
Rajasthan High Court: राजस्थान हाईकोर्ट ने सूचना सहायक भर्ती-2023 पर लागू प्रतिबंध को समाप्त कर दिया है. न्यायमूर्ति सुदेश बंसल की एकल पीठ ने निर्णय सुनाते हुए स्पष्ट किया कि न्यायालय प्रश्नों के समाधानों की सहीता पर विशेषज्ञ की तरह निर्णय नहीं ले सकता, क्योंकि ऐसे मामलों में न्यायिक हस्तक्षेप की सीमा अत्यंत सीमित होती है.
असल में, सितंबर 2024 में अदालत ने इस चयन प्रक्रिया पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया था. इस अवरोध की वजह से 3415 पदों पर होने वाली नियुक्तियां बाधित हो गई थीं. परीक्षा के उपरांत राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड को करीब 89 प्रश्नों पर आपत्तियां प्राप्त हुईं थीं, जिन पर पुनर्विचार करते हुए बोर्ड ने 7 प्रश्न हटा दिए और 2 के उत्तरों में संशोधन किया था. इसके पश्चात 1 जुलाई 2024 को बोर्ड ने अंतिम उत्तर कुंजी प्रकाशित की और परिणाम जारी कर दिया.
याचिकाकर्ताओं की आपत्ति केवल पांच प्रश्नों पर
परिणाम जारी होने के बाद कुछ उम्मीदवारों ने उच्च न्यायालय में पांच सवालों के उत्तरों को चुनौती दी थी. उनका दावा था कि इन उत्तरों में कन्फ्यूज़न है. हालांकि, कोर्ट ने स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ताओं ने न तो परीक्षा की पारदर्शिता पर प्रश्न उठाए और न ही बोर्ड की विशेषज्ञ समिति की प्रामाणिकता पर संदेह जताया है. सिर्फ इस कारण कि कुछ उत्तर सही नहीं लगे, पूरी भर्ती प्रक्रिया को नहीं स्थगित किया जा सकता.
हजारों युवाओं के करियर से जुड़ा विषय
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि यह विषय मात्र कुछ प्रश्नों तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे हजारों उम्मीदवारों का भविष्य जुड़ा हुआ है. ऐसे में छोटी-मोटी गलतियों के बावजूद सार्वजनिक रोजगार की प्रक्रिया को पूरा करना जरूरी है. न्यायालय ने स्पष्ट किया कि इस तरह के मामलों में उसका कार्य विशेषज्ञ की भूमिका निभाना नहीं है, बल्कि वह केवल यह देख सकती है कि प्रक्रिया में कोई गंभीर कानूनी ग़लती तो नहीं हुई है.
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