
Rajasthan News: राजस्थान में पिछले कई दिनों से कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा एक्शन में दिख रहे हैं. वह खराब खाद और बीज बनाने वाली फैक्टरियों पर लगातार कार्रवाई कर रहे हैं. वहीं अब श्रीगंगानगर में कृषि विभाग की ओर से अमानक और संदिग्ध बीज तैयार कर रही प्रोसेसिंग यूनिट्स के खिलाफ चल रही छापेमारी और जांच के बीच विरोध भी तेज हो गया है. राजस्थान कृषि विक्रेता संघ ने इस कार्रवाई के खिलाफ हड़ताल का ऐलान किया है. जिसको लेकर कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने बयान सामने आया है.
विरोध करना लोकतांत्रिक अधिकार
मंत्री मीणा ने स्पष्ट किया है कि विरोध करना लोकतांत्रिक अधिकार हो सकता है, लेकिन इस अभियान को लेकर भ्रम फैलाना एक अपराध है. उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई कृषि विभाग की गाइडलाइन के अनुरूप गुण नियंत्रण अभियान” का हिस्सा है, जिसका मकसद किसानों के हितों की रक्षा करना और घटिया बीज के काले कारोबार पर रोक लगाना है.
सही काम कर रही कंपनियां नहीं डरे
मंत्री ने कहा कि जो प्रोसेसिंग यूनिट सरकार की तय गाइडलाइन और नियमों के अनुसार उत्कृष्ट बीज तैयार कर रही हैं, उन्हें इस अभियान के पक्ष में खड़ा होना चाहिए, विरोध करने की कोई आवश्यकता नहीं है. सही काम कर रही कंपनियों को डरने की जरूरत नहीं है. मैं, विभाग और सरकार उनके साथ खड़े हैं.
कृषि मंत्री ने सभी बीज निर्माता कंपनियों को निर्देश दिए हैं कि वे निम्न दस्तावेज/रिकॉर्ड अपनी यूनिट में अनिवार्य रूप से बनाए रखें.
1. मूल जर्म प्लाज़्म से संबंधित बीज का स्रोत
2. बीज उगाने से लेकर कटाई तक की निरीक्षण रिपोर्ट
3. बीज का उत्पादन करने वाले किसानों की सूची
4. बीज कट्टों पर बुकरम पर्ची की जानकारी
5. TFL / प्रमाणित बीजों की अंकुरण परीक्षण रिपोर्ट
6. बीज उपचार की विधि और उपयोग किए गए पदार्थों का विवरण
7. बीज उत्पादन का लाइसेंस और बीज किस्मों की अनुमति शामिल है.
मंत्री ने चेतावनी देते हुए कहा,” जिन कंपनियों के पास यह रिकॉर्ड नहीं है, वे अमानक बीज तैयार कर रही हैं और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
किसान का बेटा हूं बर्दाश्त नहीं कर सकता
डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि मैं खुद किसान का बेटा हूं. यह बर्दाश्त नहीं कर सकता कि कोई अमानक बीज बेचकर किसानों को ठगे. ऐसा करने वालों को स्पष्ट चेतावनी है इस काले कारोबार को तुरंत बंद कर दें. मंत्री ने कृषि विक्रेता संघ से अपील की कि वे गलत करने वालों को बचाने की बजाय, सरकार की कार्रवाई में सहयोग करें. उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य किसी को परेशान करना नहीं, बल्कि किसानों के अधिकारों की रक्षा करना है.
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