Rajasthan News: राजस्थान की राजधानी जयपुर के विवेकानंद विश्वविद्यालय जगतपुरा में 16 वें आदिवासी युवा आदान-प्रदान का कार्यक्रम का उद्घाटन हुआ. इस कार्यक्रम की शुरुआत में अतिथियों ने मां सरस्वती, भगवान बिरसा मुंडा और स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर माल्यार्पण किया. कार्यक्रम की मुख्य अतिथि मंजू शर्मा, सांसद जयपुर शहर ने आदिवासी युवाओं की समृद्ध संस्कृति और आधुनिक सोच को एक साथ लेकर चलने पर जोर दिया.
उन्होंने कहा कि सबका साथ, सबका विकास में आदिवासी युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है. उन्होंने युवाओं को युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय के माय भारत पोर्टल द्वारा मिलने वाले अवसरों की सराहना की. कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे नेहरू युवा केंद्र संगठन, पश्चिम क्षेत्र के क्षेत्रीय निदेशक, डॉ. भुवनेश जैन ने युवाओं को इस कार्यक्रम के महत्व के बारे में बताया.
आदिवासी संस्कृति से सभी को जोड़ा
जय जौहार के नारे के साथ आदिवासी संस्कृति से सभी को जोड़ा और युवाओं को जयपुर में घर जैसा अनुभव मिलने का आश्वासन दिया. एस एस जोशी, सेवानिवृत्त , राज्यनिदेशक नेहरु युवा केंद्र ने युवाओं को मार्गदर्शन प्रदान किया और राष्ट्रनिर्माण की गतिविधियों में भाग लेने का आह्वाहन किया. विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित इंजिनियर ओंकार बगारिया ने युवाओं को शुभकामनाएं दीं.
प्रोफेसर एन दी माथुर ने युवाओं को खेल, शिक्षा और नेतृत्व कार्यों में समन्वय कर आगे बढ़ने की प्रेरणा प्रदान की. कार्यक्रम के आयोजक कृष्ण लाल, राज्य निदेशक, नेहरू युवा केंद्र, राजस्थान ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की. कार्यक्रम के प्रथम सत्र में , बांसवाड़ा से वाग्धारा के जयेश जोशी ने आदिवासी युवाओं को जल, जंगल, जमीन के महत्व, जनजातीय क्षेत्र में कृषि की स्थिति, संस्कृति संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण आदि विषयों पर महत्वपूर्ण जानकारी दी.
ओडिशा की सांस्कृतिक टीम ने दी मनमोहक प्रस्तुति
द्वितीय सत्र में जिज्ञासा मीणा, प्रोफेसर, राजस्थान विश्विद्यालय ने युवा सशक्तिकरण के अंतर्गत सांप्रदायिक संदर्भ में विभाजक बलों (क्षेत्रवाद, आतंकवाद, सांप्रदायिकता) द्वारा उत्पन्न खतरे और चुनौतियों और इन्हें रोकने में युवाओं की भूमिका पर प्रभावशाली वक्तव्य दिया.
कार्यक्रम में ओडिशा के कंधमाल से आई सांस्कृतिक टीम ने अपनी मनमोहक प्रस्तुति से दर्शकों का दिल जीत लिया. उनकी प्रस्तुति ने ओडिशा की जीवंत संस्कृति और परंपराओं को दर्शाया, जिससे सभी दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए. कार्यक्रम के अंत में एक युवा संसद का आयोजन किया गया, जिसका संचालन रामदयाल सेन ने कुशलतापूर्वक किया.
अलग-अलग राज्यों के 200 युवा ले रहे भाग
इस कार्यक्रम में चार जिलों के जिला युवा अधिकारी, क्रमशः जयपुर के कुमार मधुकर, गंगानगर के भूपेंद्र शेखावत, झुंझुनूं की सु मधु यादव और डूंगरपुर के प्रदीप कुमार भी उपस्थित रहे. कार्यक्रम 25 जनवरी 2025 से 31 जनवरी तक चलेगा जिसमें ओडिशा के कंधमाल, झारखंड के सिंहभूम पश्चिम और छत्तीसगढ़ के कांकेर, बीजापुर, नारायणपुर व सुकमा जिलों से आए 200 युवा भाग ले रहे हैं.
कल का कार्यक्रम (26 जनवरी) 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर यूनिवर्सिटी और आदिवासी युवाओं के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. इनमें खेल प्रतियोगिताएं, भाषण प्रतियोगिताएं और पूरे दिन युवाओं से जुड़े विभिन्न विषयों पर कार्यशालाएं शामिल होंगी.