या का कितना निदान होता है.
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