
Rajasthan News: राजस्थान सरकार ने गुर्जर समुदाय सहित अति पिछड़ा वर्ग (MBC) की मांगों पर विचार किए जाने और समाधान सुझाने के लिए तीन सदस्यीय मंत्रिमंडल समिति का गठन किया है. राज्य के कानून मंत्री जोगाराम पटेल, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत और गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम समिति के सदस्य हैं. ऐसे में गुर्जर समाज और अति पिछड़ा वर्ग को सरकार से फैसले की उम्मीद है. क्योंकि रिजर्वेशन के लिए यह संघर्ष करीब दो दशक से चल रहा है. जबकि कमेटी में वह लोग शामिल है, जो खुद भी गुर्जर आंदोलन से जुड़े रहे हैं.
गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम गुर्जर समुदाय से हैं और वह पूर्व में कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के नेतृत्व में हुए गुर्जर आंदोलन में सक्रिय रहे थे.
गुर्जर नेता विजय बैंसला ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर कहा, ‘‘8 जून 2025 को पीलूपुरा में गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति और राजस्थान सरकार के बीच हुए समझौते के तहत तीन मंत्रियों की मंत्रिमंडल समिति बनाने के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा जी को धन्यवाद.''
हमें पूर्ण विश्वास है- बैंसला
बैंसला ने आदेश की प्रति साझा करते हुए कहा, ‘‘हमें पूर्ण विश्वास और आशा है कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार यथाशीघ्र मंत्रिमंडल की बैठक बुलाकर एमबीसी आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को संस्तुति भेजेगी तथा समझौते के तहत अन्य सभी मांगों को भी निर्धारित समयावधि में सकारात्मक रूप से पूरा करवाने का कार्य करेगी.''
नौवीं अनुसूची में उन कानूनों की सूची है जिन्हें न्यायिक समीक्षा से बचाया गया है.
एमबीसी आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने सहित समुदाय की विभिन्न मांगों पर जोर देने के लिए आठ जून को भरतपुर के करवारी शहीद स्मारक (पिलूपुरा) में एक गुर्जर महापंचायत आयोजित की गई थी.
बैठक के दौरान गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला ने सरकार का आश्वासन पत्र पढ़ा, जिसके बाद समुदाय की सहमति से महापंचायत संपन्न हुई.
विजय बैंसला के दिवंगत पिता किरोड़ी सिंह बैंसला ने 2006 से कई गुर्जर आंदोलनों का नेतृत्व किया था.
यह भी पढ़ेंः उपराष्ट्रपति धनखड़ का गहलोत को करारा जवाब, कहा- राजस्थान की धरती का व्यक्ति कभी दबाव में नहीं आता