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This Article is From Dec 10, 2024

रामचरित मानस की चौपाई के साथ सुसाइड नोट लिख युवक ने दी जान, पूर्व सभापति और पुलिस पर प्रताड़ना का आरोप

युवक के आत्महत्या करने पर परिजन और बड़ी संख्या में लोग अस्पताल में इकट्ठा हो गए. वे सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं. परिजनों का कहना है कि जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती, तब तक वे शव नहीं लेंगे.

रामचरित मानस की चौपाई के साथ सुसाइड नोट लिख युवक ने दी जान, पूर्व सभापति और पुलिस पर प्रताड़ना का आरोप
सुसाइड नोट लिख युवक ने दी जान

Rajasthan News: "बड़े भाग मानुष तन पावा, सुर दुर्लभ सब ग्रंथन्हि गावा." रामचरित मानस की चौपाई का जिक्र करते हुए दो पन्ने का सुसाइड नोट लिखकर राजस्थान के बारां में एक युवक ने जान दे दी है. युवक ने नगर परिषद के पूर्व सभापति कमल राठौड़ और पुलिस पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. युवक ने सुसाइड में लिखा कि मुझे माफ करना मम्मी-पापा. मेरा मन था मैं सरकारी नौकरी नौकरी करूं, पर गंदी राजनीति के शिकार से मेरा जीवन नरक हो गया है. युवक की आत्महत्या के बाद परिजन और बड़ी संख्या में लोग बारां जिला अस्पताल में इकट्ठा हो गए. आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने तक शव लेने से इनकार कर दिया. 

झुठा मुकदमा दर्ज करवाने का आरोप

जानकारी के मुताबिक, बारां के कोतवाली थाना क्षेत्र में सब्जीमंडी टेक निवासी युवक ने मंगलवाप दोपहर घर के भीतर फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली. युवक ने आत्महत्या करने से पहले दो पन्ने का सुसाइड नोट भी लिखा है. युवक ने सुसाइड नोट में लिखा, "मैं सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा था. मैंने रीट की परीक्षा देकर अपना भाग्य अपनाया आजमाया, पर इसमें सफल नहीं हुआ. इसके बाद भी मैंने सोचा था कि सरकारी नौकरी के लिए प्रयास करता रहूंगा. इस बीच कमल राठौड़ और उसके साथ ने मुझसे व्यक्तिगत व राजनैतिक द्वेषता पूर्वक मुझपर झूठा मुकदमा दर्ज दर्ज करवाया." 

हथियार के केस में फंसाने की जिक्र

युवक ने सुसाइड नोट में नगर परिषद बारां के पूर्व सभापति कमल राठौर और उसके इशारे पर कुछ पुलिस वालों पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है.  युवक ने सुसाइड नोट में लिखा है कि पूर्व सभापति कमल राठौर के इशारों पर पुलिस द्वारा उसे जबरन हथियार के केस में फंसाया जा रहा था. पुलिस उसके साथ जमकर मारपीट करती थी और यह सब पूर्व सभापति कमल राठौर के इशारे पर हो रहा था.

इसके साथ ही युवक ने सुसाइड नोट में लास्ट में लिखा कि मुझे माफ करना मम्मी-पापा. मैं आपके बुढ़ापे का सहारा नहीं बन पाया. मेरा मन था मैं सरकारी नौकरी नौकरी करके आपका नाम रोशन करूं, पर गंदी राजनीति के शिकार से मेरा जीवन नरक हो गया है. मेरी इस मनोदशा का मुख्य कारण कमल राठौड़ और उसके साथी हैं. इन्होंने अपने धनबल व कुटील सोच से कई निर्दोषों को इसी तरह फंसा रखा है. 

परिजनों का शव लेने से इनकार

सुसाइड नोट लिखने के बाद युवक ने मंगलवार को अपने घर पर आत्महत्या कर ली. मृतक युवक शुभम सक्सेना उर्फ सूरज का शव बारां जिला अस्पताल में रखा हुआ है. जहां उसके परिजनों और साथी लोग बड़ी संख्या में इकट्ठे हो गए. यह सभी लोग युवक के आत्महत्या वाले सुसाइड नोट में शामिल लोगों पर केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि जब तक आरोपी गिरफ्तार नहीं होते, तब तक वह मृतक का शव नहीं लेंगे. अस्पताल में लोगों की भीड़ की सूचना के बाद पुलिस जाब्ते के साथ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश चौधरी जिला अस्पताल पहुंचे. 

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