Moti Dungri Ganesh Temple: पूरी दुनिया में नए साल के स्वागत की तैयारी चल रही है. नए साल को सभी जगहों पर अलग-अलग तरीके से सेलिब्रेट किया जाता है. भारत में जहां नए साल पर पर्यटन स्थलों पर खूब भीड़ उमर रही है. राजस्थान के पर्यटन स्थलों पर खूब भीड़ देखी जा रही है. वहीं बड़ी संख्या में लोग बड़े मंदिरों में पूजा करने के लिए पहुंच रहे हैं. जयपुर का मशहूर मोती डूंगरी गणेश मंदिर में भी नए साल के आगमन की तैयारी की जा रही है. मोती डूंगरी गणेश मंदिर में नए साल पर विशेष तैयारी की जाती है. इस बार भी साल 2026 के पहले दिन मंदिर में तैयारी की जा रही है. वहीं इस बार मोती डूंगरी मंदिर में कुछ नया होने जा रहा है.
जयपुर का मोती डूंगरी गणेश मंदिर नए साल पर इस बार भक्ति के साथ-साथ स्वाद और परंपरा का भी अनोखा संगम बनने जा रहा है. यहां 56 भोग की परंपरा को एक नई पहचान देते हुए 56 किस्मों के लड्डुओं की भव्य झांकी सजाई जाएगी. जो श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का बड़ा केंद्र बनेगी.
इस बार नहीं चढ़ेगा 56 भोग
मोती डूंगरी गणेश मंदिर में इस बार 56 भोग यानी 56 तरह के पकवान नहीं चढ़ाया जाएगा. अब इसकी जगह 56 प्रकार के लड्डू तैयार किये जा रहे हैं. नववर्ष के शुभ अवसर पर स्वर्ण मुकुट धारण कर गजानन महाराज विशेष दर्शन देंगे. मंदिर परिसर में पिस्ता, सीताफल, वनीला, स्ट्रोबेरी जैसे मॉडर्न फ्लेवर से लेकर बेसन, मोतीचूर, नारियल, रवा-सूजी, आटा, मेवा और मलाई जैसे पारंपरिक लड्डुओं की खुशबू भक्तों को अपनी ओर खींचेगी. इतना ही नहीं, चूरमा, मूंग, ड्राई फ्रूट और गुलकंद लड्डू भी इस स्वादों की झांकी में खास जगह बनाएंगे.
श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए विशेष व्यवस्था
मोती डूंगरी गणेश मंदिर महंत कैलाश शर्मा ने बताया कि यह पहली बार है जब 56 भोग की जगह 56 तरह के लड्डुओं का विशेष भोग अर्पित किया जाएगा. जिससे श्रद्धा के साथ-साथ विविध स्वादों की झलक भी मिलेगी. भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए विशेष दर्शन व्यवस्था की गई है. श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए 7 लाइनों से प्रवेश और 8 लाइनों से निकासी की व्यवस्था रहेगी, ताकि दर्शन सुगम और व्यवस्थित रह सकें.
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