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दौसा में रेलवे की जमीन पर अवैध कब्जा, अतिक्रमण हटाने पहुंची टीम तो स्कूल प्रशासन ने बच्चों को किया आगे, भारी बवाल

राजस्थान के दौसा जिले में रेलवे की 2 करोड़ की जमीन पर एक स्कूल ने अवैध कब्जा जमा रखा था. कोर्ट के आदेश पर जब शुक्रवार को टीम अवैध कब्जा हटाने पहुंची तो भारी बवाल मचा.

दौसा में रेलवे की जमीन पर अवैध कब्जा, अतिक्रमण हटाने पहुंची टीम तो स्कूल प्रशासन ने बच्चों को किया आगे, भारी बवाल
दौसा में अतिक्रमण हटाने पहुंची टीम पर पथराव.

Dausa News: राजस्थान के दौसा जिले से भारी बवाल की खबर सामने आई है. मिली जानकारी के अनुसार यहां एक स्कूल प्रशासन ने रेलवे की जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा था. कोर्ट के आदेश पर जब टीम यहां अतिक्रमण हटाने पहुंची तो स्कूल प्रशासन ने बच्चों को आगे कर दिया. फिर स्कूली बच्चों के साथ-साथ स्टाफ ने भी अतिक्रमण हटाने पहुंची टीम पर पथराव करना शुरू कर दिया. मामला दौसा जिले के बांदीकुई स्थित सेंट फ्रांसिस स्कूल का है. जहां शुक्रवार को अतिक्रमण हटाने पहुंची टीम पर स्कूली बच्चों और स्टाफ ने पथराव किया. 

मिली जानकारी के अनुसार टीम कोर्ट के आदेश के बाद सेंट फ्रांसिस द्वारा की गई अवैध कब्जा भूमि पर कब्जा हटाने के लिए पहुंची थी. लेकिन वो अवैध कब्जा हटाती इससे पहले ही जेसीबी पर स्कूल स्टाफ और बच्चों ने पथराव किया.

रेलवे की जमीन पर किया कब्जा

एडवोकेट रमेश सैनी ने बताया कि 2012 में रेलवे की 0.31 हेक्टर भूमि पर सेंट फ्रांसिस स्कूल ने अवैध कब्जा करके आने-जाने का रास्ता बंद कर दिया था. यहां सेंट फ्रांसिस स्कूल और स्कूल गार्डन के बीच में रेलवे की जमीन पर आम रास्ता था. उसे स्कूल प्रशासन ने बंद कर दिया था. जिससे लोगों को आने-जाने में दिक्कत हो रही थी. 

12 साल तक चले विवाद के बाद आया था फैसला

दीवार बनाने के बाद रेलवे ने और वहां से गुजरने वालों ने आपत्ति जताई तो सेंट फ्रांसिस स्कूल ने कहा कि इस दीवार को कुछ दिनों में हटा लेंगे. लेकिन इस बीच सेंट फ्रांसिस स्कूल में रेलवे के रास्ते पर बनी इस जमीन को खुद के कब्जे में बताते हुए इस जमीन पर दावा करते हुए न्यायालय पहुंच गए. उधर रेलवे और सेंट फ्रांसिस स्कूल के बीच में यह विवाद लगभग 12 साल तक चला. 

2 करोड़ रुपए की है जमीन 

इस बीच रेलवे ने अपनी भूमि का सीमा ज्ञान करवा लिया, उसमें भी यह साबित हो गया कि जिस जमीन पर सेंट फ्रांसिस स्कूल बांदीकुई ने अवैध कब्जा किया है यह जमीन लगभग 2 करोड़ रुपए की है और जमीन का मालिक आना हक रेलवे का है.

स्कूल की दीवार तोड़ने पहुंची टीम को किया पथराव

इसी का फैसला आज 12 साल बाद में आया जिस पर एडवोकेट राकेश विजय का कहना है कि 12 साल बाद में रेलवे ने अपनी भूमि पर कब्जे के आदेश कोर्ट द्वारा लिए गए हैं. इसी के चलते न्यायालय का फैसला आने के बाद आज उस रास्ते पर बनी दीवार को तोड़ने के लिए पहुंचे तो वहां मौजूद बच्चे और स्कूल के स्टाफ ने जेसीबी पर पथराव किया.

आरपीएफ की मौजूदगी में जमीन पर तारबंदी

साथ ही स्कूल प्रशासन न्यायालय के आदेश के बाद रेलवे के कार्मिकों से दादागिरी करता हुआ नजर आया. इधर न्यायालय के आदेश के बाद और सेंट फ्रांसिस स्कूल की दादागिरी के बीच रेलवे ने आरपीएफ की मौजूदगी में अपनी जमीन पर तारबंदी भी कर दी है.
 

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