Rajasthan News: राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर (Gajendra Singh Khimsar) ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विभाग की उच्च स्तरीय बैठक ली और अधिकारियों को बारिश के मौसम में बीमारियों की रोकथाम के लिए पुख्ता प्रबंध करने के निर्देश दिए. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, मंत्री ने बैठक में कहा, 'मौसम विभाग के अनुसार राज्य में जुलाई में मानसून आने की संभावना है. इसे देखते हुए मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया आदि मौसमी बीमारियों से बचाव, अतिवृष्टि की स्थिति में जलभराव, चिकित्सा संस्थानों में आवश्यक मरम्मत कार्यों सहित आवश्यक व्यवस्था समय पर की जाए.
'दवां-जांच-उपचार के इंतजाम सुनिश्चित करें'
उन्होंने आगे कहा, 'तात्कालिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए राजस्थान मेडिकेल रिलीफ सोसाइटी (आरएमआरएस) में उपलब्ध राशि का युक्तिसंगत उपयोग किया जाए. संयुक्त निदेशक एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी अपने अधिकार क्षेत्र में जाकर तैयारियों की प्रभावी निगरानी सुनिश्चित करें. बारिश शुरू होने से पहले सभी चिकित्सा संस्थानों में दवा, जांच, उपचार सहित अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर इंतजाम सुनिश्चित किए जाएं. नियंत्रण कक्षों का सुचारू संचालन हो. त्वरित प्रतिक्रिया दल अलर्ट पर रहें. जिला प्रशासन एवं संबंधित विभागों के साथ बेहतर तालमेल रखा जाए.'
विभागीय अधिकारियों को दिए मौसमी बीमारियों हेतु पुख़्ता प्रबंध के निर्देश...
— Gajendra Singh Khimsar (@GajendraKhimsar) June 19, 2024
आज स्वास्थ्य भवन में चिकित्सा विभाग के अधिकारियों एवं कार्मिकों के साथ आगामी मानसून में मौसमी बीमारियों की प्रभावी रोकथाम को लेकर बैठक ली एवं आवश्यक दिशा निर्देश जारी किये।
आगामी मानसून को देखते हुए… pic.twitter.com/74xwfeMUK3
'प्रदेश में मौसमी बीमारी पर स्थिति नियंत्रित'
खींवसर ने कहा कि हीटवेव से बचाव के लिए विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों ने प्रभावी इंतजाम सुनिश्चित किए, जिसके कारण प्रदेश में उष्ण लहर जनित बीमारियों से लोगों को तत्काल राहत मिल सकी और मौतों की संख्या को नियंत्रित किया जा सका. उन्होंने कहा कि मानसून के दौरान भी इसी तरह संकल्पित भाव से काम कर आमजन को राहत पहुंचाएं. चिकित्सा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने कहा, 'मौसमी बीमारियों पर रोकथाम को लेकर प्रदेश में स्थिति नियंत्रण में है. आगामी मानसून को देखते हुए परामर्श जारी कर दिया गया है. मौसमी बीमारियों पर रोकथाम एवं जलभराव आदि समस्याओं से निपटने के लिए जिला स्तर पर योजना बनाई जा रही है.'
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