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Rajasthan: '5 करोड़ मुआवजा, सरकारी नौकरी और शहीद का दर्जा', ये सब मिलेगा तभी होगा ट्रेनी दरोगा का अंतिम संस्कार!

Dausa News: राजस्थान के दौसा में ट्रेनी दरोगा राजेंद्र सैनी की मौत के बाद उनके परिजन 5 करोड़ रुपये का मुआवजा, सरकारी नौकरी और शहीद का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं. उनकी वाट्सऐप चैट से पता चला है कि वे लंबे समय से मानसिक तनाव से जूझ रहे थे.

राजस्थान: ट्रेनी दरोगा की मौत के बाद अड़े परिजन, शव लेने से किया इनकार, रखी ये मांगें

Rajasthan News: राजस्थान में सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा-2021 के एक ट्रेनी दरोगा राजेंद्र सैनी की दौसा में हुई मौत का मामला अब एक बड़े आंदोलन में बदलता जा रहा है. राजेंद्र सैनी के परिजनों और सैनी समाज के लोगों ने उनकी मौत के बाद शव लेने से इनकार कर दिया है. उनकी मांग है कि जब तक सरकार उनकी शर्तें नहीं मानती, तब तक अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा. परिजन मांग कर रहे हैं कि राजेंद्र को 'शहीद का दर्जा', उनके परिवार को ₹5 करोड़ का मुआवजा, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाए.

क्या है पूरा मामला?

भरतपुर के रहने वाले 30 वर्षीय ट्रेनी सब-इंस्पेक्टर राजेंद्र सैनी की सोमवार रात दौसा में जड़ाव फाटक के पास एक मालगाड़ी की चपेट में आने से मौत हो गई. पुलिस फिलहाल इस मामले की हर एंगल से जांच कर रही है कि यह एक दुर्घटना थी या आत्महत्या. राजेंद्र की मौत के बाद उनका शव दौसा जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखा गया है. राजेंद्र सैनी धौलपुर पुलिस लाइन में ट्रेनी सब-इंस्पेक्टर के पद पर तैनात थे. लेकिन हाल ही में राजस्थान हाई कोर्ट द्वारा सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा-2021 को रद्द किए जाने से वे काफी निराश थे. हालांकि कोर्ट के इस फैसले पर बाद में स्टे आ गया था, लेकिन राजेंद्र जैसे कई युवाओं के भविष्य पर अनिश्चितता का बादल छा गया था.

वाट्सऐप चैट से हुआ बड़ा खुलासा

राजेंद्र की मौत के बाद, उनके साथियों के वॉट्सऐप ग्रुप में 13 दिन पहले भेजी गई एक भावुक चैट सामने आई है. इस चैट में उन्होंने अपने मानसिक तनाव और पारिवारिक परेशानियों का जिक्र किया था. राजेंद्र ने लिखा था, 'मेरी उम्र 30 वर्ष हो गई है और मेरी सिस्टर मुझसे 3 साल छोटी है. अभी शादी भी नहीं की है, यह सोचकर कि सर्विस के बाद कर लेंगे. मैं मेरी शादी करूं या सिस्टर की या आगे पढ़ाई करूं, कुछ समझ नहीं आ रहा. पापा की तबीयत भी खराब है, कब स्वर्ग सिधार जाएं पता नहीं.' उनकी इस पोस्ट से पता चलता है कि वे लंबे समय से मानसिक दबाव में थे. पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार, राजेंद्र दौसा में एक कमरा किराए पर लेकर ईओ (EO) भर्ती परीक्षा की तैयारी भी कर रहे थे.

परिजनों और समाज की क्या हैं मांगें?

राजेंद्र सैनी की मौत की खबर मिलते ही उनके परिजन और सैनी समाज के लोग दौसा जिला अस्पताल पहुंच गए. दौसा विधायक डीसी बैरवा और भूलेख के राष्ट्रीय अध्यक्ष सीपी सैनी भी मौके पर पहुंचे. उन्होंने मांगों को लेकर एक मांग पत्र सरकार को सौंपा है. उनका कहना है कि जब तक मांग पूरी नहीं होगी धरना जारी रहेगा. हालांकि डिप्टी एसपी पुलिस रवि प्रकाश शर्मा मौके पर पहुंचकर लोगों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं.

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